क्या इस मोहर्रम मे हो पाएंगी हुसैनाबाद ट्रस्ट के अधीन आने वाले इमाम बाड़ो मे मजलिस हुसैनाबाद ट्रस्ट के ज़िम्मदारो से बात करेगे:मौलाना कल्बे जवाद ,इमाम बाड़े में कोरोना टीका लगवाने को सैकड़ों की संख्या में लोग जमा हो सकते हैं तो मजलिस मे क्यों नहीं:मौलाना सैफ अब्बास

जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) क्या इस मोहर्रम मे हुसैनाबाद ट्रस्ट के अधीन आने वाले इमाम बाड़ो मे मजलिस हो पाएंगी।इस को लेकर क़यास लगाया जा रहा है। हुसैनाबाद ट्रस्ट के कर्मचरियों मे अहमद मेहदी,हबीबुल हसन और काज़मैन के दरोगा एजाज़ रिज़वी के मुताबिक़ मुहर्रम की तैयारी मुकम्मल कर ली गई है।छोटा इमाम बाड़ा शाहनजफ़ गारवाली कर्बला इमाम बाड़ा आगा अब्बू साहब मे रंगाई पुताई का काम मुकम्मल कर लिया गया है। लेकिन मजलिसो के लिए कोई लिखित आदेश नहीं आया है।हुसैनाबाद ट्रस्ट की प्रभारी से सम्पर्क करने की कोशिश की गई लेकिन सम्पर्क ना हो सका। पिछले वर्ष कोरोना महामारी की वजहा से हुसैनाबाद ट्रस्ट के अधीन आने वाले इमाम बाड़ो मे गुज़िश्ता मोहर्रम मे तले डाल दिए गए थे। जिस अज़ादारी ए इमाम हुसैन ए मज़लूम के लिए ट्रस्ट क़ायम किया गया था उसी अज़ादारी पर पाबन्दी लगा दी गई थी। 5 लोगो की इजाज़त के बावजूद किसी इमाम बाड़े मे मातमो मजलिस नहीं हो सकी थी ।इस बार 50 आदमीयो के धार्मिक स्थल मे रहने की गाइड लाइन के बावजूद हुसैनाबाद ट्रस्ट के अधीन आने वाले इमाम बाड़ो मे अभी तक मजलिस कराए जाने का आदेश नहीं आया है मोम की जरी पिछले वर्ष भी बनाई गई थी और इस वर्ष भी बनकर तैयार है। अवध के तीसरे बादशाह मोहम्मद अली शाह ने हुसैनबाद ट्रस्ट को मोहर्रम मे होने वाली अज़ादारी,जुलूस,मजलिस और मातम के लिए क़ायम किया था। क्योकि हुसैनबाद का कोई पुरसाने हाल नहीं है।इस लिए ट्रस्ट के चीयरमैन ज़िला अधिकारी है। सचिव और प्रभारी उनके मातहत अधिकारी है। पहले हुसैनबाद ट्रस्ट 1960 की स्कीम आफ मैनेजमेंट से चलाया जाता था दशकों पहले कमेटी भंग कर दी गई लेकिन बगैऱ कमेटी के चीयरमैन और सचिव काम कर रहे हैं।हुसैनबाद ट्रस्ट का मौजूदा हाल उस मिसाल का जैसा है की “जिसकी लाठी उसकी भैंस” हालत तो ये है की समाज वादी पार्टी की सरकार मे जब बड़े इमाम बड़े के सदर दरवाज़े के ग्राउंड मे अलम नसब किया गया तो मुक़दमा दर्ज करवा दिया गया था। करोड़ो की आमदनी वाले हुसैनबाद ट्रस्ट की इमारते जर्जर हो रही हैं। लेकिन कोई पुरसाने हाल नहीं है। पिछले वर्ष प्रमुख शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जवाद ने बड़े इमाम बाड़े मे एहतेजाजन मजलिस और मातम का सिलसिला क़ायम कर दिया था।आज प्रमुख शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जवाद ने आज इस संवाददाता से कहा की वह हुसैनाबाद ट्रस्ट के प्रशासन से बात करेगे ताकि वहां इस बार मजलिस हों और तब्बर्रूक तक़सीम किया जाए ।मौलाना सैफ अब्बास ने एक बयान जारी करके हुसैनबाद ट्रस्ट के अधीन आने वाले इमाम बाड़ो मे भी मजलिस का एहतेमाम किये जाने का मुतालबा किया है। मौलाना सैफ अब्बास ने हुसैनाबाद ट्रस्ट के सचिव से अपील की है कि जब छोटा इमाम बाड़ा में कोरोना का टीका लगवाया जा रहा था तो सैकड़ों की संख्या में लोग आते थे. इसके अलावा, बड़े इमाम बाडे़ में प्रतिदिन बड़ी संख्या में टूरिस्ट को आने की अनुमति है, लेकिन जिस लिए छोटे इमाम बाड़ा और बड़े इमाम बाडे़ का निर्माण किया गया है। जब इस लक्ष्य को पूरा करने का समय आता है, तो प्रतिबंध और शर्तें लगाई जाती हैं, जो कि बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।मौलाना ने लखनऊ के उलेमा और जाकिरों और अवध के नवाबों के वारिसों से अपील की है कि वे लोग आगे आएं और जिलाधिकारी से मिलें और इस बात को सुनिश्चित करें कि वक्फ हुसैनाबाद छोटे इमाम बाड़ा शाह नजफ के अलावा बड़ा इमाम बाड़ा में मजलिस आदि अन्य प्रोग्राम कोरोना गाइडलाइन के मद्देनजर आयोजित कराऐं।मौलाना सैफ अब्बास ने कहा कि सभी जिलों में देखा गया है कि बाजारों एवं राजनीतिक कार्यक्रमों में कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं लेकिन इस पर कोई सख्ती नहीं बरती जा रही है. इसलिए हम सरकार से अपील करते हैं कि इमाम हुसैन अ0स0 की शहादत के मौके पर मजलिसों में सभी धर्मों के लोग हिस्सा लेते है और कोरोना महामारी के खात्मे के लिए दुआ करते है इस लिए हम शसन एवं प्रशसन से अपील करते हे कि वह सभी जनपदों के अधिकारियों को निर्देश दे कि मुहर्रम मे अज़दारों को परेशान ना किया जाए।

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