शिया वक़्फ़ बोर्ड का गठन ना होने पर हाई कोर्ट नाराज़,प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक से व्यक्तिगत शपत पत्र दाख़िल करने को कहा
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) चुनावी प्रक्रिया शुरू करने के महीनो बाद भी शिया वक़्फ़ बोर्ड का गठन ना किए जाने से नाराज़ हाई कोर्ट ने आज प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक से व्यक्तिगत शपत पत्र दाख़िल करके अपना पक्ष रखने को कहा है। सय्यद मुशर्रफ हुसैन रिज़वी की अर्ज़ी पर सुनवाई करते हुए जस्टिस राजन राय और जस्टिस रवि नाथ तिलहरी की बेंच ने दस दिन मे व्यक्तिगत शपत पत्र (हलफ़ नामा) दाख़िल करके को कहा है। सय्यद मुशर्रफ हुसैन रिज़वी की तरफ से अधिवक्ता सय्यद आफ़ताब अहमद ने ज़बर्दस्त बहस की उन्होंने अदालत को बताया की मार्च मे असद अली की रिट पर उत्तर प्रदेश सरकार ने कोर्ट को बताया था की शिया वक़्फ़ बोर्ड के गठन के लिए चुनावी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।जिसके रिट पर सुनवाई का कोई अवचित नहीं है। जिसकी वजहा से अदालत रिट डिस्पोज़ आफ कर दी थी लेकिन महीनो बाद अभी तक शिया वक़्फ़ बोर्ड का गठन नहीं किया गया है। सय्यद मुशर्रफ हुसैन रिज़वी ने अदालत को बताया की वह मुतवल्ली हैं।और बोर्ड का गठन न होने की वजहा से कमेटी के इख़्तेयार वाले काम सफर कर रहे हैं। उन्होने अदालत से अपील की जल्द अज़ जल्द शिया वक़्फ़ बोर्ड का गठन किया जाए जिसपर अदालत ने मामले को संजीदा बताते हुए दस दिन मे प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक से व्यक्तिगत शपत पत्र दाख़िल करने को कहा है। और 24 अगस्त को सुनवाई की तारीख तैय की है।
गजनी शहर के बाद हेरात पर भी तालिबान का कब्जा,अफगान सरकार ने रखा साझेदारी का प्रस्ताव
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) तालिबान ने अब अफगानिस्तान के गजनी शहर पर भी अपना कब्जा जमा लिया है। इस बात की पुष्टि एएफपी न्यूज एजेंसी की ओर से गुरुवार को एक वरिष्ठ सांसद के हवाले से की गई है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, तालिबान ने अफगानिस्तान के मुख्य शहर गजनी पर कब्जा जमा लिया है। यह शहर अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से महज 150 किलोमीटर की दूरी पर है। इसके बाद तालिबान ने पश्चिमी अफगानिस्तान स्थित हेरात के पुलिस हेडक्वॉर्टर पर भी कब्जा कर लिया। न्यूज एजेंसी के मुताबिक गजनी दसवीं राजधानी है, जिसे तालिबान ने इस सप्ताह अपने कब्जे में लिया है। इससे अफगानिस्तान में लगातार राजनीतिक हालात खराब हो रहे हैं। इसको देखते हुए अमेरिका की चिंता भी बढ़ गई है। उसे चिंता है कि तालिबान 90 दिनों के अंदर काबुल पर अपना कब्जा जमा सकता है, जिसके बाद वहां सत्ता गिर सकती है। इसके बाद से ही अफगानिस्तान सरकार ने सुलह की कोशिशें शुरू कर दी हैं। कतर में तालिबानियों से बातचीत कर रहे सरकारी अधिकारियों ने जंग खत्म करने के लिए सत्ता साझा करने का प्रस्ताव दिया है। न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक, अफगान सरकार तालिबानियों को सत्ता में साझेदार बनाना चाहती है, ताकि वो देश में जंग खत्म कर दें। एएफपी ने प्रांतीय के प्रमुख नासिर अहमद के हवाले से बताया कि तालिबान ने अफगानिस्तान के ज्यादातर मुख्य केंद्रों पर कब्जा जमा लिया है। इसमें गवर्नर ऑफिस, पुलिस हेडक्वार्टर, जेल शामिल है। हालांकि, कई जगह से अभी भी संघर्ष की खबरें सामने आ रही हैं। लेकिन तालिबान ने प्रांतीय राजधानी के काफी नजदीक तक अपना कब्जा जमा लिया है। न्यूज एजेंसी ने इस खबर की पुष्टि के लिए तालिबान से संपर्क साधा, जिसके बाद तालिबान के प्रवक्ता की ओर से बयान जारी करके बताया गया है कि गजनी शहर अब तालिबान के नियंत्रण में है। भौलोगिक और राजनैतिक दोनों रूप से गजनी शहर अफगानिस्तान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। यह शहर काबुल-कंधार हाईवे पर स्थित है। जो अफगानिस्तान और उसकी राजधानी काबुल को जोड़ने का कार्य करता है। गजनी पर तालिबान का कब्जा होते ही अफगान वायु सेना पर दबाव भी बढ़ गया है। वायुसेना पहले से ही कठिनाईयों का सामना करते हुए तालिबान से लड़ रही है। पिछले एक सप्ताह में दस से ज्यादा राजधानियों पर कब्जे की इस खबर ने वायुसेना की मुश्किलों को और बढ़ा दिया है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने खुफिया सूत्रों के आधार पर दावा किया गया है कि तालिबान एक सप्ताह के अंदर काबुल को अलग-थलग कर उस पर कब्जा जमा लेगा। अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बिगड़ते हालातों पर अपनी चिंता जाहिर की है। रूस, अमेरिका, चीन, पाकिस्तान के साथ हुई बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया है कि अफगानिस्तान सरकार ने अंतररष्ट्रीय समुदाय के सामने तालिबान के क्रूर हमलों और मानवाधिकार के उल्लंघन के मुद्ददे को उठाया है। साथ ही इन हमलों को रोकने के लिए मदद की भी अपील की गई है।
अफगानिस्तान के हालात के लिए ट्रंप ने जो बाइडेन को ठहाराया जिम्मेदार, बोले पूर्व राष्ट्रपति- मैं होता तो हालात कुछ और होते
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता)अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन को अफगानिस्तान के मौजूदा हालात के लिए जिम्मेदार ठहरा दिया है। डोनल्ड ट्रंप ने कहा कि जब यूएस अफगानिस्तान से हट रहा था तब जो बाइडेन ने कोई शर्त नहीं रखी, जिसकी वजह से खूंखार तालिबान ने वहां आतंक मचा रखा है। ट्रंप ने कहा कि जो बाइडेन ने अफगानिस्तान से बाहर आने के लिए 31 अगस्त की तारीख मुकर्रर की थी। लेकिन अगर मैं राष्ट्रपति होता तो यह डील कुछ अलग होती और ज्यादा सफलतापूर्वक होता। आपको बता दें कि साल 2020 में यूएस नो दोहा में तालिबान के साथ डील की थी। उस वक्त डोनल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति थे। जिसके बाद यूएस ने अपने सैनिकों को मई 2021 में अपनी सेना को वहां से हटा लिया था। इस साल जब जो बाइडेन ने अमेरिका के राष्ट्रपति की कुर्सी संभाली थी तब भी उन्होंने तालिबान के साथ कोई शर्त नहीं रखी थी।
हिंदू महिलाओं को मेहंदी लगाने से मुस्लिम युवकों को रोका, क्रांति सेना कार्यकर्ताओं पर मुकदमा

जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) हरियाली तीज और उससे एक दिन पूर्व बाजार में मेहंदी लगाने वाले युवकों की चेकिंग करने वाले क्रांति सेना कार्यकर्ताओं के खिलाफ पुलिस ने मेहंदी का ठेला लगाने वाले एक अस्थाई दुकानदार की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज की है। क्रांति सेना के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने हरियाली तीज पर कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करते हुए मेहंदी लगाने वाले युवकों की चेकिंग की। उन्होंने चेतावनी दी थी कि दूसरे पक्ष के युवक अगर महिलाओं को मेहंदी लगाते मिले तो उन्हें अंजाम भुगतना होगा। शिवचौक निवासी प्रकाश चंद का कहना है कि वह जानसठ रोड पर पुलिया के पास मेहंदी का ठेला लगाए हुए खड़ा था। इसी बीच क्रांति सेना के नेता वहां पहुंचे और उसे कहने लगे कि उसे किसने यहां खड़ा होने की इजाजत दी है। उसने बताया तीज के चलते यहां आकर मेहंदी का ठेला लगा रहा है। इस पर क्रांति सेना के पदाधिकारी बिगड़ गए और उसके ठेले का सामान खुर्दबुर्द कर दिया। पुलिस ने उसकी तहरीर पर मनोज सैनी, अमित बॉबी, भुवन मिश्रा, योगेन्द्र शर्मा, राजेश कश्यप, पूनम अग्रवाल, आशीष, रोकी, अमित कश्यप, शैलेन्द्र शर्मा, मोहित त्यागी व 25 अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। इस संबंध में कुछ लोगों ने विरोध करते हुए यूपी पुलिस व मुख्यमंत्री को ट्वीट करते हुए कार्रवाई की मांग की थी।