मौलाना कल्बे जवाद ने की जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल से बात,गिरफ्तार नवजवान रिहा


जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) जम्मू कश्मीर मे जुलूस हाय अज़ा मे हुए लाठी चार्ज और शिया नवजवानो की गिरफ्तारी पर आज प्रमुख शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जवाद ने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिहां से फ़ोन पर बात की मौलाना कल्बे जवाद ने बताया की एलजी ने उनको बताया की लाठी चार्ज करने वाले पुलिस अफसर को हटा दिया गया और गिरफ्तार नवजवानो को रिहा कर दिया गया है। मौलाना जवाद ने बताया की श्रीनगर बड़गाम जम्मू कश्मीर के गावों और क़स्बों मे अज़ादारी के जुलूस उठाए जा रहे हैं।

अबू धाबी में हैं अशरफ गनी बोले- अगर मैं काबुल में रहता तो कत्लेआम मच जाता

अफगानिस्तान छोड़ने के बाद पहली बार दुनिया के सामने आए अशरफ गनी, कहा- काबुल में रहता तो कत्लेआम शुरू हो जाता
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद देश छोड़कर चले गए राष्ट्रपति अशरफ गनी का पता लग गया है। वह अबू धाबी में हैं। बताया जा रहा है कि संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई ने उन्हें मानवीय आधार पर शरण दी है। इसकी पुष्टि यूएई ने खुद की। इसके थोड़ी देर बाद ही गनी ने अफगान लोगों के नाम संदेश जारी किया। उन्होंने कहा कि अगर मैं काबुल में रहता तो कत्लेआम मच जाता। मुझे भगोड़ा कहने वाले पूरी बात जान लें। रही बात पैसे लेकर भागने की, तो यह सिर्फ अफवाह है। इसमें कोई सच्चाई नहीं है। गौरतलब है कि तालिबान ने दो दिन पहले काबुल स्थित राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ने की जानकारी मिली। शुरुआत में बताया गया था कि वह ताजिकिस्तान चले गए, लेकिन वहां उन्हें शरण नहीं मिली। गौरतलब है कि अफगानिस्तान के संकट पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। उन्होंने अफगानिस्तान के ताजा हालात के लिए राष्ट्रपति अशरफ गनी को ही जिम्मेदार ठहराया था। बाइडन का कहना था कि अशरफ गनी बिना लड़े ही अपना देश छोड़कर चले गए।बता दें कि अशरफ गनी के अफगानिस्तान छोड़ने के बाद कई अफवाहें भी सामने आईं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया कि गनी अपने साथ चार कार और एक हेलिकॉप्टर में काफी पैसा ले गए। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हुई। 

अफगानिस्तान में लागू नहीं होगा लोकतंत्र,शरिया से ही चलेगा शासन:तालिबान
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होने के बाद पूरी दुनिया की निगाह इसी बात पर टिकी है कि आखिर कट्टरपंथी विद्रोही संगठन का किस तरह युद्धग्रस्त देश को चलाएगा? इसका शासन का मॉडल क्या होगा? और किन नेताओं के हाथों में बागडोर होगी? तालिबान के एक वरिष्ठ नेता ने इस सभी सवालों का जवाब देते हुए कहा है कि वे शरिया कानून के मुताबिक ही चलेंगे। उन्होंने लोकतंत्र को यह कहकर खारिज कर दिया है कि अफगानिस्तान में इसके लिए कोई जगह नहीं है।सकता है, जबकि हैबतुल्ला अखुंदजादा इसके सर्वोच्च नेता बने रहेंगे। समूह के नीति निर्माण से जुड़े रहने वाले नेता वाहीदुल्लाह हाशिमी ने कहा कि तालिबान अफगान सेना के पूर्व पायलट्स और सैनिकों को भी अपने समूह में जोड़ेगा।हाशिमी ने रेखांकित किया कि तालिबान का शासन मॉडल 1996-2001 के कार्यकाल जैसा ही होगा, जब इसका सबसे बड़े नेता मुल्ला उमर था, लेकिन रोजमर्रा के फैसले एक काउंसिल के द्वारा लिया जाता था। इस बार अखुंदजादा काउंसिल के ऊपर होंगे, जोकि देश के राष्ट्रपति के समान पद होगा। हाशिमी ने यह भी कहा कि अखुंदजादा के डेप्युटी राष्ट्रपति की भूमिका निभा सकते हैं। तालिबान के सर्वोच्च नेता के तीन डेप्यूटी मुल्ला उमर का बेटा मौलवी याकूब, सिराजुद्दीन हक्कानी और अब्दुल गनी बरादर हैं।हाशिमी ने यह भी कहा कि कई मुद्दों पर अभी फैसला होना बाकी है, लेकिन यह तय है कि अफगानिस्तान में लोकतंत्र नहीं होगा। हाशिमी ने कहा, ”लोकतांत्रिक व्यवस्था तो बिलकुल नहीं होगा, क्योंकि इसका हमारे देश में कोई आधार नहीं है। हम इस बात पर चर्चा नहीं करेंगे कि अफगानिस्तान में क्या राजनीतिक प्रक्रिया होगी, क्योंकि यह साफ है। यह शरिया कानून है, बस।”हाशिमी ने कहा कि वह इसी सप्ताह तालिबानी नेतृत्व से मिलेंगे, जहां शासन पर चर्चा होगी। अफगानी सैनिकों को शामिल किए जाने के सवाल पर हाशिमी ने कहा कि एक नए राष्ट्रीय बल का गठन किया जाएगा, जिसमें इसके लड़कों के साथ ही अफगानी सैनिकों को भी भर्ती किया जाएगा। उनमें से अधिकतर ने तुर्की, जर्मनी और इंग्लैंड में ट्रेनिंग ली है। इसलिए हम उनसे बात करेंगे। हाशिमी ने यह भी कहा कि तालिबान को पायलट्स की जरूरत है, क्योंकि उनके पास कोई ऐसा नहीं है, जबकि कई हेलिकॉप्टर और लड़ाकू विमान उनके हाथ लगे हैं।

भाजपा विधायक के घटिया बोल,किसी माई के लाल में दम हो तो ताजिये दफनाकर दिखाए’

जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) दूसरे मज़हब का सम्मान ना करने वाले बीजेपी के एक घटिया विधायक ने विवादित बयान जारी किया है। गौर तालाब है खुद प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी गुजरात मे मोहर्रम मे बोहरा समाज की तरफ से होने वाली मजलिस मे शिरकत कर चुके है। और सर्व धर्म सम्मान की बात करते है। लेकिन इस विधायक ने मोहर्रम को लेकर लोगों को धमकी दी है। इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। कानपुर से भाजपा विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने मोहर्रम को लेकर लोगों को धमकाता दिख रहा हैं। उन्होंने बयान दिया है कि किसी माई के लाल में दम हो तो ताजिए को दफनाकर दिखाएं। उनके इस विवादित बयान का वीडियो किसी बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। भाजपा विधायक सांगा इससे पहले भी वह कई बार विवादित बयान देते रहे हैं। बिठूर में आयोजित एक जनसभा के संबोधन के दौरान मोहर्रम को लेकर भाजपा विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने विवादित बयान तो उसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वायरल वीडियो में अभिजीत सिंह सांगा लोगों से कहते नजर आ रहे हैं कि कोई ताजिया रखने का काम करेगा तो सबसे पहले हम यहां तखत डालकर बैठेंगे और ये चुनौती देता हूं कि मेरे रहते किसी माई के लाल की हिम्मत नहीं जो इस स्थान को कर्बला बना दे। बीजेपी विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने कहा कि सभी लोग साथ दें। मोदी-योगी की सरकार है, सभी मिलकर हिंदुत्व की बात पर साथ रहें और हम भी सबसे पहले खड़े रहेंगे, अगर यहां ताजिया उठेगा तो लखनऊ की विधानसभा छोड़कर यहां आकर उनको रोकने का काम करूंगा, यहां ताजिया दफन नहीं होगी, उनके इरादे दफन होंगे।उन्होंने कहा, प्रधानजी मैं अभी एसओ को अवगत करा दूंगा, आप भी एक लिखित प्रार्थना पत्र थाने में पहुंचाने का काम करें। यहां जो भी अराजकतत्व बिना अनुमति के आते हैं तो तुरंत 112 पर फोन करिए। भाजपा विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने कहा, योगी सरकार में ऐसे अरातकतत्व की हैसियत नहीं पड़ेगी। वीडियो में वह आगे कहते नजर आ रहे हैं कि धरती पर आकर कर्बला बनाने का काम करे या ताजिया दफन करने का काम करें। 19 अगस्त को विधानसभा चल रही होगी, लेकिन विश्वास दिलाता हूं कि यदि यहां ताजिया उठेगा तो मैं विधानसभा छोड़ दूंगा। भाजपा विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने कहा कि यहां ताजिया तो दफन नहीं होगा, लेकिन उनके इरादे दफन कर दिए जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि जहां हिंदुत्व और सनातन धर्म की बात होगी वहां अभिजीत सिंह सांगा खड़ा रहेगा।

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