जितेंद्र नारायण त्यागी ( पूर्व के वसीम रिज़वी ) आज कर्बला मलका जहाँ पहुंचने पाँच लाख रुपया नगद कुछ कागज़ात (सरकारी फाइल ) लेकर फरार,शिया समुदाए मे रोष पुलिस को दी गई तहरीर
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) जितेंद्र नारायण त्यागी ( पूर्व के वसीम रिज़वी ) के आज कर्बला मलका जहाँ पहुंचने की खबर से शिया समुदाए मे रोष है। पता चला है की आज लगभग 4 बजे जितेंद्र नारायण त्यागी अपने कुछ लोगों के साथ कर्बला मलका जहाँ पहुंचे इलज़ाम है की उन वहां से नगदी रुपया और कुछ कागज़ात निकल कर फरार हो गए इस सिलसिले मे कर्बला मलका जहाँ मे ऑफिस इंचार्ज सय्यद क़म्बर अब्बास ने थाना तालकटोरा मे तहरीर देकर शिकायत की है की जितेंद्र नारायण त्यागी ( पूर्व के वसीम रिज़वी ) के आज लगभग 4 से 5बजे के बीच आये और लगभग पाँच लाख रुपया नगद कुछ कागज़ात (सरकारी फाइल ) लेकर फरार हो गए। इस बीच शिया सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड के चीयरमैन अली ज़ैदी को इस घटना की जानकारी दी गई अली ज़ैदी का कहना है की कर्बला मलका जहाँ मे मुतवल्ली वसीम रिज़वी और नाएब मुतवल्ली सय्यद फ़ैज़ी हैं क्योकि वसीम रिज़वी जितेंद्र नारायण त्यागी हो गए और मुसलमान नहीं रहे अब नाएब मुतवल्ली सय्यद फ़ैज़ी को नोटिस जारी की जाएगी और क़ानूनी करवाई की जाएगी । उधर इस खबर के फैलते ही कसीर तादाद मे लोग कर्बला पहुंचने लगे। पुलिस को दी गई तहरीर मे ऑफिस इंचार्ज सय्यद क़म्बर अब्बास ने बताया है की कर्बला मलका जहाँ के ऑफिस मे लगभग दस लाख रुपये रखे थे। जो रिकार्ड मे दर्ज हैं पैन कार्ड न होने की वजहा से बैंक मे जमा नहीं हुए थे। जितेंद्र नारायण त्यागी ने ज़बरदस्ती गलम गलौज करके चाबी मांगी मना करने पर जानसे मरने की धमकी देने लगा और और लगभग पाँच लाख रुपया नगद कुछ कागज़ात (सरकारी फाइल ) लेकर फरार हो गया। ज़ियारत करने कर्बला आये कई लोगो ने जितेंद्र नारायण त्यागी (वसीम )को देखा लेकिन कोई उसको रोकने टोकने की हिम्मत नहीं कर सका।

किसान आंदोलन स्थगित, नेताओं ने कहा – सरकार वादे से मुकरी तो फिर होगा आंदोलन


जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) संयुक्त किसान मोर्चा ने बीते वर्ष 26 नवंबर से चल रहे किसान आंदोलन को स्थगित करने का एलान कर दिया है।11 दिसंबर से किसान धरना स्थल से हटना शुरू कर देंगे। सरकार से बातचीत के लिए बनाई गई पांच सदस्यीय कमेटी के सभी सदस्यों के साथ योगेंद्र यादव और राकेश टिकैत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये जानकारी दी।किसान नेताओं ने कहा है कि वे 11 दिसंबर से अपने घर लौटना शुरू कर देंगे। नेताओं का कहना है कि 15 जनवरी को एक बार फिर वे स्थिति की समीक्षा करेंगे और अगर केंद्र सरकार वादे पूरे नहीं करती है, तो वे फिर आंदोलन करेंगे। इस दौरान योगेंद्र यादव ने कहा, “11 दिसंबर से पूरे देश में जहां कहीं भी किसान धरने पर बैठे हैं वो उठा लिया जाएगा।”उन्होंने कहा, “किसान ने अपना खोया हुआ आत्मसम्मान हासिल किया है, किसानों ने एकता बनाई है, किसानों ने राजनैतिक ताक़त का एहसास किया है।”इस मौके पर किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा, “हर माह समीक्षा होगी. अगर सरकार अपने वादे से मुकरी तो फिर आंदोलन शुरू करेंगे.”किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा कि, “11 दिसंबर से किसान अपने घर लौटना शुरू कर देंगे। वहीं किसान नेता बलबीर राजेवाल ने कहा कि “अहंकारी सरकार को झुकाकर जा रहे हैं. लेकिन यह मोर्चे का अंत नहीं है. हमने इसे स्थगित किया है. 15 जनवरी को फिर संयुक्त किसान मोर्चा की फिर मीटिंग होगी जिसमें आंदोलन की समीक्षा करेंगे।”किसान नेता शिव कुमार शर्मा ने कहा, “अभी फ़सल बीमा जैसे कई सवाल है. संयुक्त किसान मोर्चा कायम रहेगा, इसे और ज़्यादा ताक़तवर हम मिलकर बनाएंगे. 15 जनवरी को दिल्ली में इसकी बैठक आयोजित की जाएगी।" उन्होंने कहा, “किसान आंदोलन में साढ़े पांच सौ से ज़्यादा संगठन एकजुट होकर साथ आए हैं. ये एक ज़बरदस्त मिसाल है. हमारी मेहनतकश जनता में एक विश्वास आया है कि अगर हम अपनी मांगों के लिए एकजुट होकर लड़े तो हमारी जीत होगी।”

 

 

 

 

 

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