सऊदी अरब ने तबलीगी जमात पर लगाया प्रतिबंध,बताया-आतंकवाद का प्रवेश द्वार
इस्लामिक मामलों के मंत्रालय ने मस्जिद में उपदेशकों को आदेश दिया है कि वे लोगों को तबलीगी जमात के बारे में आगाह करें

जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) सऊदी अरब सरकार ने सुन्नी इस्लामी अतिवादी संगठन तबलीगी जमात पर प्रतिबंध लगा दिया है।सऊदी अरब में इस्लामिक मामलों के मंत्री डॉ अब्दुल्लातिफ अल शेख ने ट्वीट कर जानकारी दी। उन्होंने मस्जिदों के इमामों के निर्देश दिया कि वे शुक्रवार को नमाज के लिए आने वाले लोगों को जमात की गतिविधियों के बारे में बताएं। सरकार ने इस संगठन को आतंकवाद के प्रवेश द्वारों में से एक बताया है। सऊदी इस्लामिक मामलों के मंत्रालय ने मस्जिद में उपदेशकों को आदेश दिया है कि वे लोगों को तबलीगी जमात के बारे में आगाह करने के लिए अगले शुक्रवार को बताएं।सरकार से मस्जिदों से इस संगठन के पथभ्रष्टता, विचलन और खतरे के बारे में बताने को कहा है।

कहा गया कि यह आतंकवाद के द्वारों में से एक है। तबलीगी जमात की सबसे प्रमुख गलतियों को बताने को कहा गया है। मंत्रालय ने समाज को इस संगठन से होने वाले खतरे को लेकर बताने को कहा गया है। वहीं, सऊदी अरब के इस सख्त कदम के बाद भारत समेत दुनियाभर में फैले तबलीगी जमातियों ने उनका विरोध शुरू कर दिया है। पुणे के तबलीगी जमात के नेता मुफ्ती अकबर हाशमी ने सऊदी अरब सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सऊदी सरकार तबलीगी जमात से इसलिए डर रही है, क्योंकि अफगानिस्तान में दोबारा तालिबान अपना कब्जा जमा चुका है और उनकी हुकूमत कायम हो गई है। हाशमी ने कहा कि तालिबान ने ऐलान कर दिया है कि वो देवबंदी मसलक से संबंध रखते हैं और उनका नजरिया इस्लाम पर अमल करने का है। हाशमी ने कहा कि सऊदी सरकार को इस बात का डर है कि इस जमात से जुड़े लोग उनके यहां भी हैं, वो कहीं सरकार का विरोध न करने लग जाएंं।रिपोर्ट्स के मुताबिक 1926 में भारत में बना तबलीगी जमात एक सुन्नी इस्लामिक मिशनरी आंदोलन है जो मुसलमानों से सुन्नी इस्लाम के शुद्ध रूप में लौटने और धार्मिक रूप से चौकस रहने की अपील करता है। यह संगठन ड्रेसिंग, व्यक्तिगत व्यवहार और अनुष्ठानों की शुद्ध इस्लामी रूप की वकालत करता है। एक अनुमान के मुताबिक दुनिया भर में तबलीगी जमात के 35-40 करोड़ सदस्य हैं। इनका दावा है कि इनका फोकस एरिया धर्म है और ये राजनीतिक गतिविधियों से बचते हैं। यूनाइटेड स्टेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ पीस ने तबलीगी जमात को एक इस्लामी पुनरुत्थानवादी संगठन के रूप में बताया है। कहा है कि आतंकवाद संबंध में कई बार इस संगठन का नाम सामने आया है। प्यू रिसर्च सेंटर की मानें तो तबलीगी जमात पश्चिमी यूरोप, अफ्रीका और दक्षिण एशिया सहित दुनिया भर के लगभग 150 देशों में सक्रिय है। रिपोर्ट्स के मुताबिक दक्षिण एशिया खासकर इंडोनेशिया, मलेशिया, बांग्लादेश, पाकिस्तान और थाईलैंड में जैसे देशों में इस संगठन के सदस्य करोड़ों में हैं।

बड़ा ब्राह्मण चेहरा माने जाने वाले नेता हरिशंकर तिवारी बेटों के साथ सपा में शामिल
क्या प्रदेश के ब्राह्मण समाजवादी पार्टी की ओर आकर्षित हो रहे हैं?

यूपी विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी-बसपा को बड़ा झटका, सपा में शामिल हुए जय चौबे और विनय शंकर
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) बहुजन समाज पार्टी से निष्कासित और पूर्वांचल के गोरखपुर का एक बड़ा ब्राह्मण चेहरा माने जाने वाले नेता हरिशंकर तिवारी रविवार को अपने दो बेटों के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। उनके बड़े बेटे भीम शंकर तिवारी उर्फ़ कुशल तिवारी संत कबीर नगर से लोक सभा सांसद रह चुके हैं और छोटे बेटे विनय शंकर तिवारी गोरखपुर के चिल्लूपार से बसपा विधायक हैं। इन सभी को सपा में शामिल होने की संभावनाओं के बीच पिछले हफ़्ते बहुजन समाज पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। इसके साथ ही संत कबीर नगर के ख़लीलाबाद से बीजेपी विधायक दिग्विजय नारायण चौबे उर्फ़ जय चौबे ने भी बीजेपी छोड़ सपा की सदस्यता ली। बीजेपी से सपा में शामिल होने वाले वो दूसरे बीजेपी विधायक हैं. इससे पहले सीतापुर से बीजेपी विधायक राकेश राठौड़ भी सपा से जुड़ चुके हैं। बसपा के शासनकाल में उत्तर प्रदेश विधान परिषद के अध्यक्ष रहे गणेश शंकर पांडेय ने भी समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। हरिशंकर तिवारी के परिवार और बीजेपी विधायक जय चौबे के सपा में शामिल होने से अखिलेश यादव यह संकेत देना चाह रहे हैं कि प्रदेश के ब्राह्मण पार्टी की ओर आकर्षित हो रहे हैं। और 2022 चुनावों के पहले विपक्ष बीजेपी को ब्राह्मण विरोधी साबित करने में लगा हुआ है।बता दें कि विनय शंकर तिवारी की अखिलेश से दिसंबर के पहले हफ्ते में ही मुलाकात हो चुकी है। उल्लेखनीय है कि पांडेय और तिवारी बंधुओं को बसपा से हाल ही में अनुशासनहीनता के आरोप में निष्कासित किया गया था। बसपा सूत्रों के अनुसार विनय शंकर तिवारी की अखिलेश से मुलाकात के बाद ही 7 दिसंबर को तिवारी परिवार को बसपा से निष्कासित किया गया था।

मैं हिंदू हूं, लेकिन हिंदुत्ववादी नहीं,राहुल गांधी


जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) राजस्थान में कांग्रेस की महंगाई के खिलाफ महारैली में राहुल गांधी मोदी सरकार पर जमकर तीर चलाए। रैली को संबोधित करते हुए कहाकि देश को जनता नहीं चला रही है। तीन चार पूंजीपति चला रहे हैं और प्रधानमंत्री उनका काम कर रहे हैं। इस दौरान राहुल गांधी ने कहाकि देश की राजनीति में दो शब्दों की टक्कर चल रही है। एक एक शब्द है हिंदू और दूसरा शब्द है हिंदुत्ववादी। उन्होंने कहाकि देश में महंगाई की वजह हिंदुत्ववादी हैं। साथ ही राहुल गांधी महंगाई के लिए भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी के अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, अजय माकन, मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई दिग्गज कांग्रेसी मौजूद रहे।इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि वह हिंदू और हिंदुत्ववादी के बीच के अंतर को स्पष्ट करना चाहते हैं। राहुल गांधी ने कहाकि मैं हिंदू हूं, लेकिन हिंदुत्ववादी नहीं हूं। उन्होंने कहाकि महात्मा गांधी हिंदू थे, लेकिन गोडसे हिंदुत्ववादी था। राहुल ने कहाकि कुछ भी हो जाए हिंदू सत्य को ढूंढता है। उन्होंने कहाकि महात्मा गांधी ने ऑटोबायोग्राफी लिखी माई एक्सपेरिमेंट विद ट्रुथ। सारी जिंदगी सच को जानने में बिताई और अंत में एक हिंदुत्ववादी ने छाती में गोली मार दी। राहुल गांधी ने कहा कि देश में हिंदुत्ववादियों का राज है, हिंदुओं का नहीं। उन्होंने कहाकि देश में हिंदू रहते हैं, लेकिन हिंदुत्ववादी देश को चला रहे हैं। हमें एक बार फिर इन हिंदुत्वादियों को बाहर निकालना है, हिंदुओं का राज लाना है। राहुल गांधी ने कहाकि हिंदुत्ववादी पूरी जिंदगी सत्ता ढूंढने में लगा देता है। सत्ता के लिए वह कुछ भी कर देता है। उसका रास्ता सत्याग्रह नहीं, सत्ताग्रह है वह सत्ता के लिए किसी को मार देगा, कुछ भी कर देगा। राहुल ने कहाकि हिंदू डर का सामना करता है और एक इंच पीछे नहीं हटता। कांग्रेस नेता ने इस मौके पर भगवान शिव का भी उदाहरण दिया। उन्होंने कहाकि हिंदू शिवजी की जैसे अपने डर को निगल लेता है। वहीं हिंदुत्ववादी अपने डर के आगे झुक जाता है, डर के आगे मत्था टेकता है। हिंदुत्ववादी को डर के चलते उसके अंदर नफरत आती है। हिंदू डर का सामना करता है इसलिए उसके दिल में प्यार रहता है। राहुल ने इस मौके पर गीता का भी उदाहरण दिया। उन्होंने कहाकि गीता में लिखा है सत्य की लड़ाई लड़ो। गीता में कृष्ण ने यह नहीं कहाकि अपने भाइयों को सत्ता के लिए मारो, अपने भाइयों को सच के लिए मारो। 3000 साल में हिंदू दबाया नहीं गया, कभी नहीं दबाया जा सकता।

 

 

 

 

 

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