ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की बरसी पर इजरायली वेबसाइट हैक
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) इसराइली अख़बार यरूशलम पोस्ट ने सोमवार को कहा कि उसकी वेबसाइट को हैक कर लिया गया है जो साफ़तौर पर देश के लिए ख़तरा है।वेबसाइट के पन्ने पर ख़बरों की बजाए ईरान की क़ुद्स फ़ोर्स के प्रमुख जनरल क़ासिम सुलेमानी को याद करता हुआ एक चित्र दिखाई देने लगा था। जनरल क़ासिम सुलेमानी की साल 2020 में इसी दिन अमेरिकी के एक ड्रोन हमले में हत्या कर दी गई थी। उनकी मौत की बरसी पर इसराइली वेबसाइट हैक होने की ख़बर आई है।वेबसाइट पर दिखे चित्र में ऊपर की तरफ़ मुठ्ठी बांधे हुए एक हाथ बना था जिसकी उंगली में पहनी हुई लाल रंग की अंगूठी से एक गोली निकलकर ज़मीन की तरफ़ जा रही थी। चित्र पर लिखा था, “हम वहां आपके करीब हैं जहां आप सोचते नहीं है.’’ ये उसी अंगूठी तरफ़ ईशारा था जो सुलेमानी पहना करते थे।इसे लेकर यरूशलम पोस्ट ने ट्वीट किया था, “हम हमारी वेबसाइट हैक होने की जानकारी है, साथ ही इसराइल को सीधे ख़तरे की।”हैकर्स ने इस वेबसाइट के कंटेंट को बदलकर एक तस्वीर लगा दी। इस तस्वीर में इजरायल के अघोषित परमाणु हथियार कार्यक्रम से जुड़ी जगह को उड़ाने की धमकी दी गई है।अभी तक किसी भी समूह ने इस हैकिंग की जिम्मेदारी नहीं ली है। हैकर्स ने जो तस्वीर पोस्ट की है,उसमें इजरायल के डिमोना शहर के पास शिमोन पेरेज नेगेव परमाणु अनुसंधान केंद्र को निशाना बनाते हुए ईरानी सेना के हमले को दिखाया गया है। यह परमाणु फैसिलिटी पहले से ही दशकों पुरानी भूमिगत प्रयोगशालाओं का घर है और यहां से इजरायल के परमाणु बम कार्यक्रम के लिए हथियार-ग्रेड प्लूटोनियम प्राप्त करने का काम होता है। परमाणु अस्पष्टता की अपनी नीति के तहत, इजरायल परमाणु हथियार होने की न तो पुष्टि करता है और न ही इनकार करता है। जेरूसलम पोस्ट ने एक ट्वीट में हैकर्स के निशाने पर होने की बात स्वीकार की।अंग्रेजी भाषा के इस अखबार ने लिखा, “हम अपनी वेबसाइट के हैकिंग के बारे में जानते हैं, साथ ही इजरायल के लिए एक सीधा खतरा है। हम इस मुद्दे को हल करने के लिए काम कर रहे हैं और पाठकों को उनके धैर्य और समझ के लिए धन्यवाद देते हैं।” अखबार ने बाद में अपनी वेबसाइट बहाल कर दी। इसने बताया कि ईरान का समर्थन करने वाले हैकर्स ने पहले 2020 में “तेल अवीव के जलने की तस्वीर के साथ” इसके होमपेज को टारगेट किया था। इजरायली सरकार की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। दिसंबर के अंत में इजरायल के पूर्व सैन्य खुफिया प्रमुख ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था कि उनका देश सुलेमानी की हत्या में शामिल था। ईरान ने भी तुरंत इस हैकिंग को स्वीकार नहीं किया। हालांकि, देश ने हाल के दिनों में शहीद रिवोल्यूशनरी गार्ड जनरल की बरसी मनाने के कार्यक्रमों को तेज कर दिया है। उनकी मृत्यु के उपलक्ष्य में सोमवार को स्मारक सेवाएं आयोजित की जानी थीं। इससे पहले सोमवार को, यमन में लड़ रहे एक सऊदी नेतृत्व वाले गठबंधन ने ईरानी समर्थित हूथी विद्रोहियों पर लाल सागर में होदेदा बंदरगाह से एक अमीराती ध्वज वाले जहाज को जब्त करने का आरोप लगाया। हालांकि विद्रोहियों ने घटना को स्वीकार नहीं किया है। साथ ही सोमवार को, ब्रिटिश सेना की देखरेख करने वाले एक समूह ने भी कहा कि उसके पास लाल सागर में यमन के तट पर एक जहाज पर संभावित हमले की रिपोर्ट है। यह जगह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग है। ब्रिटिश सेना के यूनाइटेड किंगडम मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशंस ने कहा कि उसे एक जहाज पर हमले की सूचना मिली थी, जो यमन के तट से दूर होदेडा के बंदरगाह शहर के पास हो सकता है। ब्रिटिश सेना ने विस्तार से नहीं बताया।
प्रियंका गांधी ने खुद को किया आइसोलेट,परिवार का एक सदस्य और स्टाफ को हुआ कोरोना
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने परिवार के एक सदस्य और उनके एक स्टाफ सदस्य के रविवार को कोविड-19 पॉजिटिव पाए जाने के बाद खुद को आइसोलेट कर लिया है। हालांकि प्रियंका गांधी की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “मेरे परिवार के एक सदस्य और मेरे एक कर्मचारी को कल COVID-19 पॉजिटिव पाया गया। मेरी रिपोर्ट नेगेटिव आई है, हालांकि डॉक्टर ने सलाह दी है कि मैं आइसोलेट रहूं और कुछ दिनों के बाद फिर से टेस्ट हो।इस बीच, भारत में पिछले 24 घंटों में 33,750 नए कोविड-19 मामले और 123 मौतें दर्ज हुईं हैं। मंत्रालय के अनुसार, ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामलों की संख्या 1,700 है और यह 23 राज्यों में फैल गया है। 510 मामलों के साथ महाराष्ट्र सबसे अधिक प्रभावित राज्य है, इसके बाद दिल्ली में 351 मामले हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा पार्टी की महासचिव हैं और उत्तर प्रदेश की प्रभारी हैं। पिछले हफ्ते, प्रियंका और उनके भाई कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कोविड-19 से मरने वालों के परिवारों को मुआवजे की मांग की और कहा कि यह पीड़ितों को न्याय की दिशा में पहला कदम होगा।COVID-19 की दूसरी लहर के दौरान गंगा में फेंके जा रहे शवों पर एक समाचार रिपोर्ट साझा करते हुए, प्रियंका ने एक ट्वीट में कहा, “कोरोना की दूसरी लहर के वक्त उप्र की जनता असहनीय पीड़ा में थी व सरकार सच छिपाने के लिए गंगा किनारे दफनाए गए शवों से रामनामी हटाने और गंगा में तैरते शवों की सच्चाई छिपाने में व्यस्त थी। योगी आदित्यनाथ जी को प्रदेश से माफी मांगनी चाहिए और पीड़ित परिवारों को तुरंत मुआवजा देना चाहिए।
लखीमपुर हिंसा: किसानों को कुचलकर मारने के मामले में 5,000 पन्नों की चार्जशीट दायर,
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) लखीमपुर खीरी के तिकुनियां में गाड़ियों से कुचल कर किसानों की हत्या करने के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस की एसआईटी ने सोमवार को अपनी चार्जशीट दाखिल की।पांच हज़ार पन्नों की चार्जशीट को स्टील के तालाबंद बक्सों में लखीमपुर के कचहरी परिसर में लाया गया और उसे सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया।वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी एसपी यादव ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, “5000 पन्नों की चार्जशीट दाख़िल हुई है और इसमें एक और अभियुक्त वीरेंद्र शुक्ल का नाम भी शामिल किया गया है जिन पर साक्ष्य मिटाने का आरोप है।”अब इस मामले में कुल अभियुक्तों की संख्या 14 हो गई है।वरिष्ठ अभियोजन अधिकार एसपी यादव से सवाल पुछा गया की क्या आशीष मिश्र की मौजूदगी थी की नहीं तो उन्होंने कहा कि, “गवाहों के बयानों में आया है की आशीष मिश्रा मौके पर मौजूद थे.” उनसे सवाल पुछा गया की क्या चार्जशीट में ये बात लिखी गयी है या नहीं, तो उन्होंने जवाब दिया की, “केस डायरी में है.” अभियोजन पक्ष चार्जशीट के साथ साथ केस डायरी या सीडी भी कोर्ट में दायर करता है।आरोप पत्र किसी भी हालत में जल्द से जल्द दाख़िल किया जाना था क्योंकि उसे दाख़िल करने की 90 दिन की अवधि समाप्त हो रही थी. अगर एसआईटी ऐसा नहीं करती तो सभी अभियुक्तों के लिए ज़मानत लेने के क़ानूनी रास्ते खुल सकते थे।इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र मुख्य अभियुक्त हैं. साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री अखिलेश दास के भतीजे अंकित दास के अलावा 12 अन्य सह अभियुक्त हैं।जांच के दौरान एसआईटी ने अभियुक्तों के मोबाइल फ़ोन, बरामद किए गए हथियार और घटना से जुड़े तमाम वीडियो फ़ॉरेंसिक जांच के लिए भेजे थे और उनसे जुड़ी अधिकतर रिपोर्ट एसआईटी को मिल चुकी है. उन्हें सबूत के तौर पर चार्जशीट के साथ पेश किया गया है।बीते साल तीन अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर ज़िले के तिकुनियां कस्बे में उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का विरोध कर रहे किसानों पर कथित तौर पर बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र से जुड़े लोगों ने गाड़ियां चढ़ा दी थीं।इस घटना में चार किसानों की कारों से कुचलने से मौत हुई थी. एक पत्रकार की भी कार से कुचलने से मौत हुई थी जबकि मौके पर मौजूद भीड़ ने कारों में सवार तीन लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी. कुल आठ लोग इस हिंसा में मारे गए थे।इस घटना के बाद विपक्ष के तमाम नेताओं ने लखीमपुर खीरी पहुंचकर पीड़ित परिवारों से मिलने की कोशिश की. इसके बाद से किसान संगठन केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के निलंबन और उनके बेटे के ख़िलाफ़ गंभीर मामला चलाए जाने की मांग कर रहे हैं।सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी मामले का स्वतः संज्ञान लेने के बाद इस मामले की सुनवाई की थी. मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना के नेतृत्व वाली पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार से मामले में की जा रही न्यायिक जांच का विवरण भी देने को कहा था।