यूपी में भाजपा को बड़ा झटका कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य का योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफा,सपा में शामिल,मौर्य के समर्थक में सात और विधायकों के इस्तीफा देने की ख़बर


जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) उत्तर प्रदेश के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने योगी कैबिनेट पद से इस्तीफा दे दिया है और समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैंस्वामी प्रसाद मौर्य ने इस्तीफा देने के बाद कहा, मैंने दलितों, पिछड़े वर्गों, किसानों, युवाओं और व्यापारियों के खिलाफ सरकार के रवैये को ध्यान में रखते हुए योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया है। आने वाले दिनों में दर्जनों विधायक इस्तीफा देंगे.स्वामी प्रसाद मौर्य के कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उनके साथ एक तस्वीर साझा की और लिखा- ‘सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लड़ने वाले लोकप्रिय नेता स्वामी प्रसाद मौर्या जी एवं उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन।इसके पहले मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंपते हुए अपने ट्वीट में लिखा था, माननीय राज्यपाल जी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के मंत्रिमंडल में श्रम एवं सेवायोजन व समन्वय मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों व विचारधारा में रहकर भी बहुत ही मनोयोग के साथ उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है किंतु दलितों, पिछड़ों, किसानों बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे- लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों की घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल से मैं इस्तीफा देता हूं।वो योगी सरकार में श्रम विभाग के मंत्री थे। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने मौर्य के पार्टी में शामिल होने की जानकारी दी है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने दावा किया है कि उनके इस्तीफ़े का ‘असर 2022 विधानसभा चुनाव के बाद दिखाई देगा।’इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें ‘मनाने की कोशिश’ शुरू कर दी है। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने उनसे ‘बैठकर बात करने’ की अपील की है। मौर्य ने इस्तीफ़े का एलान करने के बाद मीडिया के सवालों का जवाब भी दिया. मौर्य ने दावा किया कि उन्होंने पार्टी के ‘बड़े नेताओं के सामने भी ये मुद्दे उठाए थे लेकिन कुछ हुआ नहीं।’मौर्य ने कहा, “उचित प्लेटफॉर्म पर बात उठाई. बात तो सुनी गई लेकिन कुछ हुआ नहीं.”मौर्य साल 2016 में बहुजन समाज पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे. वो उत्तर प्रदेश में पांच बार विधायक चुने जा चुके हैउनकी बेटी डॉक्टर संघमित्रा मौर्य उत्तर प्रदेश के बदायूं से बीजेपी की सांसद हैं।मौर्य के इस्तीफ़े का पत्र लेकर बीजेपी विधायक रोशन लाल वर्मा राजभवन पहुँचे थेवर्मा शाहजहांपुर से विधायक हैं।वर्मा ने मीडिया से कहा, “इस्तीफ़ा ईमेल से भेजा जा चुका है.” लेकिन वो हार्ड कॉपी लेकर राजभवन आए हैं।रोशन लाल वर्मा ने बताया कि उनके नेता स्वामी प्रसाद मौर्या है और वे भी जल्द ही कोई न कोई फ़ैसला कर लेंगे।

धर्म संसद’ पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट जितेंद्र नारायण त्यागी मुश्किल में


जायज़ा डेली न्यूज़ देहरादून (संवाददाता) उच्चतम न्यायालय उत्तराखंड के हरिद्वार में हाल में हुई ‘धर्म संसद’ और राष्ट्रीय राजधानी में हुए एक अन्य कार्यक्रम के दौरान कथित घृणा भाषण देने वालों के खिलाफ जांच और कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई के लिए राजी हो गया।प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की उन दलीलों पर गौर किया कि घृणा भाषण देने वालों के खिलाफ उत्तराखंड पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई है। सिब्बल ने कहा, ‘‘हरिद्वार में 17 और 19 दिसंबर को धर्म संसद में जो हुआ, उस संबंध में मैंने यह जनहित याचिका दाखिल की हैड्ड। हम मुश्किल दौर में जी रहे हैं जहां देश में ‘सत्यमेव जयते’ का नारा बदलकर ‘शस्त्रमेव जयते’ हो गया है।’’ सीजेआई ने कहा, ‘‘ठीक है, हम मामले पर सुनवाई करेंगे’’ और पूछा कि क्या कोई जांच चल रही है। इस पर वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि प्राथमिकी दर्ज की गई है लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं की गई है।उन्होंने साथ कहा कि इस अदालत के हस्तक्षेप के बिना कोई कार्रवाई संभव नहीं होगी। यह याचिका पत्रकार कुर्बान अली और पटना उच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश व वरिष्ठ अधिवक्ता अंजना प्रकाश ने दाखिल की है और मुस्लिम समुदाय के खिलाफ घृणा भाषण की घटना की एसआईटी से ‘‘ स्वतंत्र, विश्वसनीय और निष्पक्ष जांच कराने’’के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया है। याचिका में विशेष तौर पर 17 और 19 दिसंबर 2021 को हरिद्वार और दिल्ली में दिए गए ‘घृणा’ भाषण का उल्लेख किया गया है और शीर्ष अदालत से ऐसे भाषणों से निपटने के लिए दिशानिर्देश देने का अनुरोध किया गया है। याचिका में कहा गया कि एक कार्यक्रम हरिद्वार में यति नरसिंहानंद द्वारा आयोजित किया गया जबकि दूसरा दिल्ली में ‘हिंदू युवा वाहिनी’ द्वारा जिनमें कथित तौर पर एक समुदाय के ‘‘सदस्यों के संहार का आह्वान किया’’गया।उत्तराखंड पुलिस ने हरिद्वार की घटना को लेकर 23 दिसंबर को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत वसीम रिजवी, संत धर्मदास महाराज, साध्वी अन्नपूर्णा उर्फ पूजा शकुन पांडे, यति नरसिंहानंद और सांगर सिंधु महाराज सहित कुछ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। इसी तरह की शिकायत दिल्ली पुलिस से राष्ट्रीय राजधानी में हुए दूसरे कार्यक्रम के संदर्भ में की गई। याचिका में कहा गया है कि उत्तराखंड और दिल्ली पुलिस द्वारा कोई प्रभावित कार्रवाई नहीं की गई है। याचिका के मुताबिक अबतक दिल्ली पुलिस ने यहां आयोजित कार्यकम में नस्लीय सफाये का आह्वान किए जाने के बावजूद प्राथमिकी नहीं दर्ज की है।

एक महीने के अंदर भाजपा के 11 विधायकों समेत 17 बड़े नेताओं ने पार्टी छोड़ी


जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) पिछले महीने यानी 11 दिसंबर से लेकर आज 11 जनवरी के बीच भारतीय जनता पार्टी के 17 बड़े नेताओं ने पार्टी छोड़कर समाजवादी पार्टी की सदस्यता ले ली है। इनमें योगी के एक कैबिनेट मंत्री समेत 11 विधायक भी शामिल हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद भाजपा के सात और विधायकों ने इस्तीफा देने का एलान कर दिया। इनमें रोशन लाल वर्मा, भगवती सागर, बृजेश प्रजापति, ममतेश शाक्य, विनय शाक्य, धर्मेंद्र शाक्य और नीरज मौर्य शामिल हैं। रोशन लाल वर्मा ही स्वामी प्रसाद मौर्य का इस्तीफा लेकर राजभवन गए थे। इन इस्तीफों के बाद भाजपा से इस्तीफा देने वाले विधायकों की संख्या 11 हो गई।स्वामी प्रसाद मौर्य भाजपा छोड़ने वाले सबसे नए और बड़ा चेहरा हैं। योगी सरकार में सेवा योजना विभाग संभालने वाले मौर्य ने सपा का दामन थाम लिया है। भाजपा में आने से पहले वह बहुजन समाज पार्टी में थे। 2007 से 2012 के बीच वह मायावती की सरकार में मंत्री थे।बदायूं जिले के बिल्सी से भाजपा विधायक राधा कृष्ण शर्मा ने हाल ही में समाजवादी पार्टी जॉइन की है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात करने के बाद उन्होंने ट्विट कर अपनी फोटो भी शेयर की। सीतापुर से बीजेपी विधायक राकेश राठौर भी अब सपा में शामिल हो चुके हैं। पेशे से व्यापारी राकेश राठौर ने अपना पहला चुनाव साल 2007 में बीएसपी के टिकट पर लड़ा था लेकिन चुनाव हार गए थे। 2017 में वह भाजपा से विधायक चुने गए थे। बहराइच के नानपारा से विधायक माधुरी वर्मा ने भी भाजपा छोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है। अखिलेश यादव ने खुद उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई थी। बताया जाता है कि माधुरी वर्मा का भी भाजपा से टिकट कटने वाला था। यूपी की बलिया की चिलकलहर विधानसभा से भाजपा के पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह समाजवादी पार्टी (सपा) का दामन थाम चुके हैं।भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता जय प्रकाश पांडे अपने समर्थकों के साथ सपा में शामिल हो चुके हैं।भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश महामंत्री अशोक कुमार वर्मा “गोपार” को भी अखिलेश यादव ने सपा की सदस्यता दिलाई थी।भाजपा के टिकट पर प्रयागराज से चुनाव लड़ चुके शशांक त्रिपाठी भी सपाई हो गए हैं। भाजपा के पूर्व एमएलसी कांति सिंह, प्रतापगढ़ से भाजपा के पूर्व विधायक ब्रजेश मिश्रा भी सपा में शामिल हो चुके हैं।

 

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