हरिद्वार में धर्मसंसद में भड़काऊ भाषण मामले में आरोपी वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी को हरिद्वार जिले के नारसन बॉर्डर से गिरफ्तार कर लिया गया है।

जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता)हरिद्वार में आयोजित ‘धर्म संसद’ में आपत्तिजनक बयान देने के मामले में यूपी शिया वक्फ़ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिज़वी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी को उत्तराखंड पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है। उन्हें रुड़की के नारसन बॉर्डर से हरिद्वार की सीमा में प्रवेश करने पर गिरफ़्तार कर लिया गया. हिरासत में लेने के बाद उन्हें हरिद्वार कोतवाली में लाया गया है। उत्तराखंड पुलिस प्रवक्ता सेंथिल अवूदाई कृष्णराज एस ने बताया कि हरिद्वार में जितेंद्र नारायण त्यागी की गिरफ्तारी की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि इस बारे में डिटेल्स की अभी प्रतीक्षा है. जैसे ही उन्हें और जानकारी मिलेगी, वह शेयर करेंगे। उसके बाद हरिद्वार के एसपी स्वतंत्र कुमार ने मीडिया को बताया, “जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ़ वसीम रिज़वी को गिरफ़्तार किया गया है. अब इन्हें माननीय न्यायालय में पेश किया जाएगा। यह पूछे जाने पर कि क्या और लोगों के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई हो रही है, एसपी ने कहा कि ये सब विवेचना का विषय है और विवेचना जारी है।ख़ास बात यह है कि हरिद्वार में हुई धर्म संसद में ही आपत्तिजनक बयान देने के मामले में नामजद महंत यति नरसिंहानंद गिरि भी वसीम रिज़वी के साथ ही थे लेकिन उन्हें पुलिस ने गिरफ़्तार नहीं किया।सोशल मीडिया पर चल रहे एक वीडियो में वह पुलिस से यह कहते दिखाई दे रहे हैं कि वह भी तीन मामलों में त्यागी जी (वसीम रिज़वी) के साथ हैं, तो सिर्फ़ उन्हें क्यों गिरफ़्तार किया जा रहा है? इसके बाद पुलिसकर्मी उन्हें भी साथ आने की बात कहते हैं. लेकिन उत्तराखंड पुलिस ने यति नरसिंहानंद गिरि को गिरफ़्तार नहीं किया है।

धर्मसंसद का आयोजन खड़खड़ी स्थित स्थित वेद निकेतन में 17 से 19 दिसंबर तक हुआ था। इसमें नफरती भाषण देने का वीडियो वायरल होने के बाद नगर कोतवाली में ज्वालापुर निवासी गुलबहार खां ने शिया वक्फ बोर्ड, यूपी के पूर्व चेयरमैन जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। बाद में मुकदमे में चार संतों के नाम भी जोड़े गए। साथ ही एक और मुकदमा दर्ज किया गया। इसके बाद एसआईटी का गठन किया गया। एसआईटी  टीम का नेतृत्व कर रहीं एसपी देहात देहरादून कमलेश उपाध्याय मंगलवार को हरिद्वार पहुंचीं।  उन्होंने एसआईटी के सदस्यों के साथ बैठक कर मामले में कार्रवाई की रणनीति बनाई। बुधवार  को एसआईटी एक्शन मोड में दिखी। विवेचक मनीष उपाध्याय ने कई गवाहों के बयान दर्ज किए। साथ ही धर्म संसद की वायरल वीडियो क्लिप भी एकत्र की गई।

जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वासिम रिजवी, साध्वी अन्नपूर्णा सहित कई अन्य संतों के नाम से हरिद्वार कोतवाली में मुकदमा दर्ज है। पुलिसस कुछ ही देर में हरिद्वार कोतवाली लेकर जितेंद्र सिंह त्यागी को पहुंचेगी। स्वामी यती नरसिंहानंद सरस्वती जितेंद्र सिंह त्यागी के साथ मौजूद हैं। सूचना के अनुसार, पुलिस द्वारा अभी सिर्फ जितेंद्र सिंह त्यागी को ही मामले में गिरफ्तार किया गया है।
डीआईजी गढ़वाल मंडल करन सिंह नगन्याल ने ऑनलाइन बात करते हुए बताया कि वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी को नारसन बॉर्डर से गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी को कोतवाली ले जाकर पूछताछ की जाएगी उसके बाद कोर्ट में पेश किया जाएगा।सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए बुधवार को उतराखंड सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. उत्तराखंड सरकार से 10 दिन में जवाब देने को कहा था।साथ ही कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली पुलिस को भी नोटिस दिया था।हरिद्वार में हुई धर्म संसद के खिलाफ सुनवाई करते हुए
सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है ये याचिका पटना हाईकोर्ट की पूर्व जज जस्टिस अंजना प्रकाश और पत्रकार कुर्बान अली की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई. उन्होंने मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरत भरे भाषणों की घटनाओं की एक विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा ‘‘स्वतंत्र, विश्वसनीय और निष्पक्ष जांच” कराने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया है।बता दें कि उत्‍तराखंड के हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में हिंदु साधुओं और अन्‍य नेताओं ने मुस्लिमों के खिलाफ हथियार उठाने और उनके कथित नरसंहार का आह्वान किया था। याचिका पर सुनवाई करते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एन वी रमना ने कहा कि हम इस मामले में अभी कुछ नहीं कहना चाहतेहम राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगेंगे. इससे पहले, याचिकाकर्ता की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा कि मैं मामले को सनसनीखेज नहीं बनाना चाहता. अदालत ट्रांस्क्रिप्ट पढ़े. इस मामले में केंद्र को भी नोटिस भेजा जाए ताकि मामले की जल्द सुनवाई हो. 23 को अलीगढ़ में फिर से धर्मसंसद आयोजित की जा रही है।शीर्ष न्यायालय ने याचिकाकर्ता को छूट दी है कि वह 23 जनवरी को अलीगढ़ में होने वाली धर्म संसद को रोकने के लिए लोकल अथॉरिटी के पास जा सकते हैं।

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