ईरान के सामने झुका अमेरिका,प्रतिबंधों से दी राहत
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) ईरान और विश्व के कुछ शक्तिशाली देशों के बीच हुए 2015 के परमाणु समझौते (Iran Nuclear Deal 2015) को बचाने के उद्देश्य से जारी वार्ता के एक महत्वपूर्ण चरण में प्रवेश करने के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने शुक्रवार को ईरानी परमाणु कार्यक्रम (Nuclear Program) के लिए प्रतिबंधों में कुछ राहत बहाल की है। अमेरिकी वार्ताकार इस अहम सत्र के लिए वियना गए हैं। इस बीच अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने ईरान (Iran) की असैन्य परमाणु गतिविधियों से संबंधित कई प्रतिबंधों से छूट देने के लिए हस्ताक्षर किए।अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के प्रशासन ने ये छूट समाप्त कर दी थीं। इन छूटों का उद्देश्य ईरान को 2015 के समझौते के पालन के लिए लुभाना है, जिसका वह उस वक्त से उल्लंघन कर रहा है, जब ट्रंप 2018 में इस समझौते से पीछे हट गए थे और ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों को फिर से लागू कर दिया था। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि समझौते में वापसी के लिए समर्थन जुटाना महत्वपूर्ण है. उन्होंने इस बात से इनकार किया कि वे ईरान को कोई रियायत दे रहे हैं।अधिकारियों ने कहा कि अन्य पक्षों ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, जर्मनी, रूस और यूरोपीय संघ को समझौते की वार्ता में शामिल करने के लिए छूट आवश्यक है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने ट्वीट किया, ‘हमने ईरान को प्रतिबंधों से राहत नहीं दी है (Iran Nuclear Deal Countries). हम ईरान के ‘संयुक्त व्यापक कार्य योजना’ (जेसीपीओए) के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं पर वापस लौटने तक ऐसा नहीं करेंगे.’ ईरान का कहना है कि वह समझौते की शर्तों का सम्मान नहीं कर रहा है क्योंकि अमेरिका ही पहले इससे अलग हो गया था. ईरान ने सभी प्रतिबंधों से राहत की बहाली की मांग की है।ट्रंप प्रशासन (Trump Administration) ने मई 2020 में ईरान के खिलाफ अपने ‘अधिकतम दबाव’ अभियान के तहत छूटों को समाप्त कर दिया था और इसे सबसे खराब राजनयिक समझौता बताया था. राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में जो बाइडेन ने परमाणु समझौते में अमेरिका की वापसी को प्राथमिकता दी और उनके प्रशासन ने इस लक्ष्य पर काम किया, हालांकि एक साल पहले उनके पदभार ग्रहण करने के बाद से उस दिशा में बहुत कम प्रगति हुई है. प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि वियना वार्ता को आगे बढ़ाने में मदद करने के लिए छूट को बहाल किया जा रहा है।ट्रंप प्रशासन (Trump Administration) ने मई 2020 में ईरान के खिलाफ अपने ‘अधिकतम दबाव’ अभियान के तहत छूटों को समाप्त कर दिया था और इसे सबसे खराब राजनयिक समझौता बताया था. राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में जो बाइडेन ने परमाणु समझौते में अमेरिका की वापसी को प्राथमिकता दी और उनके प्रशासन ने इस लक्ष्य पर काम किया, हालांकि एक साल पहले उनके पदभार ग्रहण करने के बाद से उस दिशा में बहुत कम प्रगति हुई है. प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि वियना वार्ता को आगे बढ़ाने में मदद करने के लिए छूट को बहाल किया जा रहा है।ईरान के टॉप सुरक्षा अधिकारी अली शामखानी ने कहा है कि तेहरान को न्यूक्लियर रिसर्च और डेवलपमेंट जारी रखने का अधिकार है। इस पर किसी भी समझौते से अंकुश नहीं लगाया जा सकता है।ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव शामखानी ने एक ट्विटर पोस्ट में कहा है कि ईरान के अनुसंधान और विकास को जारी रखने और अपनी शांतिपूर्ण परमाणु क्षमताओं और उपलब्धियों को अपनी सुरक्षा के साथ-साथ बनाए रखने के कानूनी अधिकार को किसी भी समझौते से रोका नहीं जा सकता है।
अलीगढ़ मे गरजे अखलेश कहा यह फेकू के साथ बेचू भी है
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) अखिलेश यादव ने कहा कि मोदी सरकार ने हवाई जहाज, एयरपोर्ट, कारखाने बेच दिए। यह सरकार केवल फेकू नहीं है, बल्कि बेचू सरकार भी है। अगर मौका मिल गया तो भाजपा सरकार सब बेच देगी। सब संस्थाएं बिक जाएंगी। ऐसे में बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के संविधान का क्या होगा। शनिवार को वह अनूपशहर-अलीगढ़ रोड क्वार्सी चौराहा स्थित यश रेजीडेंसी में सपा-रालोद के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। जिले के सभी सातों सीटों पर सपा-रालोद प्रत्याशियों को जिताने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि चप्पल पहनने वाला व्यक्ति हवाई जहाज में बैठेगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। अलबत्ता, डीजल-पेट्रोल की कीमतें बढ़ गईं, जिससे गरीब गाड़ी तक नहीं चला पा रहा है। गरीबों के पैसे को भाजपा अमीरों की तिजोरी में भरने का काम कर रही है।अखिलेश यादव ने कहा कि यह चुनाव भविष्य के साथ लोकतंत्र और संविधान बचाने का चुनाव है। भाजपा के लोग नकली हैं। झांसा देने वाले हैं। भाजपा में जितना बड़ा नेता उतना बड़ा झूठ बोल रहा है। झूठी सरकार को हटाने का वक्त आ गया है।अखिलेश ने कहा कि जब से साइकिल और हैंडपंप साथ आए, तब से भाजपा का दरवाजा बंद हो गया है। हमारे और सहयोगी दलों ने उनके दरवाजे में कुंडी लगाई है। उन्होंने कहा कि अलीगढ़ वासियों पर उन्हें पूरा भरोसा है कि वह भाजपाइयों के लिए ऐतिहासिक ताला लगाएंगे। उनके कदम से भाजपा का दरवाजा बंद होगा। इन दरवाजों पर ऐसा ताला लगाना, जिसकी चाबी कहीं न बना पाए।कहा कि सपा गठबंधन 400 सीट जीतेगा। अगर कोई पूछे यह कैसे होगा तो उन्हें बताना भाजपा विधायक व सांसद गांव में घुस नहीं पा रहे हैं। वह कूटे जा रहे हैं। गांव में महंगाई के चलते भाजपाई घुसने से बच रहे हैं। उन्होेंने कहा कि कोरोना काल में लोगों को भाजपा सरकार ने अकेला छोड़ दिया। अगर दवा, अस्पताल, ऑक्सीजन समय से मिल जाता तो बड़े पैमाने पर लोगों जानें बच जातीं। मजदूरों को पैदल छोड़ दिया गया। मजदूर अपने घर पर पहुंचने से पहले स्वर्ग सिधार गए।अखिलेश यादव ने कहा कि 300 यूनिट फ्री बिजली(घरेलू) के एलान से भाजपा घबरा गई है। सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल करेंगे। हरदुआगंज में बिजली का कारखाना लगाने का काम सपा सरकार ने किया है।
मुंबई सीरियल बम ब्लास्ट का मोस्ट वांटेड आतंकी अबु बक्र यूएई से गिरफ्तार
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) भारतीय एजेंसियों ने मुंबई में 1993 में हुए सीरियल ब्लास्ट मामले में शामिल मोस्ट वांटेड आतंकवादी अबू बक्र को यूएई से गिरफ्तार किया है। बता दें कि साल 1993 में मुंबई के अलग-अलग जगहों पर कुल 12 बम धमाके हुए थे। जिसमें 257 लोग मारे गए थे और 713 लोग घयाल हुए थे। मिली जानकारी के मुताबिक जल्द ही गिरफ्तार आतंकी अबु बक्र को यूएई से भारत लाया जाएगा। आइए जानते हैं अबु बक्र का आतंकी रिकॉर्ड।
अबु बक्र POK में हथियारों और विस्फोटकों के प्रशिक्षण के अलावा सिलसिलेवार होने वाले ब्लास्ट में इस्तेमान किए जाने वाले आरडीएक्स की लैंडिंग में शामिल था। वह संयुक्त अरब अमीरात और पाकिस्तान में रह रहा था। हाल ही में भारतीय एजेंसियों को इनपुट मिले थे कि अबू बक्र यूएई में छिपा है। जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। बता दें कि इससे पहले भी उसे साल 2019 में यूएई से गिरफ्तार किया गया था, लेकिन कुछ दस्तावेज मामलों के कारण वो खुद को हिरासत से रिहा कराने में कामयाब रहा था। हालांकि, इस बार भारतीय एजेंसियों ने अबू बक्र के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अबू बक्र करीब 29 साल से देश की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल था। उसका पूरा नाम अबु बक्र गफूर शेख है। दाऊद इब्राहिम से इसकी काफी नजदीकियां है। दाउद से लिए अबु बक्र खाड़ी देशों से सोना, कपड़ा और इलेक्ट्रॉनिक्स की तस्करी कर मुंबई और उसके आस-पास के लैंडिंग पॉइंट्स पर लाता था। 1997 में उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था और तब से उसे पकड़ने की तलाश जारी थी। यही नहीं पाकिस्तान कब्जे वाले कश्मीर में आतंक का प्रशिक्षण देना। हथियार चलाना सीखना आदि काम भी करता था।
हैदराबाद:पीएम मोदी के स्वागत को एयरपोर्ट नहीं पहुंचे मुख्यमंत्री केसीआर

जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की अब वह बात नहीं रही अब उनकि लोकप्रियता घट रही है। ये दूसरी बार है जब हवाईअड्डे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगवानी राज्य के किसी मुख्यमंत्री ने नहीं की। इस बार, तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर हैदराबाद में प्रधानमंत्री का स्वागत करने नहीं गए। प्रधानमंत्री के आगमन से कुछ ही दिन पहले, मुख्यमंत्री केसीआर ने पीएम मोदी पर बजट को लेकर हमला किया था। तेलंगाना बीजेपी ने केसीआर को एयरपोर्ट वेलकम प्रोटोकॉल तोड़ने को ‘मूर्खतापूर्ण और शर्मनाक’ करार दिया। पार्टी ने आरोप लगाया कि केसीआर “नियमित रूप से संविधान का अपमान” कर रहे हैं।प्रधानमंत्री 11वीं सदी के भक्ति संत श्री रामानुजाचार्य की स्मृति में ‘समानता की मूर्ति’ राष्ट्र को समर्पित करने और अंतर्राष्ट्रीय फसल अनुसंधान संस्थान (ICRISAT) की 50वीं वर्षगांठ समारोह की शुरुआत करने के लिए राज्य की राजधानी पहुंचे थे। इससे पहले जनवरी में, पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए हवाई अड्डे नहीं पहुंचे थे। हैदराबाद पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यहां पाटनचेरु में इंटरनेशनल क्रॉप्स रिसर्च इंस्टिट्यूट फॉर द सेमी-अरिड टॉपिक्स (ICRISAT) के स्वर्ण जयंती समारोह की शुरुआत की। कार्यक्रम के दौरान, उन्होंने फसल अनुसंधान संस्थान की नई जलवायु परिवर्तन सुविधा का भी अनावरण किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने एक स्मारक डाक टिकट भी लॉन्च किया। उन्होंने कहा, “ICRISAT के पास कृषि को आसान और टिकाऊ बनाने में अन्य देशों की मदद करने का 5 दशकों का अनुभव है। आज, मुझे उम्मीद है कि वे भारत के ‘कृषि’ क्षेत्र को मजबूत करने के लिए अपनी विशेषज्ञता देना जारी रखेंगे।” पीएम मोदी ने कहा, “जैसे भारत ने अगले 25 सालों के लिए नए लक्ष्य बनाए हैं, उनपर काम करना शुरू कर दिया है। वैसे ही अगले 25 साल ICRISAT के लिए भी उतने ही अहम है।