पाकिस्तान में सियासी उठापटक के बाद नए प्रधानमंत्री बने शहबाज शरीफ 
जायज़ा डेली न्यूज़ दिल्ली (संवाददाता) पाकिस्तान में इमरान ख़ान के बाद अब शहबाज़ शरीफ़ मुल्क़ के अगले प्रधानमंत्री होंगे. पाकिस्तान की संसद में सोमवार को बहुमत परीक्षण के लिए हुए मतदान में उन्हें जीत मिली. वो विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार हैं। उन्हें 174 वोट मिले।जब की ३४२सांसद । पाकिस्तान की सियासत में उठापटक के बीच आज शहबाज शरीफ पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री चुने गए हैं। नेशनल असेंबली में नए पीएम के चुनाव के दौरान इमरान खान की पार्टी पीटीआई के सभी सांसदों ने सदन से वॉकआउट किया। आज इमरान खान के करीबी फवाद चौधरी ने ये भी एलान किया कि उनकी पार्टी के सभी सांसद सामूहिक इस्तीफा देंगे जिसका कई सांसदों ने विरोध किया। इस बीच राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी ने बेचैनी की शिकायत की है। पाकिस्तान के राष्ट्रपति के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने ट्वीट किया गया है कि डॉक्टरों ने उनकी अच्छी तरह से जांच की है और उन्हें कुछ दिनों के लिए आराम करने की सलाह दी है। उधर पाकिस्तान के नवनिर्वाचित पीएम शहबाज शरीफ ने कहा, आज सर्वशक्तिमान ने पाकिस्तान और देश के 22 करोड़ लोगों को बचाया है। यह पहली बार है जब अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान सफलतापूर्वक पारित हुआ है। इस देश के लोग इस दिन का जश्न मनाएंगे। इससे पहले रविवार तड़के एक अविश्वास प्रस्ताव पर हुए मतदान के बाद इमरान ख़ान को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा था. उनकी जगह उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीके इंसाफ़ (पीटीआई) ने शाह महमूद क़ुरैशी को उम्मीदवार बनाया था मगर सोमवार को वोटिंग से पहले उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया. उनकी पार्टी ने वोटिंग के दौरान सदन की कार्रवाई का बहिष्कार किया। क़ुरैशी को एक भी वोट नहीं मिला। शहबाज़ शरीफ़ पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ के भाई हैं और पाकिस्तान में राजनीतिक तौर पर सबसे ताक़तवर समझने जानेवाले पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वे पिछले तीन साल से संसद में विपक्ष के नेता थे, लेकिन उन्हें केंद्र की राजनीति में नया चेहरा माना जाता है।

शहबाज शरीफ

शहबाज शरीफ ने अलापा कश्मीर राग,पीएम मोदी को दी ये सलाह
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) इमरान खान को हटाकर पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री बने शहबाज शरीफ ने कश्मीर का राग अलापना शुरू कर दिया है। शहबाज शरीफ ने कहा- हम बदकिस्मती से भारत से बेहतर संबंध नहीं बना सके। नवाज शरीफ ने भारत से बेहतर संबंध चाहा था। अगस्त 2019 में कश्मीर के साथ जो हुआ, आर्टिकल 370 को खत्म कर दिया गया। हमने कोई कदम उठाया? पाकिस्तान ने कश्मीर मसले को अंतररष्ट्रीय स्तर पर उठाया कि कश्मीरियों के साथ क्या हश्र हो रहा है? कश्मीर की वादी में कश्मीरियों का खून बह रहा है। वहां की वादी कश्मीरियों के खून से सुर्ख हो गई है। शहबाज शरीफ ने आगे कहा- हम भारत से बेहतर संबंध चाहते हैं लेकिन मसला-ए-कश्मीर को हल किए बिना अमन कायम नहीं हो सकता। हम कश्मीरियों के लिए हर फोरम पर आवाज उठाएंगे। राजनयिक स्तर पर काम करेंगे। उन्हें सपोर्ट देंगे। वे हमारे लोग हैं। मैं पीएम मोदी को यह सलाह दूंगा कि आप समझें कि दोनों ओर गरीबी है, बेरोजगारी है। हम अपना और अपने आने वाले नस्लों का नुकसान क्यों करना चाहते हैं? आइए कश्मीर मसले को कश्मीरियों के उमंगों के मुताबिक तय करें। भारत और पाकिस्तान खुशहाली लेकर आएं।

शहबाज शरीफ बने पाकिस्तान के 23वें प्रधानमंत्री, इमरान खान पर कसा तंज- बातों से तब्दीली नहीं आती

सुख-दुख का साथी चीन, कयामत तक रहेगी दोस्ती; शहबाज़ शरीफ
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) पाकिस्तान के नव नियुक्त प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने चीन को दुख-सुख का साथी बताते हुए कहा कि कयामत तक पाकिस्तान की उसके साथ दोस्ती सलामत रहेगी। शाहबाज शरीफ ने कहा, ‘चीन पाकिस्तान का एक वफादार और सुख-दुख का साथी है. चीन ने हर वक्त पाकिस्तान का साथ दिया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हमारा साथ दिया। चीन ने हमेशा पाकिस्तान को अपना एक हमसाया दोस्त माना। ये दोस्ती हुकूमतों की दोस्ती नहीं आवामों की दोस्ती है।उन्होंने कहा, कोई कुछ भी कर ले लेकिन चीन से हमारी दोस्ती छीन नहीं सकता। पिछली सरकार ने इस दोस्ती को कमजोर करने के लिए जो कुछ भी कुछ किया वह बहुत तकलीफदेह दास्तान है। पाकिस्तान और चीन की शानदार दोस्ती है और यह कयामत तक कायम रहेगी। हम CPEC पर और तेजी से काम करेंगे। हम शी जिनपिंग सरकार के शुक्रगुजार हैं। पाकिस्तान में सत्ता बदलते ही चीन के भी सुर बदल गए हैं। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में कहा गया है कि नई सरकार बनने के बाद उसके रिश्ते पाकिस्तान से और बेहतर हो सकते हैं। अखबार में शरीफ की तारीफ की गई और कहा गया कि वह उसी परिवार से हैं जिसने हमेशा चीन और पाकिस्तान के मजबूत रिश्ते का समर्थन किया। अब इमरान के कार्यकाल से भी मजबूत रिश्ते हो सकते हैं।

लड़ाई संसद के बजाय सड़क पर लड़गे इमरान खान
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता)पाकिस्तान की सत्ता से बेदखल होने के बाद पूर्व पीएम इमरान खान आगे की सियासी लड़ाई संसद की बजाय सड़क पर लड़ना चाहते हैं। इसी रणनीति के तहत इमरान खान ने ऐलान कर दिया है कि वह नेशनल असेंबली में चोरों के साथ नहीं बैठेंगे, इसलिए सदन से इस्तीफा देना चाहते हैं। उनके साथ ही पीटीआई के 125 सांसद पद से इस्तीफा देंगे। यही नहीं इमरान खान के जाने के साथ ही पंजाब, सिंध और बलूचिस्तान के गवर्नरों ने भी अपने इस्तीफों का ऐलान कर दिया है। खैबर पख्तूनिस्तान के गवर्नर शाह फरमान ने तो इस्तीफा दे भी दिया है। वहीं सिंध के गवर्नर ने कहा कि शहबाज शरीफ के शपथ लेते ही वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।इमरान खान के रवैये को इस बात से ही समझा जा सकता है कि रविवार को पेशावर, कराची, लाहौर, इस्लमाबाद और रावलपिंडी समेत तमाम बड़े शहरों में उनके समर्थन सड़कों पर उतरे थे। इन लोगों ने इमरान खान के समर्थन में जमकर नारेबाजी की और यहां तक कि ‘चौकीदार चोर है’ के नारे भी लगाए गए। माना जा रहा है कि यह नारेबाजी सेना के खिलाफ की गई थी, जिसे लेकर यह माना जा रहा है कि उसके चलते ही इमरान को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी है। हालांकि सेना का कहना है कि वह राजनीतिक सत्ता तय करने में दखल नहीं देना चाहती है।उसके इस बयान को भी पीटीआई के विरोध में देखा जा रहा है। आमतौर पर सेना पााकिस्तान में सत्ता की दिशा तय करने में शामिल रही है, लेकिन इस बार उसकी चुप्पी पर सवाल खड़े हो रहे हैं। ऐसे में इमरान खान पूरी लड़ाई को सड़क पर ले जाना चाहते हैं और आने वाले वक्त में चुनाव के लिए पार्टी को मजबूत करना चाहते हैं। इसी रणनीति के तहत उनके समर्थकों ने अपने पदों से इस्तीफा देना शुरू कर दिया है। मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इसके अलावा खैबर पख्तूनख्वा के सीएम महमूद खान ने कहा है कि हम कैप्टन के साथ आखिरी वक्त तक खड़े रहेंगे।

जेएनयू हिंसाः एक साथ हुई थी रामनवमी की पूजा और इफ्तार,
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कावेरी हॉस्टल में 10 अप्रैल रविवार को रामनवमी और इफ्तार पार्टी एक साथ मनाई गई थी। एक तरफ हिंदू छात्रों का एक वर्ग रामनवमी पर भजन-कीर्तन कर रहा था तो ठीक उसी समय मेस के दूसरे हिस्से में मुस्लिम छात्र इफ्तार पार्टी का आयोजन कर रहे थे। सब कुछ बिल्कुल सामान्य और खुशनुमा माहौल में हुआ। लेकिन शाम 7:30 बजे जैसे ही रामनवमी पूजा और इफ्तार समाप्त कर छात्र अपने-अपने कमरों की ओर जाने लगे, रास्ते में पथराव और डंडेबाजी शुरू हो गई।हमले के लिए एबीवीपी और लेफ्ट छात्र संगठनों ने एक दूसरे पर आरोप लगाया है, लेकिन दोनों ने ही स्वीकार किया है कि हमलावरों में आधे से ज्यादा लोग बाहरी थे। यानी हमले को पूरी साजिश के साथ अंजाम दिया गया और इसमें बाहर से आए लोगों ने जेएनयू छात्रों को बुरी तरह मारा-पीटा। इसके पूर्व भी गत वर्ष जनवरी में जेएनयू में इसी तरह की हिंसा हुई थी। उसमें भी बाहरी लोगों के द्वारा हिंसा किए जाने की बात सामने आई थी। लेकिन उस मामले में अब तक अपराधियों की पहचान नहीं हो पाई, उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी। शायद उसी का परिणाम है कि एक बार फिर जेएनयू को सुलगाने की कोशिश की गई।वामपंथी छात्रों का आरोप है कि यह दुष्प्रचार किया जा रहा है कि रामनवमी के दिन पूजा करने में बाधा खड़ी की गई थी। कावेरी हॉस्टल के अध्यक्ष नवीन कुमार ने कहा कि पूजा को लेकर किसी तरह का विवाद नहीं था। पूजा होने के बाद सभी छात्रों ने प्रसाद भी खाया था। तब तक कोई विवाद नहीं हुआ था। लेकिन बाद में पूरा विवाद खाने को लेकर खड़ा हुआ।एबीवीपी के सदस्य छात्रों का कहना है कि हॉस्टल के छात्रों ने आपसी सहमति से एक दिन मांस न बनाने को लेकर सहमति दी थी। इसमें मुस्लिम छात्र भी शामिल थे। अन्य हॉस्टलों के मेस में रविवार को भी मांस परोसा गया था, लेकिन कावेरी हॉस्टल के मेस में मांस नहीं बना था। इसी को लेकर छात्रों ने विवाद खड़ा किया और हमले का एक बहाना तैयार किया गया।

लखनऊ: कक्षा आठ तक सभी स्कूलों में सुबह 7.30 से दोपहर 12.30 बजे तक
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) भीषण गर्मी व लू की स्थितियों को देखते हुए लखनऊ के सभी सरकारी व निजी स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक की कक्षाएं सुबह 7.30 बजे से दोपहर 12.30 तक चलेंगी। इस संबंध में लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने आदेश जारी कर दिया है।इसके पहले प्रदेश के परिषदीय स्कूलों के लिए ये आदेश जारी किया गया था पर सोमवार को ये आदेश जिले के सभी स्कूलों पर लागू कर दिया गया।जारी किए गए आदेश में जिलाधिकारी ने कहा कि भीषण गर्मी व लू को देखते हुए जिले के सभी परिषदीय, अशासकीय सहायता प्राप्त एवं प्राइवेट विद्यालयों के साथ ही प्री प्राइमरी से कक्षा आठ तक संचालित सभी बोर्ड से मान्यता प्राप्त विद्यालय प्रात: 7.30 बजे से 1.30 बजे तक संचालित किए जाएंगे। कक्षाओं के लिए सभी छात्र और छात्राएं सुबह 7.30 बजे से 12.30 बजे तक उपस्थित रहेंगे

 

 

 

 

 

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