सुप्रीम कोर्ट ने धर्म संसद मामले में वसीम रिज़वी यानी जितेंद्र त्यागी को तीन माह की सशर्त ज़मानत,सोशल मीडिया पर कोई हेट स्पीच ना देने की हिदायत

जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) सुप्रीम कोर्ट ने शिया वक़्फ़ बोर्ड के पूर्व प्रमुख वसीम रिज़वी यानी जितेंद्र त्यागी को स्वास्थ्य के आधार पर तीन महीने के लिए ज़मानत दे दी है।कोर्ट ने उन्हें ये ज़मानत हरिद्वार में हुए धर्म संसद के मामले में दी है. रिज़वी ने हिंदू धर्म अपना लिया था और अपना नाम बदलकर पंडित जितेंद्र नारायण त्यागी रख लिया था वसीम रिज़वी को ज़मानत देते हुए कोर्ट ने अपने आदेश में कहा- समाज में सदभाव बनाए रखना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में ये भी निर्देश दिया है कि अभियुक्त जितेंद्र त्यागी सोशल मीडिया पर कोई हेट स्पीच नहीं देंगे. अभियुक्त वसीम रिज़वी/जितेंद्र त्यागी को ये हलफ़नामा देना होगा कि वे किसी हेट स्पीच में शामिल नहीं होंगे और इलेक्ट्रॉनिक, डिज़िटल और सोशल मीडिया पर कोई बयान नहीं देंगे।हरिद्वार में आयोजित ‘धर्म संसद’ में आपत्तिजनक बयान देने के मामले में यूपी शिया वक्फ़ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिज़वी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी को उत्तराखंड पुलिस ने जनवरी में गिरफ़्तार किया था. हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर को आयोजित धर्म संसद में हिंदुत्व को लेकर साधु-संतों के विवादित भाषणों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे थे.इन वीडियो में धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र उठाने, मुस्लिम प्रधानमंत्री न बनने देने, मुस्लिम आबादी न बढ़ने देने समेत धर्म की रक्षा के नाम पर विवादित भाषण देते हुए साधु-संत दिखाई देते हैं। महिला संत भी कॉपी-किताब रखने और हाथ में शस्त्र उठाने जैसी बात कहती हुई नज़र आ रही थी। बाद में उत्तराखंड पुलिस ने धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ भाषण देकर नफरत फैलाने संबंधी वायरल हो रहे वीडियो का संज्ञान लेते हुए वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया था।इससे पहले 12 मई को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी और इस दौरान शीर्ष अदालत ने उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा था कि त्यागी उर्फ वसीम रिजवी पूरे माहौल को खराब कर रहे हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि लोगों को शांति से रहना चाहिए और जीवन का आनंद लेना चाहिए। अदालत ने कहा कि इससे पहले कि वह दूसरों को जागरूक होने के लिए कहें, उन्हें पहले खुद संवेदनशील बनना होगा। वह संवेदनशील नहीं हैं। यह कुछ ऐसा है जो पूरे माहौल को खराब कर रहा है। पीठ के निशाने पर ‘धर्मसंसद’ में नफरत फैलाने वाले बयान देने वाले वक्ता भी थे।
त्यागी के वकील ने दी ये दलील
त्यागी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि त्यागी छह महीने से जेल में बंद हैं और वे कई बीमारियों से पीड़ित हैं। उन्होंने कहा कि त्यागी के खिलाफ दर्ज मामले में अधिकतम तीन साल की ही सजा है और इन धाराओं पर उन्हें बेल दी जानी चाहिए। 

 

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