मंगल ग्रह पर दरवाज़ा-क्या वहाँ लोग रहते हैं


जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा पृथ्वी के पड़ोसी ग्रह मंगल पर भेजे गए ‘क्यूरोसिटी’ रोवर ने वहां से एक चौंकाने वाली तस्वीर भेजी है।इस तस्वीर में मंगल ग्रह के कठोर चट्टानों में बड़ी सुघड़ता से काटे गए गुफा का एक मुहाना सा दिख रहा है. दरवाज़े जैसी इस आकृति को लेकर पिछले कुछ दिनों से कई सवाल उठ रहे हैं। कइयों ने इसे ‘दरवाज़े’ जैसी आकृति बताई है,तो कइयों ने कहा कि पृथ्वी से इतर किसी दूसरी सभ्यता के लोगों ने इस ‘रास्ते’ को बनाया होगा। लेकिन मंगल ग्रह के बारे में 2012 से जानकारी भेज रहे इसे रोवर द्वारा खींची गई इस तस्वीर की और बेहतर व्याख्या पेश करने की ज़रूरत महसूस की जा रही है। नासा का कहना है कि यह सब नज़रिए की बात है।नासा ने क्यूरोसिटी रोवर द्वारा मंगल ग्रह की सतह की खींची गई यह तस्वीर 7 मई को जारी की थी। नासा ने इस तस्वीर की पहचान ‘सोल 3466’ सिरीज़ की एक कड़ी के रूप में बताई। इसे ‘मार्स एक्सप्लोरेशन प्रोग्राम’ की वेबसाइट पर कई फ्रेम में जारी किया गया है। इसे जारी किए जाने के बाद इंटरनेट पर लोग इसके आकार और इसके ‘दरवाज़े’ या ‘रास्ते’ को लेकर तरह तरह के सिद्धांत पेश करने लगे। लेकिन यह तस्वीर ख़ास सिरीज़ का महज़ एक हिस्सा भर है। और संपूर्णता में देखने पर इसके आकार को लेकर बनने वाला नज़रिया बदल सा जाता है।नासा ने बताया, “यह किसी चट्टान में एक छोटी सी दरार का बहुत, बहुत, बहुत बड़ा शॉट है।”इस आकृति की संपूर्णता समझने के लिए इसे नीचे दी गई तस्वीर में देख सकते हैं इसमें देखा जा सकता है कि जेज़ेरो क्रेटर की चट्टान में यह दरार बहुत छोटी हैमालूम हो कि इस क्रेटर को ​कुछ हफ़्ते पहले क्यूरोसिटी रोवर ने खोजा है।नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी यानी जेपीएल के वैज्ञानिकों ने बताया है कि इस दरार का आकार बहुत छोटा यानी 45 सेंटीमीटर लंबा और 30 सेंटीमीटर चौड़ा है।

दो साल बाद जेल से रिहा हुए आजम खां,शिवपाल यादव भी पहुंचे सीतापुर जेल
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के बाद सपा नेता आजम खां 27 महीने बाद जेल से रिहा हुए। उन्हें लेने के लिए उनके दोनों बेटे अब्दुल्ला और अदीब आजम के साथ ही शिवपाल यादव भी सीतापुर जेल पहुंचे।आजम खान 27 महीने बाद आज जेल से बाहर आए तो बॉडी लैंग्‍वेज से उनकी खुशी छलक रही थी। समर्थकों ने उनका जोरदार स्‍वागत किया। जेल से बाहर आने की खुशी में आजम ने पूर्व मंत्री आबिद रज़ा का माथा चूम लिया।आजम खान को 27 महीने बाद जेल से बाहर आने की कितनी खुशी मिली है इसका अंदाज शुक्रवार को उनकी बॉडी लैंग्‍वेज से मिला। सफेद कुर्ते-पायजामे पर काली सदरी और काली टोपी के साथ आजम अपने चिर-परिचित अंदाज में मुस्‍कुराते निकले।आजम के जेल से बाहर आते ही रात से ही उनका इंतजार कर रहे समर्थकों ने उनका जोरदार स्‍वागत किया। दोनों बेटों और शिवपाल सिंह यादव के साथ ही तमाम पुराने संगी-साथियों को देख आजम की मुस्‍कुराहट, जल्‍द ही चेहरे की खिलखिलाहट में बदल गई। उन्‍होंने कार में बैठने से पहले जेल के अधिकारियों से विदा ली और कार में बैठने के बाद पूर्व मंत्री आबिद रज़ा को करीब बुला खुशी से उनका माथा चूम लिया।आबिद, आजम के काफी करीब माने जाते हैं। आजम ने जेल से बाहर आने के बाद अपने किसी समर्थक को निराश नहीं किया। सबका अभिवादन स्‍वीकार किया और जेल से निकलकर सबसे पहले दलबल के साथ अपने पुराने साथी और पूर्व सपा विधायक अनूप गुप्ता ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि जब आजम खां उनके घर आए तो उन्होंने नाश्ते में आलू और पनीर के पराठे खाए। गुप्ता ने ये भी बताया कि अखिलेश यादव ने ही आजम खां का पूरा ध्यान रखने को कहा था। उनके परिवार की हर तरह से मदद करने को कहा था। गुप्ता ने बताया कि आजम इसलिए उनसे मिलने आए थे क्योंकि मेरी तबीयत ठीक नहीं थी ऐसे में वह मुझे देखने आए थे। जब उनसे पूछा गया कि क्या आजम अखिलेश यादव से नाराज हैं तो उन्होंने कहा कि ऐसी कोई नाराजगी नहीं है। जेल से रिहाई के बाद सपा नेता आजम खां सबसे पहले पूर्व सपा विधायक अनूप गुप्ता के घर पहुंचे। यहां समर्थकों की भीड़ ने उन्हें घेर लिया। समर्थकों का बड़ा हुजूम आजम के पहुंचने से पहले ही वहां मौजूद था। उनके समर्थक आजम खां जिंदाबाद और आजम तुम संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं के नारे लगाते नजर आए। करीब आधे घंटे रहने के बाद आजम यहां से रवाना हो गए। भीड़ के चलते उन्हें अपनी कार तक पहुंचने के लिए भी काफी संघर्ष करना पड़ा। इस बीच मीडिया ने फिर से उनसे बात करने की कोशिश की लेकिन वह कुछ नहीं बोले।मीडिया कर्मियों ने कई बार आजम, उनके बेटे सपा विधायक अब्‍दुल्‍ला आजम से बात करने की कोशिश की लेकिन उन्‍होंने बात नहीं की। आजम से मुलाकात के बाद प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्‍यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने यह जरूर कहा- ‘हम लोग समाजवादी है। नेताजी से हमने सीखा है सुख दुख में रहना।आजम भाई हमारे साथी रहे हैं और हैं। हमारी बातचीत आज भी हुई है और आगे भी होती रहेगी। अखिलेश के आजम के स्वागत में ट्वीट नहीं करने पर कहा,यह तो अखिलेश यादव से पूछिए।अब्दुल्ला आजम ने सीतापुर पहुंचकर पत्रकारों से बात कर कहा, सुप्रीम कोर्ट ने हमें न्याय दिया। वह अपने भाई अदीब आजम के साथ सीतापुर पिता आजम खां को लेने पहुंचे हैं।रामपुर में कोतवाली थाने से जुड़े मामले में सपा नेता आजम खान की रिहाई से पहले सीतापुर जिला जेल के बाहर पुलिस ने कड़ी कर दी है चौकसी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर आजम के बेटे अदीब ने कहा कि मैं शीर्ष अदालत के फैसले से बहुत खुश हूं। रिहाई के बाद हम सीधे रामपुर जाएंगे। खबर है कि आजम की रिहाई के मद्देनजर सपा विधायक आशु मलिक सीतापुर जेल पहुंच गए हैं। सपा नेता आजम खां करीब 28 महीने से जिला कारागार में बंद हैं। उनके साथ उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और बेटा अब्दुला आजम भी कारागार में निरुद्ध थे। पत्नी और बेटे को पहले ही जमानत पर रिहा किया जा चुका है। आजम खां पर 85 से अधिक केस दर्ज हैं।


आजम की रिहाई पर अखिलेश ने आज किया ट्वीट
आजम की रिहाई पर अखिलेश यादव की तरफ से कोई प्रतिक्रिया न आने पर कई कयास लगाए जा रहे थे, हालांकि उन सभी पर विराम लगाते हुए सपा मुखिया ने ट्वीट कर आजम का स्वागत किया है। अखिलेश ने लिखा, सपा के वरिष्ठ नेता व विधायक आजम खान जी के जमानत पर रिहा होने पर उनका हार्दिक स्वागत है। जमानत के इस फैसले से सर्वोच्च न्यायालय ने न्याय को नए मानक दिए हैं। पूरा ऐतबार है कि वो अन्य सभी झूठे मामलों-मुकदमों में बाइज्जत बरी होंगे। झूठ के लम्हे होते हैं, सदियां नहीं!

अब्दुल्ला आजम, डॉ. तजीन के खिलाफ वारंट सशर्त वापस
अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में कोर्ट में तारीख पर उपस्थित नहीं होने पर विधायक अब्दुल्ला आजम और उनकी मां एवं पूर्व विधायक डॉ. तजीन फात्मा के खिलाफ जारी किए गए गैर जमानती वारंट बृहस्पतिवार को कोर्ट ने सशर्त वापस ले लिए। कोर्ट ने एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके के साथ ही अब्दुल्ला आजम को हर तारीख पर कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया है जबकि उनकी मां डॉ. तजीन फात्मा को सेहत संबंधी समस्या को देखते हुए आवश्यकता पर ही कोर्ट के बुलाने पर उपस्थित होने की छूट दे दी गई है। उनकी हाजिरी जरिए अधिवक्ता स्वीकार की जाएगी। सपा नेता आजम खां के बेटे एवं स्वार विधानसभा सीट से विधायक अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में अब्दुल्ला आजम के साथ ही उनकी मां एवं पूर्व विधायक डॉ. तजीन फात्मा और पिता आजम खां भी आरोपी हैं। हालांकि इस मामले में तीनों की जमानत मंजूर हो चुकी है। इस मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चल रही है, जिसमें बुधवार 11 मई को सुनवाई के दौरान अब्दुल्ला आजम और उनकी डॉ.तजीन फात्मा कोर्ट में पेश नहीं हुए थे और अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाजिरी माफी व स्थगन प्रार्थना पत्र दाखिल किया था, जिसे कोर्ट ने खारिज करते हुए दोनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिए थे। इसके बाद बृहस्पतिवार को विधायक अब्दुल्ला आजम और उनकी मां एवं पूर्व विधायक डॉ. तजीन फात्मा कोर्ट में पेश हुए और वारंट रिकॉल (वापस करने) के लिए अपने अधिवक्ता के माध्यम से प्रार्थना पत्र दाखिल किया। जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दोनों के वारंट सशर्त वापस ले लिए। इस मामले में अगली सुनवाई सोमवार 16 मई को होनी है।

लालू यादव की फिर बढ़ीं मुश्किलें, CBI ने दर्ज किया केस,17 ठिकानों पर छापेमारी

लालू यादव की फिर बढ़ीं मुश्किलें, CBI ने दर्ज किया केस, 17 ठिकानों पर छापेमारी
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें फिर बढ़ गई हैं। हाल ही में चारा घोटाले में जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर निकले लालू के खिलाफ सीबीआई ने नया केस दर्ज किया है। उनके 17 ठिकानों पर छापेमारी भी चल रही है।न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, यह छापेमारी ‘रेलवे में नौकरी के बदले जमीन’ घोटाले में की गई है। बताया जा रहा है कि लालू यादव के अलावा उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती के ठिकानों पर भी छापेमारी चल रही है।73 वर्षीय नेता को हाल ही में चारा घोटाले के पांचवें केस में जमानत मिली है। यह चारा घोटाले का अंतिम केस है, जिनमें उन्हें जमानत मिल चुकी है और वह जेल से बाहर आ चुके हैं। वह लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों से जूझ रहे हैं। सीबीआई की छापेमारी के बीच लालू यादव की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात है। लालू यादव 1990 से 1997 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे। लालू यादव के ठिकानों पर छापेमारी को लेकर आरजेडी नेता आलोक मेहता ने कहा, ”यह एक मजबूत आवाज को दबाने की कोशिश है। सीबीआई की दिशा और काम पूरी तरह पक्षपाती है।” वहीं, लालू यादव के भाई प्रभुनाथ यादव ने कहा, ”यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक बीमार व्यक्ति को जानबूझकर इस तरह परेशान किया जा रहा है। यह सब जानते हैं कि इनके पीछे कौन है।” छापेमारी के बीच आरजेडी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, ”तोते हैं, तोतों का क्या।” माना जा रहा है कि पार्टी का यह तंज सीबीआई को लेकर है, जिसे यूपीए सरकार के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पिंजड़े का तोता कहा था।

ज्ञानवापी में जुमे की नमाज के लिए जुटी भारी भीड़, मस्जिद का गेट बंद किया गया

ज्ञानवापी मस्जिद में आज जुमा की नमाज पढ़ने जाते लोग
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता)अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने आज जुमे की नमाज को लेकर गुजारिश की थी कि लोग कम संख्या में ज्ञानवापी मस्जिद पहुंचे। इस अपील के बाद भी बड़ी संख्या में लोग नमाज अदा करने पहुंचे। पुलिस-प्रशासन अलर्ट मोड में है। वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में आज जुमे की नमाज को लेकर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने पत्र जारी कर नमाजियों से एक गुजारिश की है। कमेटी ने कहा कि जुमा की नमाज के लिए लोग कम तादाद में ज्ञानवापी मस्जिद आएं। इस अपील का असर खास नहीं पड़ा। बड़ी संंख्या में लोग नमाज अदा करने के लिए ज्ञानवापी पहुंचे। परिसर के अंदर जगह नहीं होने के कारण अब प्रवेश रोक दिया गया है। पुलिस-प्रशासन अलर्ट मोड में है। मसाजिद कमेटी की ओर से अपील की गई थी कि वजूखाना सील होने की वजह से अधिक लोगों का मस्जिद में आना उचित नहीं होगा लिहाजा आप सभी अपने मुहल्ले में ही जुमे की नमाज अदा करें। इधर, जुमे की नमाज को लेकर पुलिस-प्रशासन भी अलर्ट मोड में हैं। जुमे की नमाज के शुरू होने से लेकर खत्म होने के बाद तक चौकसी रखने के निर्देश दिए गए हैं। सर्वे के बाद ज्ञानवापी मस्जिद के वजू स्थल और शौचालय को अदालत के आदेश से सील कर उस पर नौ ताले लगाए गए हैं। वजू स्थल और शौचालय को सील करने के बाद आज पहला जुमा है। जुमे की नमाज अदा करने के लिए ज्ञानवापी मस्जिद में सामान्य दिनों से कुछ ज्यादा ही भीड़ नमाजियों की रहती है। इसे लेकर ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने मुस्लिम समाज के लोगों के लिए अपील जारी की गई है।जिसमें कहा है कि ज्ञानवापी मामला अदालत में है। वजू खाना और शौचालय सील हो जाने से नमाज के लिए आ रहे लोगों को दिक्कत हो रही है। शुक्रवार को नमाजियों की तादाद ज्यादा रहती है इसलिए ये दिक्कत ज्यादा पेश आएगी। इस वजह से अपील जाती है कि बड़ी तादाद में लोग आज ज्ञानवापी मस्जिद आने से परहेज करें। हर बार की तरह इस बार भी जुमा की नमाज अपने मुहल्ले में अदा करें। साथ ही ये भी कहा गया कि मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए आने वाले लोग घर से ही वजू कर के आएं।

पुलिस की निष्क्रियता के कारण दलित प्रोफेसर पर लगातार हो रहे है
हमले:फ़तेह बहादुर

जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) लखनऊ विश्वविद्यालय के दलित प्रोफेसर रविकांत के साथ भाजपा के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के कार्यकर्ताओं द्वारा की गयी अभद्रता व मारपीट के मामले में पुलिस की ओर से अभीतक एफआईआर दर्ज ना किये जाने को लेकर सामाजिक संगठनों ने अपना आक्रोश जताया और कहा कि इस मामले में जल्द ही कोई कार्रवाई की जाए। प्रो. रविकांत पर लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर में 18 मई को उनके सुरक्षा गार्ड की मौजूदगी में उनपर एक छात्र ने हमला कर दिया। इस मामले को लेकर सामाजिक संस्था बहुजन भारत के अध्यक्ष कुंवर फ़तेह बहादुर ने कहा कि यदि पुलिस प्रो. रविकांत पर दस मई को हुए हमले की रिपोर्ट लिखकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कर दी होती तो प्रो. पर दोबारा हमला ना होता। संस्था मुख्यालय में हुई बैठक में उन्होंने कहा कि राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री और राज्यपाल से लेकर पुलिस के साथ ही शासन और प्रशासन के सारे अधिकारी बैठते हैं और ये मामला सबकी संज्ञान में भी होगा, बावजूद इसके अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई तो दूर उनके खिलाफ मुक़दमा तक नहीं लिखा गया, उलटे उनकी तहरीर पर प्रो. रविकांत के खिलाफ आईपीसी की गंभीर धाराओं में मुक़दमा लिख दिया गया। कुंवर फ़तेह बहादुर ने कहा कि एक अनुसूचित जाति के प्रोफेसर के खिलाफ लखनऊ विवि परिसर में जानलेवा हमला किया जाता है, ऐसे में अनुसूचित जाति के मंत्री की प्रो. के खिलाफ हुए अत्याचार के मामले में इनकी चुप्पी आश्चर्यजनक है। उन्होंने कहा कि प्रो. रविकांत ने टीवी डिबेट में ज्ञानवापी मस्जिद से सम्बंधित जो तथ्य पेश किये वे इतिहासकार सीतारमैया की पुस्तक के उद्दरण के आधार पर थे, जिसकी वजह से उनपर जानलेवा हमला हुआ। उन्होंने इस मामले में पुलिस आयुक्त से मिलकर हमला करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की, लेकिन उनकी एफआईआर तो दर्ज नहीं हुई पर विद्यार्थी परिषद् के कार्यकर्ताओं की ओर से प्रो. रविकांत के खिलाफ मुक़दमा दर्ज कर दिया गया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी अपराध मुक्त प्रदेश का दावा करते हैं और अपराधियों के खिलाफ बुलडोजर चलवाकर उनमें भय का माहौल बनाते हैं, लेकिन शायद अनुसूचित जाति के लोगों के खिलाफ हो रहे अत्याचार को लेकर सरकार व आलाधिकारियों की कुछ और ही राय है, यही वजह है कि पूरे प्रदेश में दलितों पर हो रहे उत्पीड़न के मामलों में शासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। बैठक में संस्था के महासचिव चिंतामणि, उपाध्यक्ष नन्द किशोर, कोषाध्यक्ष राम कुमार गौतम, संयुक्त सचिव कृष्ण कन्हैया पाल, नवल किशोर ने भी अपने विचार रखे।

 

 

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