केंद्रीय संस्कृति मंत्री ने एएसआई को नहीं दिया गया है कुतुब मीनार में खुदाई करने का आदेश,
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) ऐसा दावा है कि संस्कृति मंत्रालय द्वारा कुतुब मीनार परिसर में खुदाई कराई जाएगी, ताकि कुतुब मीनार में मूर्तियों की आइकोनोग्राफी कराई जा सके। संस्कृति विभाग ने ASI को इसके निर्देश जारी कर दिए हैं।काशी की ज्ञानवापी मस्जिद में पाए गए कथित ‘शिवलिंग’ के बाद अब कुतुब मीनार को लेकर छिड़े विवाद के बीच इस ऐतिहासिक परिसर में भी खुदाई कर हकीकत जानने की मांग जोर पकड़ने लगी है। हिन्दू संगठनों का कहना है कि परिसर में अनेक मूर्तियां विभिन्न स्थानों पर रखी हुई हैं। बीते दिनों हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने इस परिसर के पास हनुमान चालीसा पाठ करके कुतुब मीनार का नाम बदलकर ‘विष्णु स्तंभ’ रखने की मांग की थी।मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ऐसा दावा किया जा रहा है कि संस्कृति मंत्रालय द्वारा कुतुब मीनार परिसर में खुदाई कराई जाएगी, ताकि कुतुब मीनार में मूर्तियों की आइकोनोग्राफी कराई जा सके। दावा है कि संस्कृति विभाग ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) को इसके लिए निर्देश जारी कर दिए हैं।हालांकि, जब इस दावे की हकीकत जानने की कोशिश की गई तो यह पूरी तरह से झूठा और बेबुनियाद निकला। इस बारे में अभी तक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) दिल्ली मंडल को खुदाई और अध्ययन के संबंध में संस्कृति मंत्रालय से कोई औपचारिक निर्देश लिखित रूप में प्राप्त नहीं हुआ है। संस्कृति मंत्रालय के अधिकारियों ने परिसर का दौरा जरूर किया था।संस्कृति मंत्रालय के विश्वनसीय सूत्र ने अपना नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा कि इस बारे में साफ कहा कि मीडिया में चल रही इस तरह की खबरें पूरी तरह से गलत हैं। उन्होंने कहा कि संस्कृति मंत्रालय की तरफ से किसी भी तरह की खुदाई कराने के कोई आदेश नहीं दिए गए हैं।गौरतलब है कि बीती 10 मई को हिन्दूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं द्वारा कुतुब मीनार परिसर में हनुमान चालीसा पढ़ने तथा स्मारक का नाम बदलकर ‘विष्णु स्तंभ’ किए जाने की मांग करते हुए कुतुब मीनार परिसर की ओर मार्च करने पर पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था। प्रदर्शनकारी हाथों में बैनर लेकर हिन्दू और जैन प्रतिमाओं की पूजा-अर्चना की अनुमति देने की मांग कर रहे थे।हिन्दूवादी संगठन कुतुब मीनार परिसर स्थित कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद से मूर्तियां हटाने की मांग कर रहे हैं जिससे वे पूजा-अर्चना कर सकें। प्रदर्शनकारी हाथों में कुछ पोस्टर लिए थे जिनमें लिखा था कि कुतुब मीनार वास्तव में ‘विष्णु स्तंभ’ था। कुतुब मीनार ईंट से बनी विश्व की सबसे ऊंची मीनार है, इसकी ऊंचाई 72.5 मीटर है। दिल्ली पर्यटन विभाग की वेबसाइट के अनुसार कुतुब मीनार को कुतुबुद्दीन ऐबक ने दिल्ली के अंतिम हिंदू साम्राज्य को पराजित करने के बाद 1193 में बनवाया था। कुतुब मीनार परिसर में कुव्वत-उल-इस्लाम (लाइट ऑफ इस्लाम) मस्जिद का निर्माण 1193 और 1197 में करवाया था।

सपा विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए आजम खान और शिवपाल
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा का सत्र शुरू होने से एक दिन पहले समाजवादी पार्टी के मुख्यालय में रविवार को बुलाई गई विधायक दल की बैठक में पार्टी के विधायक आजम खान और शिवपाल सिंह यादव शामिल नहीं हुए।उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा का सत्र शुरू होने से एक दिन पहले समाजवादी पार्टी (सपा) के मुख्यालय में रविवार को बुलाई गई विधायक दल की बैठक में पार्टी के विधायक आजम खान और शिवपाल सिंह यादव शामिल नहीं हुए। सपा नेताओं ने कहा कि हाल ही में सीतापुर जेल से जमानत पर रिहा हुए खान रामपुर में हैं और स्वास्थ्य कारणों से वह बैठक में शामिल नहीं हो सके।रामपुर से सपा विधायक खान के अलावा उनके बेटे एवं विधायक अब्दुल्ला आजम और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के प्रमुख शिवपाल सिंह यादव भी विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए। अब्‍दुल्‍ला आजम रामपुर जिले की स्‍वार विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीते हैं। सपा के वरिष्ठ नेता रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम कल (सोमवार) सत्र में भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि वह (आजम खान) स्वास्थ्य कारणों से बैठक में शामिल नहीं हो सके। मेहरोत्रा ने बताया कि सोमवार को आजम खान पहले विधानसभा सदस्य के तौर पर शपथ लेंगे और फिर सत्र में भाग लेंगे। शिवपाल यादव की गैरमौजूदगी के बारे में रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि हालांकि उन्होंने सपा के चुनाव चिह्न (साइकिल) पर विधानसभा चुनाव जीता है लेकिन वह एक पार्टी के मुखिया भी हैं और पहले भी वह बैठक में शामिल नहीं हुए थे। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने विधायकों को विधानसभा के सत्र में जनहित के मामलों को प्रमुखता से उठाने को कहा है।

क्या क्या ना सहे हम ने सितम आप की खातिरबाराबंकी:कचहरी के सामने गरजा बुलडोजर,विरोध करने वाले वकील हिरासत में
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) उत्तर प्रदेश में जारी अतिक्रमण अभियान के तहत रविवार को बाराबंकी-लखनऊ-अयोध्या मार्ग पर कचहरी के सामने अतिक्रमण पर प्रशासन का बुलडोजर चला। सड़क के किनारे बनी वकीलों के चेंबर को को तोड़ दिया गया।उत्तर प्रदेश में जारी अतिक्रमण अभियान के तहत रविवार को बाराबंकी-लखनऊ-अयोध्या मार्ग पर कचहरी के सामने अतिक्रमण पर प्रशासन का बुलडोजर चला। सड़क के किनारे बनी वकीलों के चेंबर को को तोड़ दिया गया और विरोध कर रहे दो वकीलों को पुलिस ने हिरासत में लिया।अधिकृत सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अतिक्रमण हटाने के आदेश पर अमल करते हुए जिला प्रशासन ने कचहरी और रजिस्ट्री ऑफिस के सामने सड़क से सटे अतिक्रमण को बुलडोजर से हटाया। इस दौरान विरोध कर रहे बार एसोसिएशन के महामंत्री रितेश मिश्रा समेत दो वकीलों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सुमित यादव, अपर पुलिस अधीक्षक और नगरपालिका की टीम ने रविवार सुबह कचहरी के पास अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी। जिला प्रशासन चार बुलडोजर लेकर मौके पर पहुंची। यह देख धीरे-धीरे वकीलों की भीड़ भी जुटना शुरू हो गई। अधिवक्ताओं ने प्रशासन द्वारा की जा रही कार्रवाई का विरोध करते हुए एक हफ्ते का समय और मांगा। एसडीएम ने स्पष्ट कहा कि 24 घंटे का समय दिया गया था, बावजूद इसके तहसील प्रशासन 48 घंटे बाद कार्रवाई शुरू कर रहा है। एसडीएम ने पुलिस फोर्स को आदेश देते हुए अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू करा दी। बुलडोजर के गरजते ही अधिवक्ता पंकज यादव और बार एसोसिएशन के महामंत्री रितेश मिश्रा बुलडोजर के आगे खड़े हो गए। पुलिस और इन दोनों वकीलों को हिरासत में लेकर बंद कर दिया और देखते ही देखते प्रशासन के चारों बुलडोजर अतिक्रमण पर चलने लगे।अधिवक्ताओं ने प्रशासन मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। टीन शेड और लोहे की जाली से बने वकीलों के चेंबर पल भर में जमींदोज हो गए। वहीं वकीलों का कहना है कि उनके चेंबर में रजिस्ट्री के कागजात और भारी संख्या में स्टांप रखे थे जो बर्बाद हो गए हैं। बार एसोसिएशन के महामंत्री अधिवक्ता रितेश मिश्रा ने कहा कि यह सब बार अध्यक्ष की साजिश के तहत हो रहा है जिसका विरोध किया जाएगा और अधिवक्ता कार्य बहिष्कार कर भूख हड़ताल शुरू करेंगे।

कंगना रनौत की हसरतों पर फिरा पानी फ़िल्म ‘धाकड़’ बॉक्स ऑफिस पर ढेर
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) दो दिन ’धाकड़’ के लिए जिस तरह रहे उसके बाद रविवार की छुट्टी का भी कोई फायदा मिलता नहीं दिख रहा है। फिल्म में कंगना ने जबरदस्त एक्शन सीन्स फिल्माए हैं। हालांकि कहानी की वजह से फिल्म कमजोर पड़ गई।कंगना रनौत की ’धाकड़’ जिस तरह बॉक्स ऑफिस पर ढेर हुई इसका अंदाजा मेकर्स को बिल्कुल भी नहीं रहा होगा। फिल्म में कंगना ने जबरदस्त एक्शन सीन्स फिल्माए हैं। हालांकि कहानी की वजह से फिल्म कमजोर पड़ गई। क्रिटिक्स की ओर फिल्म को मिले-जुले रिएक्शन मिले हैं। दूसरी ओर ’धाकड़ ’ के साथ साथ रिलीज हुई ’भूल भुलैया 2’ को जमकर सराहा जा रहा है। फिल्म ने ओपनिंड डे पर शानदार कमाई की और पहले दिन ही १८ अठरा करोड़ कमाए। फिर शनिवार को इसका कलेक्शन और बढ़ा। ’धाकड़’ को ’भूल भुलैया 2’ से भी टक्कर मिल रही है जिसका नुकसान फिल्म को हुआ है।शुरुआती दो दिन ’धाकड़’ के लिए जिस तरह रहे उसके बाद रविवार की छुट्टी का भी कोई फायदा मिलता नहीं दिख रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, फिल्म ने पहले दिन लगभग 1.2 करोड़, दूसरे दिन करीब 1.05 करोड़ का कलेक्शन किया है। इस तरह दो दिन में फिल्म ने कुल 2.25 करोड़ कमाए हैं। ये शुरुआती आंकड़े हैं। इसमें थोड़ा बहुत फेरबदल हो सकता है।’धाकड’ का बॉक्स ऑफिस पर जो हाल है वह हैरान करने वाला है क्योंकि फिल्म में कंगना रनौत के साथ अर्जुन रामपाल और दिव्या दत्ता जैसे जाने-माने एक्टर हैं। फिल्म को लगभग 2000 से ज्यादा स्क्रीन्स मिले हैं और इसका प्रमोशन भी काफी किया गया।जासूसी थ्रिलर फिल्म में कंगना एजेंट अग्नि के किरदार में हैं। इसे दीपक मुकुट और सोहेल मकलई ने प्रोड्यूस किया है। फिल्म के निर्देशक रजनीश घई हैं। ’धाकड़’ का बजट 100 करोड़ के करीब बताया जा रहा है।

संविधान के मुताबिक डीयू के प्रो.के विरुद्ध सरकार करे कार्रवाई : फ़तेह बहादुर
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) सामाजिक संस्था बहुजन भारत ने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर रतन लाल की गिरफ्तारी की निंदा की है। संस्था के अध्यक्ष कुंवर फ़तेह बहादुर ने कहा कि प्रो. रतनलाल की गिरफ़्तारी संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है, सरकार को संविधान के मुताबिक डीयू के प्रो. के विरुद्ध कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकारें दलित व्यक्ति के खिलाफ किसी भी तरह की कोई भी संविधान विरुद्ध शिकायत पर कार्रवाई कर रहीं हैं, जबकि दलित समाज के विरुद्ध अभद्र और अमर्यादित टिप्पणी करने वालों पर एफआईआर दर्ज होने के बाद भी उनके खिलाफ पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।उन्होंने कहा कि लखनऊ जिले के तहसील मोहनलालगंज के तहसीलदार निखिल शुक्ल ने दलितों के खिलाफ अभद्र और अपमानजनक टिप्पणी की और उनके खिलाफ लगभग एक महीने के प्रयास के बाद दलित निवारण अत्याचार अधिनियम के खिलाफ मुक़दमा भी दर्ज हुआ, बावजूद इसके अभीतक उनकी गिरफ़्तारी नहीं की गयी, वहीँ लखनऊ विश्वविद्यालय के दलित प्रोफेसर रविकांत के खिलाफ भाजपा के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के कार्यकर्ताओं की शिकायत पर उन पर पुलिस ने मुक़दमा दर्ज कर लिया, जबकि रविकांत के साथ अभद्रता व मारपीट के मामले में पुलिस की ओर से अभीतक एफआईआर दर्ज नहीं की गयी। उन्होंने कहा कि यदि विश्वविद्यालयों में अध्यापन कार्य कर रहे दलित समाज के प्रोफ़ेसरों, सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा कहीं कोई तथ्यों के आधार पर भी अपनी बात रखी जाती हैं तो उनके खिलाफ धार्मिक भावनाओं को भड़काने के आरोप में एफआईआर होने के साथ ही उनकी गिरफ्तारी हो रही है।

 

 

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