ईरान के टॉप कमांडर सैय्यद खोदेई हमले में शहीद,वह कर्नल सुलेमानी के बाद दूसरे बड़े सैन्य कमांडर थे इराक और सीरिया में स्थित शिया समुदाय के पवित्र स्थलों की रक्षा करने का काम देख रहे थे,इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद के कई सदस्य गिरफ्तार,ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने कहा अपराधियों से शहीद ख़ुदाई का बदला निश्चितरूप से लिया जायेगा

जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता)अपने टॉप कमांडर की हत्या के बाद ईरान बुरी तरह भड़क गया और उसे ऐलान किया है कि वह इस हत्या का बदला जरूर लेगा। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने कर्नल हसन सैय्यद खोदेई की हत्या को आतंकी हमला बताया है और कहा है कि ईरान इसका बदला जरूर लेगा। यह सब तब हुआ था जब तेहरान में रविवार शाम इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड कॉर्प्स के कर्नल हसन सैय्यद खोदेई की दो बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। इस हत्या के पीछे इजराइल की खूफिया एजेंसी मोसाद का हाथ बताया जा रहा है।​​​​​​​इस्लामी क्रांति संरक्षक बल सिपाहे पासदारान के एक सैनिक सय्याद ख़ुदाई को रविवार को आतंकवादियों ने 5 गोली मार कर शहीद कर दिया। ओमान की यात्रा पर रवाना होने से पहले राष्ट्रपति ने कहा है कि अपराधियों से शहीद ख़ुदाई का बदला निश्चितरूप से लिया जायेगा।

टॉप कमांडर की हत्या के बाद भड़का ईरान, कहा- खून का बदला जरूर लेंगे
राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी ओमान नरेश के आधिकारिक निमंत्रण पर एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ मसक़त के लिए रवाना हो गये हैं। राष्ट्रपति ने ओमान रवाना होने से पहले सिपाहे पासदारान के शहीद कर्नल सय्यादी खुदाई के परिजनों के प्रति सहानुभूति जताई और सांत्वना दी और कहा कि इस घटना की जांच- पड़ताल से सिद्ध हो जायेगा कि इसके पीछे विश्व साम्राज्यवादियों का हाथ है।वहीं हमले के बाद ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने रविवार को कहा था कि कर्नल की हत्या ईरान के शत्रुओं ने की है जो आतंकवादी एजेंट हैं। यह अफसोस की बात है कि आतंकवाद से लड़ने का दावा करने वाले खामोश हैं और इसका समर्थन कर रहे हैं। ईरान का यह बयान माना जा रहा है कि अमेरिका और उसके सहयोगियों की तरफ एक इशारा है।इससे पहले हमले के बाद ईरान की तरफ से यह भी कहा गया कि इस मामले में इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद के कुछ सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। इस हत्याकांड में इन लोगों का ही हाथ होने का संदेह ईरान ने जताया है। सैयद खोदाई ईरान के लिए कासिम सुलेमानी के बाद दूसरे बड़े सैन्य कमांडर थे। वह इराक और सीरिया में स्थित शिया समुदाय के पवित्र स्थलों की रक्षा करने का काम देख रहे थे।स्थानीय मीडिया के अनुसार राजधानी तेहरान में रविवार को कर्नल सैयद खोदाई जब अपने घर के बाहर कार में सवार थे, उसी समय सशस्त्र हमलावरों ने गोलीमार कर उनकी हत्या कर दी। यह 2020 के बाद से ईरान में सबसे बड़ा मामला है, जब एक सीनियर अधिकारी कासिम सुलेमानी की हत्या कर दी गई थी। कर्नल खोदाई कुलीन कुद्स फोर्स के एक वरिष्ठ सदस्य थे, जो रिवोल्यूशनरी गार्ड्स की एक बाहरी शाखा है। कासिम सुलेमानी भी इसी फोर्स से ताल्लुक रखते थे। राष्ट्रपति ने कहा कि जो लोग पवित्र हरम की रक्षा करने वालों से पराजित हो चुके हैं वे इस तरह से अपनी मजबूरी दर्शाना चाहते हैं। इसी प्रकार उन्होंने कहा कि मैं बल देकर कहता हूं कि सुरक्षा बल इस मामले की जांच करेंगे और इस बात में कोई संदेह नहीं है कि इस शहीद का बदला अपराधियों से अवश्य लिया जायेगा। इस्लामी क्रांति की सफलता के आरंभ से ईरान को आतंकवादी कार्यवाहियों और हमलों का सामना रहा है। दूसरे शब्दों में इस्लामी गणतंत्र ईरान आतंकवाद की भेंट चढ़ने वाला दुनिया का एक अस्ली देश है और अब तक आतंकवादी 17 हज़ार से अधिक ईरानी अधिकारियों, राजनेताओं, धर्मगुरूओं और सामान्य लोगों यहां तक परमाणु वैज्ञानिकों को शहीद कर चुके हैं। सवाल यह पैदा होता है कि आतंकवादी क्यों और किन लक्ष्यों को साधने के लिए ईरान में आतंकवादी हमले और कार्यवाहियां अंजाम देते हैं? उसका एक जवाब यह है कि जिन कारणों से ईरान के दुश्मन इस्लामी क्रांति के विरोधी थे और नहीं चाहते थे कि इस्लामी क्रांति सफल हो उन्हीं कारणों से आज भी ईरान में आतंकवादी हमले होते रहते हैं। ईरान में जो आतंकवादी हमले होते हैं उसके पीछे विश्व साम्राज्यवादियों के हाथ होते हैं। दूसरे शब्दों में आतंकवादी, विश्व साम्राज्यवादियों के हथकंडे होते हैं और ये आतंकवादी उन्हीं पर हमला करते हैं जिन पर हमला करने के लिए विश्व साम्राज्यवादी उन्हें निर्देश देते हैं। उसकी वजह यह है कि विश्व साम्राज्यवादी कभी भी नहीं चाहते कि ईरान प्रगति करे क्योंकि ईरान दुनिया के लिए आदर्श बनता जा रहा है और ईरान को प्रगति और विश्व के लिए आदर्श में परिवर्तित होने से रोकने के लिए विश्व साम्राज्यवादी शक्तियां अपने एजेन्टों से आतंकवादी हमले करवाती हैं परंतु गत 43 वर्षों का इतिहास इस बात का साक्षी है कि ईरान को प्रगति करने से दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक सकती और अगर कोई ताक़त प्रगति से रोक सकती होती तो अब तक रोक चुकी होती। प्रतिबंधों के काल में विभिन्न क्षेत्रों में ईरान की ध्यान योग्य प्रगति को इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जा सकता है।

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