अरब देशों में विरोध के बाद नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल को आज बीजेपी से निलंबित कर दिया,पैग़ंबर मोहम्मद(सअ) के खिलाफ न्यूज चैनल डिबेट में कि थी टिप्प्णी के बाद भारत,पाकिस्तान,से लेकर सऊदी अरब और मध्यपूर्व के देशों क़तर,ओमान, बहरीन और मिस्र तक में इस का ज़बर्दस्त विरोध हो रहा था जिस के बाद बीजेपी ने बयान जारी कर कहा है कि “भारत के हज़ारों साल के इतिहास में कई धर्म फले-फूले हैं भारतीय जनता पार्टी हर धर्म का सम्मान करती है.भारतीय संविधान नागरिकों को किसी भी धर्म के पालन की आज़ादी देता है. साथ ही यह सभी धर्मों के आदर और सम्मान का भी अधिकार देता है.”

नवीन जिंदल और नुपुर शर्मा

जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल के पैगंबर मुहम्मद (सअ) पर दिए गए बयान पर भारत,पाकिस्तान,से लेकर सऊदी अरब और मध्यपूर्व के देशों क़तर,ओमान, बहरीन और मिस्र तक में इस का ज़बर्दस्त विरोध हो रहा हैं।इस मामले के इतना तूल पकड़ने पर  बीजेपी ने अपने दोनों प्रवक्ताओं को रविवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया।सऊदी अरब में मुस्लिम वर्ग के लोग ने इसे पैगंबर मोहम्मद पर हमले के तौर पर देखा और हज़ारों की संख्या में वहां के लोग सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा व्यक्त कर रहे हैं। साथ ही लोग वहां के लोग भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ भी गुस्सा ज़ाहिर कर रहे हैं। दरअसल बीते महीने नूपुर शर्मा ने टाइम्स नाउ के एक पैनल में हिस्सा लिया था। जिसमें ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर हो रहे विवाद पर चर्चा की जा रही थी। नूपुर शर्मा ने जब अपनी बात रखी तो उसमें उन्होंने कुछ ऐसा कह दिया जहां से ये पूरा विवाद शुरू हुआ।27 मई को नुपुर एक नेशनल टेलीविजन न्यूज चैनल की डिबेट में पहुंचीं। बहस के दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग हिंदू आस्था का लगातार मजाक उड़ा रहे हैं। अगर यही है तो वह भी दूसरे धर्मों का मजाक उड़ा सकती हैं। नुपुर ने इसके आगे इस्लामी मान्यताओं का जिक्र किया। आरोप है कि उन्होंने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अभद्र टिप्प्णी की।उनके इस बयान के वीडियो को पेशे से पत्रकार और फ़ैक्ट चेकिंग वेबसाइट Alt News के सह-संस्‍थापक मोहम्मद ज़ुबैर ने अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर किया और नूपुर पर पैग़ंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी करने का आरोप लगाया। उसके बाद इस मामले में तूल पकड़ना शुरू कर दिया और भारत-पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर इसका बहुत विरोध हुआ। उस दौरान बीजेपी दिल्ली के प्रवक्ता नवीन कुमार जिंदल ने भी अल्पसंख्यक समुदाय के ख़िलाफ़ एक ट्वीट कर के विवाद खड़ा किया था। भारतीय जनता पार्टी की ओर से पहली बार रविवार की दोपहर इस मामले पर टिप्पणी आई है। बीजेपी ने पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ अपने दो प्रवक्ताओं की टिप्पणी से पैदा हुए विवाद के बाद कहा है कि वह सभी धर्मों आदर करती है और किसी भी धार्मिक महापुरुष के किसी अपमान का पुरजोर निंदा करती है। पैगंबर मोहम्मद पर बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल की टिप्पणी से पैदा विवाद पर पार्टी के महासचिव अरुण सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी ऐसी किसी भी विचारधारा के बिल्कुल ख़िलाफ़ है, जो किसी संप्रदाय या धर्म का अपमान करती है।समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक अरुण सिंह ने कहा,”भारत के हज़ारों साल के इतिहास में कई धर्म फले-फूले हैं. भारतीय जनता पार्टी हर धर्म का सम्मान करती है. भारतीय संविधान नागरिकों को किसी भी धर्म के पालन की आज़ादी देता है. साथ ही यह सभी धर्मों के आदर और सम्मान का भी अधिकार देता है।”हालांकि तब बीजेपी ने नूपुर शर्मा के बयान से पैदा हुए विवाद का सीधा जिक्र नहीं किया है लेकिन कुछ देर बाद ही समाचर एजेंसियों पीटीआई और एएनआई ने इस बात की पुष्टि की कि नुपूर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल को बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है।नूपुर शर्मा के उस बयान को अपने ट्विटर हैंडल पर साझा करने वाले मोहम्मद ज़ुबैर ने रविवार को फिर एक ट्वीट साझा किया और बताया कि मध्यपूर्व के देशों क़तर, ओमान, सऊदी अरब और मिस्र में ये सोशल पर ट्रेंड कर रहा है।एक ट्वीटर यूज़र मुहम्मद मक्की ने लिखा, “पैग़ंबर मुहम्मद का एक और अपमान, अल्लाह उस पर शांति कायम करें. अगर इतने सारे लोगों की तरफ़ से तीखी प्रतिक्रिया होती तो किसी और की हिम्मत नहीं हुई होती! लेकिन दुर्भाग्य से प्रतिक्रियाएं पर्याप्त नहीं हैं।”वहीं रेहान ने लिखा, “कुछ घंटों से बीजेपी के प्रवक्ता के ट्वीट और बयान सऊदी अरब में टॉप ट्रेंड हैं. दुनिया को भारतीय मुसलमानों और इस्लाम के ख़िलाफ़ हो रहे अपराधों पर ध्यान देना चाहिए। वहीं एक अन्य यूज़र जहांज़ेब ने लिखा, “मोदी के भारत में मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रत और हिंसा एक ज़रूरी चीज़ है. अब उनकी सरकार की ओर से की गई ईशनिंदा पर कड़ी प्रतिक्रिया की ज़रूरत है. मुस्लिम जगत को इसका तुरंत बहिष्कार करना चाहिए।27 मई को नुपुर एक नेशनल टेलीविजन न्यूज चैनल की डिबेट में पहुंचीं। बहस के दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग हिंदू आस्था का लगातार मजाक उड़ा रहे हैं। अगर यही है तो वह भी दूसरे धर्मों का मजाक उड़ा सकती हैं। नुपुर ने इसके आगे इस्लामी मान्यताओं का जिक्र किया। आरोप है कि उन्होंने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अभद्र टिप्प्णी की।नूपुर शर्मा के कथित विवादित टिप्पणी पर मुस्लिम सामाजिक संस्था रज़ा एकेडमी ने 28 मई, 2022 को ट्वीट करके उन्हें गिरफ़्तार करने की मुहिम चलाई थी। #ArrestNupurSharma टैग चलाया था और लोगों से अपील की थी कि वे अधिक से अधिक संख्या में इस हैशटैग के साथ अपना विरोध दर्ज कराएं। उन्होंने ट्वीट किया था, “नबी की शान में गुस्ताख़ी करने वाली नूपुर शर्मा को गिरफ़्तार करो।”साथ ही रज़ा एकेडमी ने मुंबई में आईपीसी की धारा 153ए, 295ए और 505(2) के तहत बीजेपी की प्रवक्ता नुपूर शर्मा के ख़िलाफ़ मामला भी दर्ज कराया। रज़ा एकेडमी ने ट्वीट करके इसकी पुष्टि भी की है। ट्वीट के मुताबिक़, “रज़ा एकेडमी ने मुंबई के पुलिस कमिश्नर को बीजेपी की प्रवक्ता नूपुर शर्मा के ख़िलाफ़ ‘ईशनिंदा’ के मामले में औपचारिक शिकायत दी है।रज़ा एकेडमी की शिकायत के बाद पुलिस कमिश्नर ने तुरंत ही नूपुर शर्मा के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करने के आदेश दे दिया था।अब इस मामले में एफ़आईआर दर्ज हो गई है। इसके अलावा महाराष्ट्र की टीपू सुल्तान पार्टी की ओर से भी ट्वीट करके बताया गया है कि नूपुर शर्मा के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है। टीपू सुल्तान पार्टी की ओर से ट्वीट किया गया है, “टीपू सुल्तान पार्टी ने महाराष्ट्र के अंबाजोगाई पुलिस स्टेशन में नूपुर शर्मा के ख़िलाफ़ केस दर्ज कराया गया है।”

कोरोना महामारी के बाद हाजियों का पहला जत्था सऊदी अरब पहुंचा
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) सऊदी अरब ने साल 2020 के बाद हज के लिए विदेशों से आने वाले तीर्थ यात्रियों के पहले जत्थे का रविवार को स्वागत किया है। कोरोना महामारी के बाद बाहर के देशों से लोगों को हज के लिए सऊदी अरब आने की इजाजत मिली है।इससे पहले मार्च, 2020 में लोग हज के लिए सऊदी जा पाए थे। सऊदी अरब के सरकारी मीडिया ने बताया कि इंडोनेशिया से 358 लोगों का पहला जत्था आज सऊदी पहुंचा।इस बीच भारत के केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर से भी 145तीर्थयात्रियों का पहला जत्था हज यात्रा के लिए आज ही रवाना हुआ मदीना जाने वाले तीर्थयात्रियों का ये जत्था 5 जून की सुबह हज हाउस बेमिना, श्रीनगर से बसों में रवाना हुआ।ये श्रद्धालु श्रीनगर से दिल्ली की फ्लाइट में सवार होंगे और हज यात्रा को आगे बढ़ाएंगे।हज समिति के कार्यकारी अधिकारी अबुल सलाम ने समाजार एजेंसी एएनआई से कहा, “पहले जत्थे में कुल 145 तीर्थयात्री प्रस्थान करेंगे. 145-145 के ये जत्थे अगले दो दिनों तक रवाना होनते रहेंगे. तीसरे दिन से ये संख्या दोगुनी हो जाएगी, जिसमें 290 तीर्थयात्री प्रस्थान करेंगे।”सोमवार को पाकिस्तान से पहला जत्था हज यात्रा के लिए रवाना होगा।कोरोना वायरस (Coronavirus) की सख्ती के 2 साल बाद सऊदी अरब ने इस साल हज में शामिल होने के लिये देश से बाहर से आने वाले लोगों की संख्या बढ़ाने का फैसला लिया है. साल 2022 में हज यात्रियों की संख्या 10 लाख तय की गई है. सऊदी अरब ने शनिवार को कहा कि वह देश के अंदर और बाहर के दस लाख मुसलमानों को इस साल के हज में भाग लेने की अनुमति देगा।असल में महामारी प्रतिबंधों के दो साल की रोक के बाद वहा जाने वाले तीर्थयात्रियों में भारी वृद्धि हुई है. बताया जा रहा है इस कदम ने, सामान्य हज की शर्तों को बहाल करने में कमी करते हुए, राज्य के बाहर कई मुसलमानों के लिए उम्मीद जगाई है।पिछले साल महज 60 हजार सऊदी नागरिकों को ही हज की अनुमति दी गई थी. इससे अलावा कोरोना महामारी से पहले दुनियाभर के 25 लाख लोगों को हज यात्रा करने की अनुमति दी जाती थी. एक सप्ताह तक चलने वाली हज यात्रा के दौरान मक्का और मदीना में इस्लाम के पवित्र स्थलों तक की यात्रा और साल भर चलने वाले उमरा से सऊदी अरब महामारी से पहले हर साल 12 अरब डालर की कमाई करता था।इस साल जुलाई महीने से हज यात्रा शुरू होगी, जिसके लिए पहले से आवेदन करना पड़ेगा। हज यात्रा मुस्लिमों में काफी पवित्र मानी जाती है. ऐसा माना जाता है कि हर एक मुस्लिम अपने जीवन में इस यात्रा को करना चाहता है. 2019 में दुनिया की सबसे बड़ी धार्मिक सभाओं में से एक मक्का और मदीना में लगभग 2.5 मिलियन लोगों ने भाग लिया था. लेकिन 2020 में कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत के बाद, सऊदी अधिकारियों ने केवल 1,000 तीर्थयात्रियों को ही हज में भाग लेने की अनुमति दी थी।

 

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