खाड़ी देशों में भारत सरकार की स्थिति कुछ भाजपा नेताओं की धार्मिक टिप्पणियों के चलते असहज हो गई है। रविवार को कतर, कुवैत और ईरान ने भारतीय राजदूतों को तलब कर गहरी नाराजगी जताई,कतर ने कहा- माफी मांगे भारत जबकि भारत सरकार का कहना है की अल्पसंख्यकों के खिलाफ विवादित बयान अराजक तत्वों के विचार हैं,सरकार के नहीं ,उधर एक के बाद एक कई ट्वीट कर ओआईसी ने कहा कि भारत में मुसलमानों के ख़िलाफ़ सुनियोजित तरीके से हिंसा बढ़ रही है, उनपर पाबंदियां लगाई जा रही हैं. ओआईसी ने अपने ट्वीट में हिजाब बैन और मुसलमानों की संपत्ति को नुक़सान पहुंचाने कोशिश हो रही है

 

जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) खाड़ी देशों में भारत सरकार की स्थिति कुछ भाजपा नेताओं की धार्मिक टिप्पणियों के चलते असहज हो गई है।भाजपा नेता के पैगंबर मोहम्मद को लेकर दिए गए बयान पर कतर के विदेश मंत्रालय ने भी भारत के राजदूत को बुलाकर एक निंदा प्रस्ताव सौंप दिया है। कुवैत और ईरान ने भारतीय राजदूतों को तलब कर गहरी नाराजगी जताई,कतर की तरफ से कहा गया है कि इस बयान के लिए भारत को माफी मांगनी चाहिए। बता दें कि भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने विवादित बयान दिया था। पार्टी ने उनकी प्राथमिक सदस्यता खत्म कर दी है। कतर के विदेश मंत्रालय ने कहा, धर्म के आधार पर घृणा को बढ़ाने वाला और मुस्लिमों का अपमान करने वाला जो बयान दिया गया है वह बेहद आपत्ति जनक है। कतर की राजधानी दोहा में स्थित भारतीय दूतावास के प्रवक्ता ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि राजदूत ने विदेश कार्यालय में एक बैठक की, जिसमें भारत में धार्मिक शख्सियत को बदनाम करने वाले कुछ आपत्तिजनक ट्वीट के संबंध में चिंता व्यक्त की गई है।

प्रवक्ता ने कहा; राजदूत ने बताया कि वे ट्वीट किसी भी तरह से भारत सरकार के विचारों को नहीं दर्शाते। ये अराजक तत्वों के विचार हैं। इससे पहले मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि विदेश राज्य मंत्री सुल्तान बिन साद अल-मुरैखी ने भारत के राजदूत को नोट सौंपा। मंत्रालय ने भारत में सत्तारूढ़ दल द्वारा जारी बयान का स्वागत किया, जिसमें उसने पार्टी के नेता को निलंबित करने की घोषणा की है।लेकिन कतर मंत्रालय ने कहा कि कतर भारत सरकार से सार्वजनिक माफी और इन टिप्पणियों की तत्काल निंदा की उम्मीद कर रहा है।भारतीय दूतावास के प्रवक्ता ने यहां कहा,अपमानजनक टिप्पणी करने वालों के खिलाफ पहले ही कड़ी कार्रवाई की जा चुकी है। अधिकारी ने कहा, ;हमारी सभ्यतागत विरासत और विविधता में एकता की मजबूत सांस्कृतिक परंपराओं के अनुरूप,भारत सरकार सभी धर्मों को सर्वोच्च सम्मान देती है।

उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडू फिलहाल कतर की यात्रा पर हैं और रविवार को उन्होंने यहां कतर के प्रधानमंत्री व गृह मंत्री शेख खालिद बिन खलीफा बिन अब्दुलअजीज अल सानी से मुलाकात की। प्रवक्ता ने कहा कि भारत-कतर संबंधों के खिलाफ काम करने वाले निहित स्वार्थी लोग इन अपमानजनक टिप्पणियों का उपयोग करके लोगों को उकसा रहे हैं।

दोनों पक्षों को ऐसे शरारती तत्वों के खिलाफ मिलकर काम करना चाहिए जो,द्विपक्षीय संबंधों की ताकत को कम करना चाहते हैं। क़तर और कुवैत के बाद इस मुद्दे पर ऑर्गेनाइज़ेशन ऑफ़ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओईसी) ने भी आपत्ति जताई और कहा कि भारत की सत्ताधारी पार्टी से जुड़े एक व्यक्ति के दिए विवादास्पद बयान की वो कड़ी आलोचना करता है।एक के बाद एक कई ट्वीट कर ओआईसी ने कहा कि भारत में मुसलमानों के ख़िलाफ़ सुनियोजित तरीके से हिंसा बढ़ रही है, उनपर पाबंदियां लगाई जा रही हैं. ओआईसी ने अपने ट्वीट में हिजाब बैन और मुसलमानों की संपत्ति को नुक़सान पहुंचाने जैसी ख़बरों का भी ज़िक्र किया।ओआईसी ने कहा कि पैग़ंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ बयान देने वालों और मुसलमानों के ख़िलाफ़ हिंसा करने वालों पर कार्रवाई की जाए।

ईरान में भी भारतीय राजदूत तलब
ईरान में भारतीय राजदूत धामू गद्दाम को रविवार शाम को दक्षिण एशिया के महानिदेशक द्वारा विदेश मंत्रालय में तलब किया गया था, जहां ईरान ने भाजपा नेता द्वारा विवादास्पद टिप्पणी पर मजबूत विरोध दर्ज कराया। मेहर समाचार एजेंसी ने यह जानकारी दी। इस पर भारतीय राजदूत ने खेद व्यक्त किया और इस तरह की टिप्पणी को अस्वीकार्य बताया। यह घटनाक्रम पिछले साल पदभार ग्रहण करने के बाद से ईरानी विदेश मंत्री होसैन अमीरबदोल्लाहियन की भारत की पहली नियोजित यात्रा से पहले आया है।

 

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