दिल्ली में नूपुर शर्मा,नवीन कुमार जिंदल के साथ असदुद्दीन ओवैसी और स्वामी यति समेत कई के खिलाफ एफआईआर
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) दिल्ली पुलिस की आईएफएसओ इकाई ने गुरुवार को एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को नामजद करते हुए कथित तौर पर भड़काऊ टिप्पणी करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की है। ओवैसी के खिलाफ एफआईआर होने के बाद एआईएमआईएम कार्यकर्ताओं ने पार्लियामेंट थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। एफआईआर में स्वामी यति नरसिंहानंद का नाम भी दर्ज किया गया है। ओवैसी और स्वामी नरसिंहानंद के अलावा दिल्ली पुलिस ने नुपुर शर्मा, नवीन कुमार जिंदल, शादाब चौहान, सबा नकवी, मौलाना मुफ्ती नदीम, अब्दुर रहमान, गुलजार अंसारी, अनिल कुमार मीणा, पूजा शकुन पांडेय के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया। दिल्ली पुलिस का आरोप है कि सभी आरोपी कथित रूप से नफरत के संदेश फैला रहे थे, विभिन्न समूहों को उकसा रहे थे और ऐसी स्थिति पैदा कर रहे थे, जो शांति बनाए रखने के लिए हानिकारक है।हमने नूपुर शर्मा, नवीन कुमार जिंदल और असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ सोशल मीडिया पर उनकी कथित अपमानजनक टिप्पणियों के संबंध में दो प्राथमिकियां दर्ज की हैं। इन्होंने अन्य धर्मों के लोगों की भावनाओं को आहत किया है। इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है।मालूम हो कि बीते दिनों पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी करने के कारण भारतीय जनता पार्टी ने पार्टी प्रवक्ता नुपुर शर्मा को निलंबित कर दिया था। इसके साथ ही दिल्ली मीडिया सेल के प्रमुख नवीन जिंदल को निष्कासित कर दिया था।

जुमे की नमाज को लेकर यूपी पुलिस ने जारी किया अलर्ट,
लखनऊ,
कानपुर में धारा 144 लागू, चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा, ड्रोन से हो रही निगरानी


जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता)कानपुर हिंसा को देखते हुए यूपी पुलिस सख्त हो गई है। यूपी पुलिस कल यानी शुक्रवार को जुमे की नमाज को देखते हुए प्रदेश भर के पुलिस अफसरों को मस्जिदों के आसपास चौकसी बढ़ाने को लेकर अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर सार्वजनिक सभा की अनुमति नहीं देने के लिए कानपुर और लखनऊ में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू की गई है। कानपुर में हिंसा और बवाल के बाद पहली जुमे की नमाज को लेकर शहर में धारा 144 लागू कर दी गई है। हिंसा प्रभावित क्षेत्र के अलावा संवेदनशील इलाकों में चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा है। पुलिस, पीएसी और आरएएफ के जवानों की तैनाती की गई है। सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चाक चौबंद कर ली गई हैं, जिससे पिछली बार की तरह कोई भी अप्रिय घटना न हो। पुलिस प्रशासन के अफसरों ने गुरुवार को पीस कमेटी की बैठक भी की। जिसमें शांति बनाए रखने की अपील की गई। साथ ही दंगा नियंत्रण स्कीम लागू कर मॉकड्रिल किया गया। नूपुर शर्मा के विवादित बयान को लेकर तीन जून को जुमे की नमाज के बाद नई सड़क इलाके में हिंसा हुई थी। तब से पूरा इलाका छावनी बना हुआ है। यही वजह है कि शुक्रवार को होने वाली जुमे की नमाज को लेकर पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर कानून-व्यवस्था ने शहर में धारा-144 लागू कर दी है। यानी एक साथ पांच या इससे अधिक लोगों की भीड़ जुटने की अनुमति नहीं है। इसी तरह से अनुमति के बगैर कोई भी कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा। एहतियात के तौर पर यह व्यवस्था लागू की गई है। डीसीपी पूर्वी प्रमोद कुमार ने बताया कि 17 कंपनी पीएसी के अलावा आरएएफ की तीन कंपनियां तैनात की गई हैं। इसके अलावा पुलिस के जवाब मुस्तैद रहेंगे। आसपास जिलों से भी पुलिस बल आया है। हर तरफ पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है। पुलिस कमिश्नर व ज्वाइंट सीपी हर वक्त इसकी निगरानी करेंगे। संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी कैमरों को चिन्हित किया गया है। पुलिस के पास एक एक रिकॉर्ड है कि कहां कहां कैमरे हैं। कुछ कैमरे कंट्रोल रूम से भी जोड़े गए हैं। वहीं कुछ गुप्त कैमरे लगाए गए हैं। जिनसे निगरानी की जाएगी। इसी के साथ ड्रोन से निगरानी लगातार जारी है।

पैग़ंबर पर विवादित टिप्पणी पर बोले पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और नसीरुद्दीन शाह
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) पैग़ंबर मोहम्मद को लेकर की गई विवादित टिप्पणी पर बीजेपी ने अपने प्रवक्ताओं को हटा दिया है लेकिन कइयों को लग रहा है कि यह कार्रवाई नाकाफ़ी है। क़रीब 15 से अधिक इस्लामिक देशों ने भारत पर सवाल उठाए और साथ में कई देशों ने भारत के राजदूतों को समन भी किया. भारत के भीतर भी लोग मोदी सरकार को घेर रहे हैं। भारत ने अलग-अलग बयान जारी करते हुए इन आपत्तियों पर जवाब दिया है और ये स्पष्ट करने की कोशिश की है कि भारत सरकार सभी धर्मों को सम्मान करती है। पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और फ़िल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने भी इस विवाद पर अब एक न्यूज़ चैनल के ज़रिए अपनी राय सामने रखी है।हामिद अंसारी ने कहा है कि जिस तरह से भारत ने केवल बयान जारी करके इस्लामिक देशों के विरोध का जवाब दिया वो काफ़ी नहीं है. वहीं, नसीरुद्दीन शाह ने भी कहा है कि अब ज़हर को फैलने से रोकने के लिए ख़ुद पीएम मोदी को मामले में दखल देना चाहिए। पैग़ंबर हज़रात मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी के बाद इस्लामिक देशों ने आपत्ति दर्ज कराना शुरू किया। क़तर ने सबसे पहले भारतीय राजदूत को तलब किया और भारत से माफ़ी की मांग की। हामिद अंसारी ने कहा, “दूतावास का बयान जारी कर देना भर काफ़ी नहीं है. ये आधिकारिक प्रवक्ता के लिए भी काफ़ी नहीं कि वो केवल स्पष्टीकरण जारी कर दे. इसे उचित राजनीति स्तर पर संभालना चाहिए था।उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री ने इस मामले को संभाल लिया है लेकिन कोई भी ये नहीं मानेगा कि उन्होंने ऐसा समय रहते किया है। पीएम मोदी ने अभी तक इस मामले पर कुछ भी नहीं कहा है. हामिद अंसारी से ये पूछा गया कि वो प्रधानमंत्री को क्या संदेश देना चाहेंगे. इस पर उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री को सही बातें कहनी चाहिए थी।उन्हें पता है कि क्या बोलना है. मुझे उन्हें बताने की ज़रूरत नहीं कि वो क्या करें और न करें। खाड़ी देशों में भारत के लिए खोने को क्या है, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि इस्लामिक सहयोग संगठन यानी ओआईसी में 52 सदस्य देश हैं, जो कि संयुक्त राष्ट्र में वोटिंग के समय एक अहम भूमिका में होते हैं। हामिद अंसारी ने कहा, “ये किसी एक देश के विरोध की बात नहीं, जिससे हमें बुरा लगे. बल्कि ये संयुक्त राष्ट्र के 52 सदस्य देशों का हमारे ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने का सवाल है. इस तरह से विरोध के लिए देशों का एकजुट होना तब तक संभव नहीं जब तक उनके आपस में राजनीतिक स्तर पर ये सहमति न हो कि यही वो मसला है जिसको ज़ोर-शोर से उठाने की ज़रूरत है।”ये किसी एक व्यक्ति का मसला नहीं है. इससे एक धर्म विशेष पर आस्था रखने वाले समुदाय पर असर पड़ा है। अगर इससे दुनिया के हर मुसलमान पर असर पड़ता है तो इस तरह की प्रतिक्रिया मिलनी ही थी। ये विरोध निश्चित था।”


नसीरुद्दीन शाह की मोदी से अपील
फ़िल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने कहा है कि इस ज़हर को फैलने से रोकने के लिए पीएम मोदी ख़ुद आगे आना चाहिए।शाह ने एनडीटी को दिए इंटरव्यू में कहा, “मैं पीएम से अपील करूंगा कि वो इन लोगों को सद्बुद्धि दें। अगर वो मानते हैं कि जो (हरिद्वार) धर्म संसद में जो कहा गया वो गलत था तो ये कहें, अगर उन्हें वो सही लगा तो ये भी कहें. उन्हें कुछ करना होगा. पीएम को इस ज़हर को फैलने से रोकने की ज़रूरत है। सरकार ने इस टिप्पणी को ‘फ्रिंज तत्वों’ की बयानबाज़ी बताते हुए गु़स्से को कम करने की कोशिश की। इसपर नसीरुद्दीन शाह ने कहा, “वो महिला फ्रिंज तत्व नहीं है. वो राष्ट्रीय प्रवक्ता है। नूपुर शर्मा ने दावा किया कि उन्होंने लगातार महादेव (भगवान शिव) के अपमान किए जाने के बाद पैग़ंबर पर टिप्पणी की थी. हालाँकि, शर्मा ने विवाद बढ़ने के बाद अपना बयान वापस ले लिया था। 71 वर्षीय अभिनेता ने कहा कि उन्हें ऐसा कोई वाक़या याद नहीं जब किसी मुसलमान ने हिंदू देवी-देवताओं के लिए इस तरह की भड़काऊ बयानबाज़ी की हो।नूपुर शर्मा को बयान के बाद मिल रही जान से मारने की धमकियों पर नसीरुद्दीन शाह ने कहा कि इसकी निंदा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, “इस तरह की सोच भी गलत है. इसलिए पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान का आज ये हाल है. हमें इन देशों की देखा-देखी करने की ज़रूरत नहीं है लेकिन हम कुछ तरह से कर रहे हैं. लोगों को गौहत्या के शक़ में अब मारा जा रहा है. ये सब पहले बर्बर इस्लामिक देशों में होता था-भारत में नहीं। पैग़ंबर मोहम्मद पर दिए बयान का विरोध करने वाले देशों में ईरान, इराक़, कुवैत, क़तर, सऊदी अरब,ओमान, यूएई, जॉर्डन, अफ़गानिस्तान, बहरीन, मालदीव्स, लीबिया और इंडोनेशिया शामिल हैं। नूपुर शर्मा को बीजेपी ने 10 दिन पहले ही पार्टी से निलंबित कर दिया था. वहीं नवीन जिंदल को निष्कासित कर दिया गया है।

यूएई के राष्ट्रपति से मिलने पहुंचे इसराइली प्रधानमंत्री
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) इसराइल के प्रधानमंत्री नेफ़्टाली बेनेट गुरुवार को यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से मिलने अबू धाबी पहुंचे।दोनों नेताओं ने निवेश, आर्थिक और विकास क्षेत्रों के साथ-साथ खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में सहयोग को लेकर बातचीत की।अमेरिकी पहल के बाद यूएई और बहरीन ने इसराइल से 2020 में राजनयिक संबंध कायम किए थे. इसे ‘अब्राहम अकॉर्ड्स’ कहा गया था

खाड़ी के इन दोनों देश और इसराइल के लिए ईरान एक साझी चिंता है।साल 2015 में ईरान परमाणु समझौता हुआ था. इस समझौते के तहत ईरान के परमाणु संवर्द्धन कार्यक्रम को सीमित करने के बदले उस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों में कुछ छूट दी जानी थी. उस समय भी इसराइल ने इस समझौते का कड़ा विरोध किया था। 2020 में हुए ‘अब्राहम अकॉर्ड्स’ के बाद यूएई और इसराइल ने पर्यटन और व्यापार में संबंधों को मजबूत किया है। मई 2022 के आखिर में इसराइल ने संयुक्त अरब अमीरात के साथ एक मुक्त व्यापार समझौते पर भी हस्ताक्षर किए थे।


ईरान के विदेश मंत्री हुसैन आमिर अब्दुल्लाह का दौरा भारत
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) ईरान के विदेश मंत्री हुसैन आमिर अब्दुल्लाह बुधवार सुबह तीन दिवसीय दौरे पर भारत पहुंचे हैं। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब बीजेपी के दो प्रवक्ताओं की पैग़ंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी के कारण भारत सरकार मुस्लिम देशों की नाराज़गी झेल रही है. हालाँकि बीजेपी ने अपने दोनों प्रवक्ताओं को पार्टी से निकाल दिया है।ईरान ने इस मामले में भारतीय राजदूत को तलब करके अपना विरोध दर्ज कराया था। ऐसे में ईरानी विदेश मंत्री के दिल्ली दौरे को काफ़ी अहमियत के साथ से देखा जा रहा है।ईरानी विदेश मंत्रालय के मुताबिक़, इस यात्रा का उद्देश्य दोनों मुल्कों के बीच संबंधों को मज़बूत करने के साथ-साथ क्षेत्रीय मुद्दों एवं अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए रणनीतिक विचार-विमर्श करना है।भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट करके कहा है कि “ये यात्रा हमारे ऐतिहासिक संबंधों और साझेदारी को और बढ़ावा देगी। अब तक ये स्पष्ट नहीं है कि इस यात्रा के दौरान ईरान से तेल ख़रीदने के मुद्दे पर कोई ठोस फ़ैसला लिया जाएगा या नहीं।लेकिन साल 2019 से पहले तक ईरान भारत का तीसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता देश था. अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद भारत ने ईरान से तेल ख़रीदना बंद कर दिया था।ऐसे में सवाल उठता है कि क्या मौजूदा तनाव के बीच भारत आए ईरानी विदेश मंत्री के साथ तेल ख़रीद के मुद्दे पर कोई कारगर बातचीत हो सकती है।बीजेपी की राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने 26 मई को एक टीवी कार्यक्रम के दौरान पैग़ंबर मोहम्मद को लेकर एक विवादित टिप्पणी की थी।इसके बाद दर्जन भर से ज़्यादा इस्लामिक देशों ने इस पर आपत्ति जताई थी. लेकिन ईरान ने भारतीय राजदूत को तलब करके अपना विरोध दर्ज कराया था।ऐसे में आशंका जताई जा रही थी कि इस विवाद का ईरानी विदेश मंत्री के भारत दौरे पर असर पड़ सकता है।

 

 

 

 

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