पुलिस का नोटिस मिलने से नाराज़ हैं डिप्टी सीएम सचिन पायलट
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ ,मध्य प्रदेश के ज्योति राव सिंधिया की रहा पर अब राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट भी चल दिए हैं ।दावा किया जा रहा है की उनको 25 एमएलए का समर्थन हासिल है ।बताया जा रहा है कि जल्द ही वोह बीजेपी का दामन थाम सकते हैं ।अब का राजस्थान में सत्ताधारी कांग्रेस का बचना मुश्किल नज़रआ रहा है ।
बीते दो दिनों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मतभेद बढ़ने के बाद डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने अपने नज़दीकी विधायकों के साथ दिल्ली का रुख़ किया है।मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच खींचतान किसी से छिपी नहीं है. साल 2018 में हुए चुनावों में कांग्रेस की जीत के साथ ही अशोक गहलोत और सचिन पायलट सीएम पद को लेकर आमने-सामने आ गए थे।कांग्रेस हाईकमान ने अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री की कुर्सी दी थी और सचिन पायलट को डिप्टी सीएम पद से संतोष करना पड़ा था।सचिन पायलट इस समय कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भी हैं और ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री भी हैं।लेकिन राज्य की पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप यानी एसओजी की ओर से ‘सरकार गिराने की कोशिशों के आरोपों की जांच’ में मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री को पूछताछ का नोटिस जारी होने के बाद से ये तनाव चरम पर पहुंच गया है।दरअसल राज्य में कथित हॉर्स ट्रेडिंग (विधायकों की ख़रीद-फ़रोख़्त) के प्रयासों की जांच कर रही एसओजी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, पार्टी के चीफ़ व्हिप के अलावा कई मंत्रियों और विधायकों को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है।मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक ट्वीट में कहा है कि ये नोटिस सामान्य बयान देने के लिए आए हैं और मीडिया में इसकी अलग ढंग से व्याख्या की जा रही है।200 विधायकों वाली राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के पास 107 विधायक हैं. इनमें बसपा के छह विधायक भी शामिल हैं जो अपनी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में आए हैं. इसके अलावा प्रदेश के 12-13 स्वतंत्र विधायकों का समर्थन भी गहलोत सरकार को हासिल है।