चीन को बेहद सस्ती दरों पर कच्चा तेल देने को नई डील

जायज़ा डेली न्यूज़ , ईरान ने चीन के साथ एक नई डील करते हुए भारत के साथ हुए चाबहार समझौते से भारत को अलग कर दिया है ईरान ने यह क़दम ऐसे समय उठाया है जब चीन और भारत के रिश्तो मे दरार पड़ी हुई है और दुनियां कोरोना जैसी महामारी से जूझ रही है। दिल्ली से निकल ने वाले अख़बार” द हिन्दू ” की एक ख़ास रिपोर्ट के मुताबिक़ उसने इसकी वजह भारत की ओर से फंड मिलने में देरी को बताया है। ईरान और भारत के बीच चार साल पहले चाबहार से अफ़ग़ानिस्तान सीमा पर ज़ाहेदान तक रेल लाइन बिछाने को लेकर समझौता हुआ था।अब ईरान ने अपने आप ही इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का फ़ैसला लिया है और इस पर काम शुरू कर दिया है।ईरानी अधिकारियों ने अख़बार को बताया है कि ये पूरा प्रोजेक्ट मार्च 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा. इसके लिए अब ईरान के नेशनल डेवलपमेंट फंड का इस्तेमाल किया जाएगा।चार साल पहले जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान का दौरा किया था तब इस रेल परियोजना को लेकर समझौता हुआ था।भारत की ओर से इंडियन रेलवेज़ कंस्ट्रक्शन लिमिटेड को इस रेल ट्रेक के निर्माण में शामिल होना था।अमरीकी अख़बार न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार तक़रीन 400 अरब डॉलर की इस डील के तहत, ईरान को चीन अगले 25 वर्षों तक बेहद सस्ती दरों पर कच्चा तेल देगा और बदले में चीन ईरान में बड़े स्तर पर निवेश करेगा।ईरान और चीन की इस महात्वाकांक्षी डील पर अब पूरी दुनिया की नज़र है। दोनों देशों के बीच हुआ यह रणनीतिक और व्यापारिक समझौता अगले 25 वर्षों तक मान्य होगा। इस समझौते के बाद मंगलवार को ख़बर आई कि ईरान ने चाबहार रेल प्रोजेक्ट से भारत को अलग कर दिया है।

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