संसद के उपाध्यक्षअलीरेज़ा सलीमी की सरकार से मांगआधिकारिकआँकड़ा जारी हों

जायज़ा डेली न्यूज़ दिल्ली (संवाददाता ) राष्ट्रपति हसन रूहानी ने ईरान में ढाई करोड़ लोगों के कोरोना से संक्रमित होने की आशंका जताई थी. हालाँकि उनके इस अनुमान को वहां के स्वास्थ्य अधिकारियों ने ख़ारिज कर दिया है।ईरान के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि राष्ट्रपति का अनुमान सेरोलॉजिकल ब्लड टेस्ट पर आधारित था जिससे बीमार व्यक्ति की वर्तमान स्थिति का पता नहीं चलता है.ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने शनिवार को कहा था कि उनके देश में क़रीब 2.5 करोड़ लोग कोरोना संक्रमित हो सकते हैं. ये आँकड़ा ईरान की कुल आबादी का एक-तिहाई है. ईरान के कोरोना संक्रमण के आधिकारिक आँकड़े से भी ये संख्या बहुत ज़्यादा है. स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रवक्ता सिमा सदत लारी ने कहा है कि ईरान में रविवार को कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या 2,73,788 पहुंच गई है. इसकी चपेट में आने से अब तक 14,188 लोगों की मौत हो चुकी हैं।ईरान के मीडिया में छपे स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति की ओर से दिया गया आँकड़ा मंत्रालय के डेप्युटी ने तैयार किया था. बयान में कहा गया है कि बीमारी की वर्तमान स्थिति का आकलन करने के लिए सेरोलॉजिकल टेस्ट पर भरोसा नहीं किया जा सकता है।
सेरोलॉजिकल टेस्ट में ये देखा जाता है कि किसी शख़्स में एंटीबॉडी विकसित हुई है या नहीं. अगर किसी व्यक्ति में एंटीबॉडी मिलती है तो उसे कोरोना वायरस से संक्रमित माना जाता है. कई देश विशाल आबादी में संक्रमण दर का पता लगाने और सैंपल जुटाने के लिए इस टेस्ट का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसमें कोरोना के गंभीर लक्षण वाले, हल्के लक्षण वाले या फिर बिना किसी लक्षण वाले सभी मरीज़ शामिल होते हैं।ईरान की सरकार की ओर से बनाई गई कोरोना वायरस टास्क फोर्स की साइंटिफिक कमिटी के अध्यक्ष मुस्तफा कानेई ने ईरनी न्यूज़ से कहा, ”सेरोलॉजिकल टेस्ट सिर्फ़ ये दिखाते हैं कि अतीत में कोई शख्स कोरोना वायरस के संक्रमण का शिकार हुआ था या नहीं. कोविड-19 बीमारी का सटीक तौर पर पता लगाने के लिए नाक और गले के सैंपल लेकर पीसीआर टेस्ट किया जाना ज़रूरी है।ईरान मध्य-पूर्व एशिया में कोरोना महामारी से सबसे बुरी तरह प्रभावित हुआ है. अप्रैल महीने के मध्य में जब पाबंदियों में ढील दी जाने लगी तो कोरोना संक्रमण के मामले और मौत के आँकड़े तेज़ी से बढ़ने लगे. हालांकि, ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने जो आँकड़ा दिया, उससे हर कोई हैरान रह गया। संसद के उपाध्यक्ष अलीरेजा सलीमी ने सरकार से मांग की कि कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों को लेकर एक आधिकारिक आँकड़ा जारी किया जाए।शनिवार को ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कोरोना संक्रमितों का 2.5 करोड़ का आँकड़ा दिया था. हालांकि, उन्होंने ये नहीं बताया था कि ये आँकड़ा किस आधार पर आया है. ईरानी राष्ट्रपति ने ये भी कहा था कि 3-3.5 करोड़ लोगों के कोरोना की चपेट में आने की आशंका है।कोरोना वायरस टास्क फोर्स के एक अधिकारी ने शनिवार को कहा कि 2.5 करोड़ संक्रमितों का आँकड़ा कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीज़ों का है जिन्हें किसी मेडिकल परामर्श की ज़रूरत नहीं है।

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