जायज़ा डेली न्यूज़ दिल्ली (संवाददाता) सुशांत सिंह राजपूत की मौत के कारणों की जाँच को लेकर बिहार और मुंबई पुलिस के बीच टकराव खुलकर सामने आ गया है। इस मामले की जाँच के लिए पटना से मुंबई पहुंचे बिहार पुलिस के अधिकारी आईपीएस विनय तिवारी को बीएमसी की ओर से क्वारंटीन सेंटर भेज दिया गया है।बिहार के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने इस मामले की निंदा की है। उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि “विनय तिवारी को जबरन क्वारंटीन कर दिया गया है।”बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी बीएमसी की इस कार्रवाई को ग़ैर-ज़रूरी बताया है।ये पहला मौक़ा है जब दोनों राज्यों के पुलिस विभाग इस मामले में अधिकार क्षेत्र के उल्लंघन को लेकर आमने-सामने आए हैं। मुंबई पुलिस के कमिश्नर परमबीर सिंह ने कहा है। “बिहार पुलिस ने इस मामले में एक एफ़आईआर दाख़िल की है. उनकी ओर से इस मामले में संपर्क भी किया गया था। लेकिन उनकी एफ़आईआर और उनके अधिकार क्षेत्र के बाहर जो जाँच चल रही है, उसके क़ानूनी आधार की जाँच की जा रही है।” उन्होंने आगे कहा, “जहां तक हमारी जानकारी है, जब हमें किसी अन्य अधिकार क्षेत्र में अपराध घटित होने की सूचना दी जाती है, तब हम उसे दर्ज ज़रूर करते हैं. लेकिन ज़ीरो एफ़आईआर नंबर दाख़िल किया जाता है और इसके बाद उस मामले को उस न्यायिक क्षेत्र में भेज देते हैं जहां का वो मामला होता है।” इसके बाद परमबीर सिंह कहते हैं कि उन्हें ये जानकारी नहीं है कि बिहार पुलिस किस क़ानूनी आधार पर जाँच कर रही है। वे कहते हैं, “हमें क़ानूनी रूप से ये नहीं पता है कि बिहार पुलिस को आईपीसी, सीआरपीसी के किस सेक्शन या किस विशेष क़ानून के तहत एक्सट्रा टेरिटोरियल इन्वेस्टिगेशन का अधिकार मिला है. हम इस मामले में क़ानूनी सलाह ले रहे हैं. इस सलाह के तहत ही आगे की कार्रवाई की जाएगी. फ़िलहाल हमनें दस्तावेज़ साझा नहीं किए हैं।” परमबीर सिंह के इस बयान से एक बात स्पष्ट है कि दोनों राज्यों की पुलिस के बीच अधिकार क्षेत्र का टकराव काफ़ी गंभीर स्तर पर पहुंच चुका है।