इक़बालअंसारी,प्रधानमंत्री के लिए तोहफ़े में रामचरितमानस लेकर जा रहे हैं

जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (ज़हीर इक़बाल)भारत आज भी सेक्युलर देश है।और गंगा जमनी तहज़ीब मे आज भी आप अपनी मिसाल है ।अयोध्या मे श्रीराम मंदिर के निर्माण के भूमि पूजन कार्यक्रम मे इक़बाल अंसारी, पद्मश्री मोहम्मद शरीफ़,सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ज़फर अहमद फ़ारूक़ी को बुलाकर विश्व को ये साफ पैग़ाम दिया गया है की भारत अखंडता और महान था, है और हमेशां रहेगा। जबकि ज़फर फ़ारूक़ी और इक़बाल अंसारी ये दोनों बाबरी मस्जिद के पक्षकार थे। क्योकि कोरोना जैसी महामरी की वजहां से राममंदिर तहरीक के वह चेहरे इस कार्यक्रम नहीं बुलाये गए हैं जो कभी मुख्य हुआ करते थे यक़ीनी है।कि अगर ये कार्यक्रम बीमारी के दौर मे न होता तो इसमे और बहुत से मुस्लिम चेहरे इस मे सम्लित होते ।अयोध्या का रंग आज कुछ बदला सा है। हिंदुओं में शुभ माने जाने वाले पीले रंग से उस रास्ते की दुकानों को रंग दिया गया है जहां राम मंदिर की भूमि पूजन का कार्यक्रम होना है।श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट इस भूमि पूजन कार्यक्रम का आयोजक है। ये ट्रस्ट अयोध्या ज़मीन विवाद में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद केंद्र सरकार ने बनाया था। लेकिन ट्रस्ट के अलावा राज्य सरकार और अयोध्या प्रशासन कई दिनों से इस कार्यक्रम की तैयारियों में लगे हुए थे। मंगलवार सुबह हनुमान गढ़ी में पूजा के साथ इस कार्यक्रम की शुरूआत हुई है. कई मंदिरों वाली इस अयोध्या नगरी में अखंड रामायण के पाठ चल रहे हैं. चार और पांच अगस्त को दिपोत्सव का कार्यक्रम भी रखा गया है जिसमें स्थानीय मंदिरों और सरयू नदी पर मिट्टी के दिये जलाए जाएंगे. सरकार और आयोजकों ने लोगों से भी अपील की है कि वे अपने घरों में भी दिये जलाएं. राज्य सरकार ने प्रमुख धार्मिक स्थलों पर भी दिये बाती बांटे हैं।अयोध्या नगरी जहां कई प्रमुख मंदिर हैं और राम मंदिर का निर्माण होना है, वहीं पर अयोध्या का रंग और उल्लास ज़्यादा दिख रहा है. मंदिर रात में रंगीन रोशनी में नहाए दिखते हैं. मीडिया की गाड़िया दिन-रात इसी इलाके में घूमती रहती हैं। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश की गवर्नर आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और ट्रस्ट के प्रमुख महंत नृत्य गोपाल दास मंच पर बैठेंगे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत भी विशिष्ट अतिथि को तौर पर उनके साथ मौजूद होंगे।आयोजकों का कहना है कि कोरोना महामारी को देखते हुए इस कार्यक्रम में 175 लोगों को ही बुलाया गया है।ट्रस्ट के सदस्य चंपत राय ने प्रेस कांफ्रेस में बताया कि नेपाल के संत भी कार्यक्रम में पहुंचेंगे. उन्होंने कहा कि नेपाल का बिहार और उत्तर प्रदेश से रिश्ता है। अयोध्या ज़मीन विवाद के पक्षकार रहे हाशिम अंसारी के बेटे इक़बालअंसारी को भी इस कार्यक्रम में बुलाया गया है। उनके पिता की 2016 में मृत्यु के बाद वे इस मुक़दमे में पार्टी थे ।इक़बाल ने कहा  कि वे प्रधानमंत्री के लिए तोहफ़े में रामचरितमानस लेकर जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अयोध्या में हिंदू-मुसलमानों का कोई विवाद नहीं है।उनके अलावा फ़ैजाबाद के रहने वाले पद्मश्री मोहम्मद शरीफ़ को भी न्यौता मिला है. वे लावारिस शवों का अंतिम क्रिया करवाते हैं। उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड के चेयरमैन ज़फर अहमद फ़ारूक़ी को भी निमंत्रण दिया गया है। हालांकि उनका कार्यक्रम में शरीक़ होना तय नहीं है। सारा इंतज़ाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की देख-रेख में हो रहा है. सोमवार को उन्होंने जायज़ा भी लिया, वे सोशल डिस्टेंसिंग की बात पर ख़ासा ज़ोर दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोविड 19 प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखा जाएगा। अयोध्या के डीएम अनुज कुमार झा ने बताया कि कार्यक्रम में सभी कुर्सियों को आठ फुट की दूरी पर रख जाएगा ताकि सोशल डिस्टेंसिग बनी रहे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here