जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) आगामी 9 मार्च को सुन्नी सेन्ट्रल वक़्फ़ बोर्ड मे चेयरमैन के चुनाव से पूर्व बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के संयोजक ज़फरयाब जीलानी और सुन्नी सेन्ट्रल वक़्फ़ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन ज़ुफर फ़ारूक़ी की सर्द जंग अब मैदाने जंग मे दब्दील हो गई है।ज़ुफर फ़ारूक़ी दुबारा चेयरमैन ना हो सकें इसके लिए ज़फरयाब जीलानी ने नया पैतरा चलते हुए समाज वादी पार्टी का इस्तेमाल करने की ना सिर्फ कोशिश शुरू की है बल्कि पार्टी प्रमुख अखलेश यादव को पात्र लिख कर बोर्ड मे मुन्तख़ब होने वाले सपा के सदस्यों को ज़ुफर फ़ारूक़ी को वोट न देने की मांग भी की है।
सूत्र बताते हैं कि सपा प्रमुख से कहा गया है कि अगर सपा सदस्यों ने ज़ुफर फ़ारूक़ी को वोट दिया तो इसका ख़मयाज़ा चुनाव मे भुगतना पड़ सकता है।सुन्नी सेन्ट्रल वक़्फ़ बोर्ड मे चेयरमैन के चुनाव का महत्त्व इस बात से भी लगाया जा सकता है कि जेल मे बंद समाज वादी पार्टी के पूर्व वक़्फ़ मंत्री मोहम्मद आज़म खां एक सपा सदस्य के प्रस्तावक भी बने हैं।