जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता ) प्रदेश  पुलिस का एक और कारनामा सामने आया है। कानपुर देहात के घाटमपुर क्षेत्र में जुआं खेल रहे कुछ युवकों के बीच जब विवाद हो गया तो मौके पर पहुंचे दरोगा ने पप्पू बाजपेयी नाम के एक युवक को गोली मार दी जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गयी। कानपुर जिले के घाटमपुर क्षेत्र के भदरस गांव में जुआ खेल रहे पूर्व बीडीसी पप्पू बाजपेई (45) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। शनिवार सुबह पप्पू का शव गांव के बाहर खेत में पाया गया। साथ में जुआ खेल रहे लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस के आने पर सभी भागने लगे तो किसी ने गोली चला दी थी।मृतक युवक पप्पू बाजपेई (45) कुछ लोगों के साथ जुआ खेल रहा था। इसी दौरान पप्पू बाजपेई का उन लोगों के साथ विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ गया कि अज्ञात लोगों ने पप्पू के सीने और गर्दन पर गोली मार दी। पप्पू की मौत पर मौके पर ही हो गई जबकि गांव वालों का कहना है कि विवाद के दौरान मौके पर पहुंचे दरोगा ने पप्पू को गोली मारी है। घटनास्थल से पुलिस ने 0.38 एमएम की गोली का खोका बरामद किया है। प्राथमिक जांच में इस बात की पुष्टि हुई कि कोतवाली के दरोगा प्रेमवीर सिंह यादव गश्त पर थे। इनकी सरकारी पिस्टल से एक गोली चली है। एसपी ग्रामीण ब्रजेश श्रीवास्तव ने बताया कि दरोगा को गिरफ्तार कर पिस्टल फोरेंसिक जांच के लिए कब्जे में ले ली गई है।साथ में गए सिपाही दीपांशु को लाइनहाजिर कर दिया गया है।घाटमपुर कांड में पुलिस ने परिवार की तहरीर पर गांव के चार लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया है। वहीं जांच के पश्चात पुलिस ने उप निरीक्षक को गिरफ्तार किया है जबकि सिपाही दीपांशु सस्पेंड कर दिया गया है।एसपी ग्रामीण ने बताया कि मृतक के पिता की तहरीर के आधार पर गांव के चार लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया है जबकि जांच में यह बात भी सामने आई है कि उप निरीक्षक प्रेमवीर सिंह ने मौके पर एक फायर किया है पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि एक गोली पप्पू के सीने में लगी थी और फेफड़े को चीरती हुई पार कर गई। परिस्थितिजन्य साक्ष्य दरोगा की ओर इशारा कर रहे थे। जिसके आधार पर प्रेमवीर सिंह को गिरफ्तार कर लिया है जबकि साथी सिपाही दीपांशु को लाइन भेज दिया है। उन्होंने बताया कि अभी नामजद दो अभियुक्त फ़रार है जिनकी तलाश की जा रही है ।वही पुलिस ने कार्यवाही करते हुए उप निरीक्षक की पिस्टल को जाच के लिए लैब भेज दिया है।

बिजली चोरी के अपराधी को दिनभर कोर्ट रूम में खड़े रहने की सजा
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता ) बिजली चोरी के एक मामले में अदालत ने एक व्यक्ति को दोषी ठहराया है। हालांकि इस व्यक्ति ने बिजली कंपनी को उसका बकाया दे दिया है, लेकिन अदालत ने कहा कि बिजली चोरी का अपराध साबित हुआ है और जब अपराध हुआ है तो सजा भी मिलना जरूरी है। इसलिए बिजली चोरी के अपराधी को अदालती कार्यवाही के दौरान दिनभर कोर्ट रूम में खड़े रहने की सजा सुनाई जाती है। तीस हजारी कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विद्या प्रकाश ने दोषी शमीम को कोर्ट रूम में खड़े रहने की सजा सुनाते हुए कहा कि बिजली कंपनी की तरफ से कहा गया है कि शमीम ने कंपनी के बकाया रकम की भरपाई कर दी है। ऐसे में अदालत चाहे तो उसे छोड़ सकती है। अदालत ने कहा कि बिजली चोरी के इस मामले में बकायदा पूरी सुनवाई चली है। गवाहों के बयान दर्ज हुए हैं और तकनीकी साक्ष्यों पर गहनता से जांच की गई है। तमाम साक्ष्य व गवाह से साबित हुआ है कि आरोपी शमीम सीधे मेन लाइन से बिजली चोरी कर रहा था। अब क्योंकि अपराध हुआ है तो सजा भी होना तय है। अदालत ने कहा कि इसके पीछे एक वजह और भी है। इस मामले में दोषी को एक अपराध के लिए साज सुनाए जाने से उसका आपराधिक रिकॉर्ड तैयार होता है। अगर उसे ऐसे ही छोड़ दिया जाता है ताे उसके पूर्व में कृत्य को रिकॉर्ड पर लाना संभव नहीं है, जोकि अनिवार्य है। भविष्य में दोषी द्वारा गलत कृत्य किए जाने पर यह अपराध भी उसमें गिना जाएगा।

मुख्तार अंसारी के होटल गजल को ध्वस्त करने पहुंचा दस्ता, दुकानदारों में अफरातफरी
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता ) मुख्तार अंसारी के होटल गजल को ध्वस्त करने पहुंचा दस्ता, दुकानदारों में अफरातफरी गाजीपुर में मुख्तार अंसारी के होटल गजल के ध्वस्तीकरण की बारी आ ही गई। शनिवार की रात पुलिस और प्रशासन की फोर्स होटल गजल को ध्वस्त करने पहुंच गई। टीम के पहुंचते ही होटल के भूतल पर स्थित दुकानदारों में अफरातफरी मच गई। दुकानदारों ने सामान निकालने के लिए कुछ घंटे की मोहलत मांगी। दुकानदारों की गुजारिश पर पुलिस और प्रशासन की टीम दुकानों से सामान निकालने का इंतजार करने लगी। दुकानों से सामान निकलते ही होटल को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। बीते 25 जून को सदर एसडीएम प्रभास कुमार ने गजल होटल के जमीन की पैमाइश कराई थी। इसमें तमाम अनियमितता मिली थी। होटल के नक्शे को भी एसडीएम ने निरस्त कर दिया है। वहीं होटल की जमीन की जांच में उसके खरीद व बिक्री में तमाम अनियमितता मिली थी। इसके तहत मुख्तार की पत्नी और दोनों बेटों सहित 12 के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया जा चुका है। एसडीएम ने बताया कि जमीन पर फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कराई गई थी। कहा गया कि उसका नक्शा भी दो भागों में पास कराया गया जो पूरी तरह से गैर कानूनी है। मास्टर प्लान में हाउसिंग का नक्शा पास कराकर उसे कामर्शियल के उपयोग में लाया जा रहा था। इसमें सुरक्षा मानकों को दरकिनार करके गलत तरीके से निर्माण भी कराया गया था। मुख्तार अंसारी की पत्नी के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद एसडीएम कोर्ट ने होटल गिराने का फैसला सुनाते हुए कहा कि एक सप्ताह में भूतल पर 80 फीसदी और प्रथम तल को पूरी तरह से स्वयं गिरा लें। अगर ऐसा नहीं किया गया तो प्रशासन होटल गजल के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करेगा। नोटिस के बाद मुख्तार के वकील इसे बचाने की जुगत में लग गए। उन्होंने इस पर स्टे के लिए हाईकोर्ट में अपील की। आदेश पर स्टे के लिए हाइकोर्ट में अपील की गई है, लेकिन कोई राहत नहीं मिली। हाईकोर्ट के आदेश पर होटल संचालक ने डीएम कोर्ट में राहत के लिए आवेदन दिया गया था। जिलाधिकारी के अध्‍यक्षता में नियंत्रक प्राधिकारी बोर्ड ने उनकी अपील खारिज कर दी। बोर्ड ने अपने आदेश में कहा कि अपीलकर्ता की दोनों अपीलें तथ्‍यहीन हैं। यही नहीं, एसडीएम सदर के ध्‍वस्‍तीकरण के फैसले को सही ठहराया गया। बोर्ड ने 15 पन्‍नो के फैसले में हर तथ्‍यों पर फैसला सुनाया। इसके बाद प्रशासन और पुलिस की टीम होटल के ध्वस्तीकरण के लिए पहुंच गई।

 

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