शिया वक़्फ़ बोर्ड की नई कमेटीयों ने संभाला चार्ज, जानिए कौन कहाँ बना अध्यक्ष,सचिव व सदस्य
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) शिया वक़्फ़ बोर्ड द्वारा लखनऊ के अहम औक़ाफ़ मे बनाई गई नई कमेटीयों ने चार्ज संभाला लिया है। जबकि कर्बला मल्काजहाँ मे नई कमेटी कल जुमेरात को चार्ज लेगी। यहाँ मौलाना कल्बे आबिद वार्ड के पार्षद तनवीर हुसैन गुड्डू को मुतवल्ली बनाया गया है ।मौलाना शबाहत हुसैन को अध्यक्ष बनाया गया है जबकि कमेटी मे बतौर सदस्य मिर्ज़ा सरताज हुसैन उर्फ़ पप्पू ,सय्यद कुमैल रज़ा और जफ़र रज़ा को शामिल किया गया है।आल इंडिया शिया यतीम खाना मे मौलाना मोहम्मद मियां आब्दी की सदारत मे कमेटी बनाई गई है। यहाँ निर्माण निगम के पूर्व मशहूर इंजीनियर सय्यद शमीम अहमद को महासचिव बनाया गया है। जबकि मेहर मेंहदी जॉइंट सेक्रेट्री होंगे। यहाँ सदस्य मे मौलाना अफ़ज़ाल आब्दी मोहम्मद शब्बर के अलावा अहमद ज़ैदी मर्हूम के बेटे आमिर ज़ैदी को भी सदस्य बनाया गया है। कर्बला इमदाद हुसैन खान मे रज़ी बहादर उर्फ़ भय्यू को मुतवल्लीऔर यह्या नवाब को नाएब मुतवल्ली मुन्तख़ब किया गया है। इन्होंने असद बहादर से चार्ज हासिल किया है। यहाँ 13,200 नगद जबकि 16000 बैंक के खाते मे 1280 गल्ले मे मिले हैं। कर्बला दियानतउद्दौला मे सय्यद पैकर रिज़वी को प्रशासक बनाया गया है। जबकि यहाँ चीयरमैन अली ज़ैदी ने मक़ामी अंजुमन हुसैनियाँ क़दीम के सदर आरिफ हुसैन उर्फ़ तन्नान अंजुमन के सचिव मोहम्मद अब्बास उर्फ़ भय्यू और रिज़वान आग़ा को कर्बला दियानतउद्दौला मे धार्मिक कार्य सुरक्षा एवं संरक्षा के लिए उपरोक्त व्यक्तियों पर आधारित तीन सदसीय कमेटी बनाई गई है।
दरगाह हज़रात अब्बास (अ स ) मे रफीकुल हुसैन से मीसम रिज़वी ने चार्ज ले लिया है। यहाँ पूर्व मुतवल्ली मौलाना शौज़ब काज़िम जरवली से लेकर अबतक लगभग 80 लाख नगद और बेश क़ीमती अलम सोना और चाँदी मौजूद है। कर्बला अब्बास बाग़ में बतौर प्रशासक मौलाना कल्बे जवाद साहब ने चार्ज संभाल लिया है।
हज़रात इमाम हुसैन का मदीने सफ़र कर्बला दियानतउद्दौला मे जुलूस
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) हज़रात इमाम हुसैन का मदीने सफ़र की याद मे कर्बला दियानतउद्दौला मे होने वाला क़दीम प्रोग्राम के तहत मुनक़्क़िद किया गया 28 सफ़र के नाम से मुनक़्क़िद होने वाले इस जुलूस की बिना ज़व्वार हुसैन मर्हूम ने रखी थी।दुश्मने इस्लाम अबू सुफियान के बेटे माविया ने अपने शराबी बेटे यज़ीद को इस्लाम का खलीफ़ा मुन्तखब कर दिया था। तब यज़ीद की बैयत से नवासे रसूल( सअ) हज़रत इमाम हुसैन ने इंकार कर दिया और कहा की मुझ जैसा यज़ीद जैसे की बैयत नहीं कर सकता है।
यज़ीद ने मदीने के गवर्नर वलीद को हुक्म दिया की अगर इमाम हुसैन बैयत न करे तो उनको क़त्ल कर दो वलीद ने इमाम को दरबार में तलब किया और यज़ीद का हुक्म सुनाया जिसपर इमाम ने इंकार कर दिया वहां मौजूद मरवान ने कहा के बगैर बैत लिए ना जाने दो इस पर इमाम ने तकबीर बलन्द की और बनी हाशिम का दस्ता मौला अब्बास की क़यादत मे दरबार में दाखिल हो गया और हज़रात इमाम हुसैन को तलवारो के साए मे सुरक्षित निकल ले गया हज़रात इमाम हुसैन मदीने की हुरमत का ख्याल रखते थे।इस लिए उन्होंने मदीने छोड़ने का इरादा किया उन्होंने पहले तो मदीने के लोगों से समर्थन माँगा मगर अपने कारोबार बीवी बच्चों की दुहाई देकर अहले मदीना हज़रात इमाम हुसैन की मदद को तैयार न हुए तो आज ही के दिन 28 रजब इमाम हुसैन ने मदीना छोड़ दिया इमाम हुसैन अपने साथ अपने परिवार को भी ले गए उनके साथ उनके भाई हज़रात अब्बास, बेटे, भांजे, भतीजे बहने और छोटे छोटे बच्चे भी थे। इमाम मदीने में अपनी नानी के हमराह अपनी उस बेटी को छोड़ गए जो उनकी माँ जनाबे ज़हरा की शबीह थी।
इमाम हुसैन लगभग छह माह सफर में रहे। और जब मक्के हज करने पहुंचे तो यज़ीद ने वहां उनके क़त्ल का इरादा किया इमाम हज किये बग़ैर वहां से निकल आए और यज़ीद की फौज ने उनको कर्बला के मैदान मे घेर लिया जहाँ 10 मोहर्रम को इमाम हुसै को उनके 71 साथियों समेत शहीद कर दिया गया। मोहर्रम इमाम हुसैन कि उस शहादत की याद में मनाया जाता है।
संयुक्त राष्ट्र में रूस के ख़िलाफ़ प्रस्ताव 141 मतों से पारित,भारत समेत 35 देश रहे अनुपस्थित
जायज़ा डेली न्यूज़ दिल्ली (संवाददाता) संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद ने यूक्रेन पर आक्रमण को लेकर रूस के ख़िलाफ़ लाए गए निंदा प्रस्ताव के समर्थन में मतदान किया है। संयुक्त राष्ट्र ने रूस से तुरंत अपने सैन्य बलों को यूक्रेन से वापस बुलाने के लिए कहा है। संयुक्त राष्ट्र आम सभा में हुए मतदान में भारत अनुपस्थित रहा है. इससे पहले भी भारत रूस के ख़िलाफ़ प्रस्ताव के दौरान मतदान से अनुपस्थित रहा था।संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद ने आपात आम सभा का आह्वान किया था। संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्यों में से 141 ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया।मतदान से पहले संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के राजदूत सर्जेई काइस्लित्सिया ने कहा कि रूस यूक्रेन के अस्तित्व के अधिकार का ही हनन करना चाहता है।वहीं रूस के राजदूत वासिली नेबेंज़िया ने कहा कि रूस यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में अलगाववादी संघर्ष को समाप्त करना चाहता है. उन्होंने पश्चिमी देशों पर प्रस्ताव का समर्थन हासिल करने के लिए खुली धमकियां देने के आरोप लगाए।1997 के बाद से संयुक्त राष्ट्र आम सभा का ये पहला आपात सत्र था।प्रस्ताव में परमाणु बलों की तैयारी बढ़ाने के रूस के फैसले की भी निंदा की गई और यूक्रेन के खिलाफ बल के इस “गैरकानूनी उपयोग” में बेलारूस की भागीदारी की निंदा की. साथ ही अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का पालन करने का आह्वान किया. प्रस्ताव राजनीतिक वार्ता, वार्ता, मध्यस्थता और अन्य शांतिपूर्ण तरीकों से रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष के तत्काल शांतिपूर्ण समाधान का आग्रह करता है।लगभग 100 संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों में अफगानिस्तान, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, आयरलैंड, कुवैत, सिंगापुर, तुर्की, यूक्रेन, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका समेत कई देश हैं जिन्होंने ‘यूक्रेन के खिलाफ आक्रामकता’ नामक प्रस्ताव को सह-प्रायोजित किया।यूएनजीए का प्रस्ताव पिछले शुक्रवार को 15 देशों की सुरक्षा परिषद में परिचालित किए गए प्रस्ताव के समान था, जिस पर भारत ने भी भाग नहीं लिया था. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव, जिसके पक्ष में 11 वोट मिले और तीन अनुपस्थित रहे. उसके स्थायी सदस्य रूस द्वारा अपने वीटो का प्रयोग करने के बाद उसे अवरुद्ध कर दिया गया।लगभग 100 संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों में अफगानिस्तान, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, आयरलैंड, कुवैत, सिंगापुर, तुर्की, यूक्रेन, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका समेत कई देश हैं जिन्होंने ‘यूक्रेन के खिलाफ आक्रामकता’ नामक प्रस्ताव को सह-प्रायोजित किया।यूएनजीए का प्रस्ताव पिछले शुक्रवार को 15 देशों की सुरक्षा परिषद में परिचालित किए गए प्रस्ताव के समान था, जिस पर भारत ने भी भाग नहीं लिया था. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव, जिसके पक्ष में 11 वोट मिले और तीन अनुपस्थित रहे. उसके स्थायी सदस्य रूस द्वारा अपने वीटो का प्रयोग करने के बाद उसे अवरुद्ध कर दिया गया।