वसीम रिजवी और गाजियाबाद के महंत नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ बरेली की सड़कों पर जनसैलाब,गिरफ्तारी की मांग

जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता)गाजियाबाद के महंत नरसिंहानंद सरस्वती और शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी के खिलाफ शुक्रवार को बरेली की सड़कों पर जनसैलाब उमड़ पड़ा। जुमा नमाज के बाद मुस्लिम समुदाय के लोग विभिन्न मस्जिदों से सीधा इस्लामियां ग्राउंड को कूच करते हुए पहुंच गए। महंत के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए गए। हाथों में तख्तियां लेकर भीड़ ने महंत की गिरफ्तारी की मांग की। जमात रजा मुस्तफा की अगुवाई में पहला ऐसा प्रदर्शन हुआ, जिसमें उम्मीद से ज्यादा भीड़ जुटी है। जमात रजा मुस्तफा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सलमान हसन खां कादरी ने कहा कि पैगंबरे इस्लाम की शान में महंत नरसिंहानंद ने गुस्ताखी की है। करोड़ों मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाया है। मुसलमान सब कुछ बर्दाश्त कर सकता है लेकिन पैगंबरे इस्लाम की शान में गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं कर सकता है। मुसलमानों ने इस प्रदर्शन से यह दिखा दिया है कि वो खामोश नहीं है। अपने पैगंबरे इस्लाम के लिए चुप नहीं बैठेगा। पहले शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी और अब महंत की वजह से देश में माहौल बिगाड़ने का काम किया जा रहा है। पैगंबरे इस्लाम की शान में गुस्ताखी करने वालों के खिलाफ काजी उल हिंद मुफ्ती असजद रजा खां कादरी की कयादत में तमाम मुसलमान जुमा नमाज के बाद इस्लामियां ग्राउंड में इक्ट्ठा हुए। तमाम लोग दरगाह आला हजरत से पैदल मार्च करते हुए इस्लामियां ग्राउंड पहुंचे। छह सूत्रीय ज्ञापन राष्ट्रपति को संबोधित एसएसपी, एडीएम को सौंपा है। इस मौके पर एसएसपी, एसपी सिटी, एडीएम, सिटी मजिस्ट्रेट, सीओ अधिकारी, पुलिस, पीएसी तैनात रही।

जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ(संवाददाता) लखनऊ में सारे रिकोर्ड तोड़ते हुए 2934 मरीज़ मिले लखनऊ 14की मौत हुई है वहीं यूपी में शुक्रवार को रिकार्ड 9695 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं। 05 अप्रैल को प्रदेश में 3999 मरीज थे। प्रदेश में मात्र पांच दिन में मरीजों की संख्या लगभग ढाई गुना हो गई है। इसी के साथ एक्टिव मरीजों की संख्या भी बढ़कर 48306 हो गई है। पांच दिन पहले प्रदेश में एक्टिव मरीज 22820 थे। अब तक कुल 9037 मरीजों की मौत हो चुकी है।अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में 663991 लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से 606646 मरीज अब तक संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। वर्तमान में 48306 एक्टिव मरीजों में से 22914 होम आइसोलेशन में हैं। 835 मरीज निजी अस्पतालों में भर्ती हैं। अन्य बचे हुए मरीज सरकारी अस्पतालों में अपना इलाज करा रहे हैं। उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार को 197479  नमूनों की जांच प्रदेश में की गई है। इनमें से 86 हजार नमूनों की जांच आरटीपीसीआर से की गई है। सबसे अधिक मरीज लखनऊ 2934, प्रयागराज 1016, वाराणसी 845, कानपुर नगर 522, गोरखपुर 333, गौतमबुद्ध नगर 225, झांसी 190, मेरठ 156, रायबरेली 145, मुरादाबाद 126, बांदां 119, बलिया 115, मथुरा 117, चंदौली 111, अयोध्या 109, बरेली 103इन जिलों में हुई मौत लखनऊ 14, कानपुर, प्रयागराज में 03-03, वाराणसी, बाराबंकी, उन्नाव, फिरोजाबाद में 02-02, आंबेडकर नगर, कानपुर देहात, बांदा, फर्रुखाबाद, प्रतापगढ़, गोंडा, रायबरेली, देवरिया, मथुरा में 01-01
ऐसे बढ़ रही मरीजों की संख्या
तिथि         मरीज   मौत      एक्टिव
05 अप्रैल – 3999   13      22820
06 अप्रैल – 5928    30     27509
07 अप्रैल – 6023    40      31981
08 अप्रैल – 8490     39     39338
09 अप्रैल – 9695     37     48306

उत्‍तर प्रदेश के कुछ जिलों में कोरोना संकम्रण के बढ़ते प्रसार को देखते हुए मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने बैठक में टीम 11 को दिशा निर्देश दिए। लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी और कानपुर नगर में बढ़ते कोरोना के मामलों पर लगाम लगाने के लिए सीएम ने इन चार जिलों के सरकारी और प्राइवेट ऑफिस में 50 कर्मचारियों की क्षमता के साथ काम किए जाने का आदेश दिया। उन्‍होंने आला अधिकारियों को सर्तकता बरतने में सोशल डिस्टेंसिंग सहित कोविड प्रोटोकॉल का पूरा अनुपालन संग इन चार जिलों में कार्यालयों में अलग-अलग शिफ्ट में काम हो इस बात को सुनिश्चित करने के आदेश दिए। सीएम ने लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी और कानपुर नगर में सरकारी और गैर सरकारी कार्यालयों में सुविधानुसार ‘वर्क फ्रॉम होम’ की अनुमति भी देने की बात कही। जिससे संक्रमण के प्रसार पर लगाम लगाई जा सके।उत्‍तर प्रदेश के कुछ जिलों में कोरोना संकम्रण के बढ़ते प्रसार को देखते हुए मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने बैठक में टीम 11 को दिशा निर्देश दिए। लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी और कानपुर नगर में बढ़ते कोरोना के मामलों पर लगाम लगाने के लिए सीएम ने इन चार जिलों के सरकारी और प्राइवेट ऑफिस में 50 कर्मचारियों की क्षमता के साथ काम किए जाने का आदेश दिया। उन्‍होंने आला अधिकारियों को सर्तकता बरतने में सोशल डिस्टेंसिंग सहित कोविड प्रोटोकॉल का पूरा अनुपालन संग इन चार जिलों में कार्यालयों में अलग-अलग शिफ्ट में काम हो इस बात को सुनिश्चित करने के आदेश दिए। सीएम ने लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी और कानपुर नगर में सरकारी और गैर सरकारी कार्यालयों में सुविधानुसार ‘वर्क फ्रॉम होम’ की अनुमति भी देने की बात कही। जिससे संक्रमण के प्रसार पर लगाम लगाई जा सके।

सहारा इंडिया के प्रमुख सुब्रत राय सहारा भी पॉजिटिव
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) सहारा इंडिया परिवर के अध्यक्ष तथा सहारा इंडिया के मैनेजिंग वर्कर सुब्रत रॉय सहारा भी कोरोना वायरस के संक्रमण में हैं। उनका कल कोविड टेस्ट किया गया था, जिसका रिपोर्ट आज आई है। उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव है। उन्होंने सभी से अपील की है कि इस समय विश्व भर में कोविड मामलों की संख्या बढ़ रही है। इस समय हमारी प्राथमिकता सुरक्षित रहने की होनी जाहिए। मेरी सभी से अपील है कि वह लोग मास्क जरूर लगाने के साथ ही साथ फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन भी करें।

लखनऊ:नाइट कर्फ्यू में परिचय पत्र ही होगा पास, इन्हें प्रतिबंध से छूट
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) जिला प्रशासन ने नाइट कर्फ्यू के दौरान आवश्यक सेवाओं दवा, सब्जी, फल, दूध, रसोई गैस, सीएनजी आदि के जुड़े लोगों के आवागमन के लिए उनके परिचय पत्र को ही पास की मान्यता दी है। डीएम अभिषेक प्रकाश के अनुसार रेलवे, बस स्टेशन या एयरपोर्ट आने-जाने वाले यात्री टिकट दिखाकर जा सकेंगे। पेट्रोल पंप व सीएनजी स्टेशन खुले रहेंगे। माल वाहनों के आवागमन में कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा। राष्ट्रीय व राज्यमार्गों पर परिवहन जारी रहेगा।सफाई व स्वच्छता, पेयजल आपूर्ति, विद्युत प्रबंध, रेलवे, रोडवेज, मेट्रो जैसी सेवाओं के अधिकारी, कर्मचारी आ-जा सकेंगे। एक्सप्रेस-वे, बड़े पुल व सड़कों, लोक निर्माण विभाग के निर्माण कार्य और सरकारी भवनों के व निजी प्रोजेक्ट जारी रहेंगे।मंडी से होने वाला थोक व्यापार मंडी परिषद के तय समय अनुसार चलेगा।आकाशवाणी व दूरदर्शन की रात्रि प्रसारण सेवाओं के साथ ही सरकारी, गैर सरकारी मीडिया एवं न्यूज रिपोर्टिंग संस्थान व संबंधित कार्यालय के रात्रिकालीन कर्मी अपने कार्यों के लिए प्रतिबंध से मुक्त रहेंगे। इनका परिचय पत्र ही पास होगा। सिक्योरिटी गार्ड, एटीएम, टेलीकॉम, मेंटेनेंस सेवा प्रदाता, इलेक्ट्रिीशियन, प्लंबर, एसी रिपेयर आदि सर्विस कार्य के लिए कारण बताने पर जाने दिए जाएंगे। औद्योगिक कारखाने जिनमें आईटी से जुड़े उद्योग सम्मिलित हैं, वह कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए चलते रहेंगे। इनके कर्मचारियों को भी नाइट ड्यूटी के लिए परिचय पत्र दिखाकर आने जाने की अनुमति होगी।

रमजान में डेढ़ पारे की तरावीह का मस्जिदों में करें इंतजाम,मौलाना खालिद रशीद
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ(संवाददाता)कोरोना के बढ़ते मामले और नाइट कर्फ्यू लगने के बाद रमजान में डेढ़ पारे की तरावीह की नमाज का इंतजाम किया जाए, ताकि नमाज में शामिल लोग नाइट कर्फ्यू लगने से पहले अपने घरों को पहुच जाएं। इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया फरंगी महल के चेयरमैन मौलाना मौलान खालिद रशीद फरंगी महली ने रमजान और नमाज को लेकर एडवाइजरी जारी की है। इसमें नाइट कर्फ्यू और कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए इबादत करने की सलाह दी गई है। मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि इस साल रमजान का चांद 12 अप्रैल को दिखेगा। अगर चांद दिख जाता है तो पहला रोज़ा 13 अप्रैल को होगा, नहीं तो 14 अप्रैल को होगा। कोरोना के मामले बढ़ रहे है इसलिए सभी से अनुरोध है कि रमज़ान में कोविड प्रोटोकॉल का ध्यान रखें। ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि कोरोना महामारी और नाइट कर्फ्यू को देखते हुए रमजानुल मुबारक में कोविड नियमों का पालन करते हुए इबादत करें कई शहरों में नाइट कर्फ्यू होने की वजह से रमजान में तरावीह की नमाज डेढ़ पारे से ज़्यादा न पढ़ी जाए, ताकि 9 बजे तक सभी अपने घर वापस चले जाएं। एक वक्त में किसी भी मस्जिद में 100 से अधिक लोग न हो और इसी तरह इफ्तार में भी 100 से अधिक लोग जमा न हों। साथ कोरोना के खात्मे के लिए भी दुआ करें।

ज्ञानव्यापी मस्जिद का एएसआई सर्वे करने के आदेश को चुनौती देगा सुन्नी वक्फ बोर्ड चुनौती
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ(संवाददाता) ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर सिविल कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुन्नी वक्फ बोर्ड हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है। लंबे वक्त से चले आ रहे प्रकरण में पुरातात्विक सर्वेक्षण के प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए सिविल कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस पूरे मामले की जिम्मेदारी सौंपी है और अपने खर्च पर 5 लोगों की टीम बनाकर प्रकरण में पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने के आदेश जारी किया हैं। सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जुफर अहमद फारूकी ने कहा है कि एएसआई द्वारा मस्जिदों की जांच की प्रथा को रोकना होगा। हम इस अनुचित आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। उतर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जुफर अहमद फारूकी ने कहा कि हमारी समझ स्पष्ट है कि इस मामले को पूजा के स्थान (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 द्वारा रोक दिया गया है। उपासना अधिनियम को अयोध्या के फैसले में सुप्रीम कोर्ट की 5 जज संविधान पीठ ने बरकरार रखा है। ज्ञानवापी मस्जिद की स्थिति, किसी तरह के प्रश्न से परे है।उन्होने कहा ‘कानूनी सलाह के अनुसार कह सकते हैं कि सर्वेक्षण का आदेश उचित नही है क्योंकि तकनीकी प्रमाण केवल कुछ मूलभूत तथ्यों को ही पूरा कर सकते हैं। इस मामले में पहले से कोई सबूत पेश नहीं किया गया है, कि मस्जिद के स्थल पर पहले से मौजूद मंदिर था। अयोध्या के फैसले में भी, एएसआई की खुदाई का कोई फायदा नहीं हुआ। एएसआई को इस बात का सबूत नहीं मिला कि बाबरी मस्जिद कि

 

 

 

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