यूपी में कोरोना खात्मे की ओर, रिकवरी दर 98 फीसदी:मुख्यमंत्री


जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ(संवाददाता) उत्तर प्रदेश में कोरोना खात्मे की ओर है। प्रदेश के सभी 75 जिलों में स्थिति नियंत्रण में है। रिकवरी दर 98 फीसदी पहुंच गई है और पॉजिटिविटी दर मात्र 0.3 फीसदी ही रह गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को टीम-9 की बैठक में कहा कि संक्रमण रोकथाम में ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट नीति के संतोषप्रद परिणाम मिल रहे हैं इसलिए पूरी सावधानी बरती जाए। कोरोना टेस्ट की संख्या में कमी नहीं होनी चाहिए, प्रतिदिन लगभग 3 लाख कोविड टेस्ट किए जाएं। मुख्यमंत्री को बताया गया कि प्रदेश में मौजूदा समय कुल 12,959 कोरोना मरीजों का उपचार हो रहा है। पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 709 नए केस आए और इसी अवधि में 1,706 लोग स्वस्थ होकर घर गए। प्रदेश में अब तक कुल 16.66 लाख लोग कोरोना संक्रमण से स्वस्थ हो चुके हैं। बीते 24 घंटों में 2 लाख 89 हजार 809 जांच हुए। यूपी सर्वाधिक कोविड टेस्ट करने वाला राज्य है। अब तक यहां 5 करोड़ 21 लाख 19 हजार 163 नमूनों की जांच हुई है। प्रदेश में 24 घंटे में 4 लाख 30 हजार 617 लोगों को टीका-कवर मिला है, इनमें से 2 लाख 29 हजार 994 लोग 18 से 44 आयु वर्ग के हैं। प्रदेश में अब तक 2 करोड़ 11 लाख 50 हजार 258 वैक्सीन लग चुकी है। प्रधानमंत्री ने 21 जून से सभी आयु वर्ग के टीकाकरण के लिए केंद्र सरकार द्वारा वैक्सीन उपलब्ध कराने की घोषणा की है। यह प्रयास टीकाकरण को और गति देगा। जिन औद्योगिक समूहों ने वैक्सीनेशन में सहयोग की इच्छा जताई है, उन्हें यथासंभव पूरी सहायता उपलब्ध कराई जाए।

क्या खतरनाक होगी कोरोना की तीसरी लहर?
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) कोरोना की तीसरी लहर को लेकर चिंताएं प्रकट की जा रही हैं। लेकिन भारतीय प्रौद्यौगिकी संस्थान (आईआईटी) के विशेषज्ञों का कहना है कि तीसरी लहर छोटी हो सकती है। विशेषज्ञ तीसरी लहर की मॉडलिंग कर रहे हैं और अगले सप्ताह इस पर एक विस्तृत रिपोर्ट जारी करेंगे। आईआईटी के प्रोफेसर मनिंदर अग्रवाल ने ट्वीट कर कहा कि ब्रिटेन में कोरोना की नई लहर को लेकर चिंताएं जाहिर की जा रही थीं, लेकिन संक्रमण का जो रुझान है, उससे साफ है कि यह कोई बड़ा आकार लेती हुई अभी तक नहीं दिखी है। मॉडल संकेत कर रहे हैं कि आगे भी इसके ज्यादा बढ़ने के रुझान नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि उनके सूत्र मॉडल के नतीजों को अभी विश्लेषण कर अंतिम रूप दिया जाना बाकी है, लेकिन आरंभिक संकेतों से साफ है कि भारत में भी तीसरी लहर ज्यादा बड़ी नहीं होगी। यह पहली और दूसरी लहर की तुलना में बहुत कमजोर हो सकती है। उन्होंने कहा कि लहर कब आएगी और वास्तव में इसका प्रभाव कितना रहेगा, इसका विश्लेषण किया जा रहा है तथा अगले सप्ताह इस पर एक विस्तृत रिपोर्ट जारी करेंगे।

 

जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ(संवाददाता) उत्तर प्रदेश में पिछले कई दिनों से पड़ रही भीषण गर्मी से आने वाले दिनों में राहत मिलने की उम्मीद है। मौसम विभाग के मुताबिक इस सप्ताह के अंत में राज्य के अनेक हिस्सों में प्री-मानसून बरसात होने की संभावना है। आंचलिक मौसम केंद्र की बुधवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक आगामी 11 जून से प्रदेश के पूर्वी हिस्सों के अधिकतर इलाकों में तथा पश्चिमी भागों में कुछ स्थानों पर वर्षा होने का अनुमान है। वहीं, 12 जून को प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में बारिश होने की प्रबल संभावना है। हालांकि, मौसम में तब्दीली का सिलसिला 10 जून से ही शुरू हो जाएगा। इस दौरान प्रदेश के कई हिस्सों में तेज हवा के साथ बारिश होने की संभावना है। पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य के पूर्वी हिस्सों में कुछ स्थानों पर बारिश हुई है। एक-दो स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा भी हुई। इस अवधि में महराजगंज जिले के निचलौल में सबसे अधिक 13 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई है। इसके अलावा महराजगंज में सात, त्रिमोहानी घाट (महराजगंज) में पांच, पट्टी (प्रतापगढ़), गोंडा तथा सलेमपुर में 2-2 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के आगरा तथा मेरठ मंडलों में दिन का तापमान सामान्य से अधिक रहा। इस अवधि में झांसी राज्य का सबसे गर्म स्थान रहा जहां अधिकतम तापमान 44.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

सूर्य ग्रहण: 10 जून का ग्रहण भारत में कब और कहां दिखेगा
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता)10 जून को ज्येष्ठ अमावस्था पर इस साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. भारतीय समयानुसार यह सूर्य ग्रहण दोपहर एक बजकर 42 मिनट से शुरू होगा जो शाम छह बजकर 41 मिनट तक चलेगा. सबसे अहम बात यह है कि यह सूर्यग्रहण भारत के अधिकांश हिस्सों में नहीं देखा जा सकेगा।नासा की ओर से जारी इंटरएक्टिव मैप के मुताबिक भारत में यह सूर्य ग्रहण केवल लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में आंशिक तौर पर दिख सकता है. कहा जा रहा है कि इन जगहों पर भी कुछ ही मिनटों के सूर्यास्त के समय दिखेगा।वैसे इस सूर्यग्रहण को उत्तर पूर्व अमेरिका, यूरोप, उत्तर एशिया और उत्तरी अटलांटिक महासागर में देखा जा सकेगा. नासा इस सूर्य ग्रहण की लाइव स्ट्रीमिंग भी कर रहा है जिससे दुनिया भर के लोग इस सूर्यग्रहण को देख सकेंगे. लाइव स्ट्रीमिंग आप इस लिंक पर देख सकेंगे।इस दौरान सूर्य वलयाकार दिखेगा. ‘रिंग ऑफ़ फ़ायर’ या ‘आग के छल्ले’ का दीदार किया जा सकेगा. वलयाकार सूर्य ग्रहण तब होता है जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीधी रेखा में आते हैं. असल में यह खगोलीय घटना चंद्रमा के सूरज और धरती के बीच आ जाने के कारण होती है और कुछ समय के लिए एक विशेष इलाक़े में अंधेरा छा जाता है।हालांकि चंद्रमा छोटा होने की वजह से सूर्य को पूरी तरह ढक नहीं पाता है और उसके किनारे आग के छल्ले की तरह नज़र आते हैं. नासा के मुताबिक आगे के छल्ले जैसा ग्रहण केवल कनाडा, ग्रीनलैंड और उत्तरी रूस के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा।

महिला ने 10 बच्‍चों को जन्‍म,देकर बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड!


जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) जुड़वा बच्चे होना आज के समय में आम बात है, क्योंकि कभी-कभी एक ही बार कई बच्चों के जन्म लेने की खबरें आ चुकी हैं। मगर इस बार एक महिला ने सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए एक साथ 10 बच्चों को जन्म दिया है। साउथ अफ्रीका की 37 वर्षीय महिला ने दावा किया है कि उसने 10 बच्चों को जन्म दिया है। अगर यह बात सही होती है और डॉक्टर्स इसकी पुष्टि करते हैं तो यह अपने आप में एक बड़ा वर्ल्ड रिकॉर्ड होगा। क्योंकि इससे पहले 9 बच्चे जन्म देने का रिकॉर्ड माली की महिला के नाम है, जिसने मई में ही यह रिकॉर्ड कायम किया था। गोसियामे थमारा सिथोले ने दावा किया है कि उसने 7 लड़के और 3 बेटियों को जन्म दिया है। उसके पति टेबेगो त्सोतेत्सी के मुताबिक, 7 जून को प्रिटोरिया के एक अस्पताल में सिजेरियन सर्जरी द्वारा बच्चों को जन्म दिया गया। हालांकि, प्रेग्नेंसी के दौरान डॉक्टरों ने शुरुआत में कहा था कि सिथोले के पेट में 6 बच्चे पल रहे थे, मगर बाद में स्कैन से 8 बच्चों की बात सामने आई और जब महिला की डिलीवरी हुई तो दस बच्चे पाए गए। बता दें कि रिटेल स्टोर मैनेजर का काम करने वाली सिथोले को पहले ही 6 साल के जुड़वा बच्चे हैं। फिलहाल, सभी बच्चे सेफ हैं और पूरी तरह से स्वस्थ हैं मगर अभी उन्‍हें कुछ दिन इन्‍क्‍यूबेटर्स में ही रहना होगा। इन बच्चों के जन्म से सिथोले और उनके पति दोनों काफी खुश हैं। त्सोतेत्सी ने कहा कि जिन बच्चों को जन्म दिया है, उनमें सात लड़के और तीन लड़कियां हैं। उनकी पत्नी सात महीने सात दिन की गर्भवती थी। उन्होंने कहा कि मैं खुश हूं। मैं भावुक हूं। मैं ज्यादा बात नहीं कर सकता। बता दें कि इससे पहले माली की 25 साल की हलीमा सीजे ने मोरक्को में एक साथ 9 बच्चों को जन्म देकर सबको चौंका दिया था।

जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ने अपनी सुरक्षा के पहलू पर विचार करते हुए अब ईरान के साथ तनाव घटाने और भविष्य में संवाद बनाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं।दरअसल, विएना में 2015 के उस परमाणु समझौते को बहाल करने की कोशिशें चल रही हैं, जिसके तहत ईरान से इस शर्त पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध हटाए गए थे कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित कर देगा।डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका को इस समझौते से बाहर निकाल लिया था मगर अब जो बाइडन प्रशासन इस समझौते को बहाल करना चाहते हैं। खाड़ी में अमेरिका के सहयोगी देश हमेशा से कहते रहे हैं कि ये समझौता नाकाफ़ी है क्योंकि इससे ईरान के मिसाइल निर्यात और अप्रत्यक्ष रूप दूसरे देशों में मौजूद लड़ाकों का समर्थन करने जैसे कामों पर रोक नहीं लगती। लेकिन जिस तरह से इस समझौते मे शामिल बाक़ी देश अमेरिका और ईरान के बीच गतिरोध को दूर करने में जुटे हुए हैं, उसे देखते हुए खाड़ी के देशों ने अपने स्तर पर ईरान के साथ रिश्ते सुधारने में जुट गए हैं। सऊदी अरब कई सालों से यमन के युद्ध में उलझा हुआ है. लगातार वहां से उसकी तेल रिफ़ाइनयरियों और दूसरी जगहों पर ड्रोन और मिसाइल हमले होते रहे हैं जिनके लिए वह ईरान को ज़िम्मेदार बताता है। दरअसल, ईरान यमन में हूती विद्रोहियों का समर्थन करता है जिन्हें सऊदी पिछले छह साल से नहीं हरा पा रहा।अनौपचारिक सऊदी-ईरान संवाद में शामिल रहे गल्फ़ रिसर्च सेंटर के अब्दुल अज़ीज़ सागेर ने इस हफ़्ते कहा, “खाड़ी के देशों का कहना है कि अमेरिका इस समझौते में शामिल होता है तो यह उसका फ़ैसला है, हम उसे नहीं बदल सकते. लेकिन हम चाहते हैं कि सभी क्षेत्र की सुरक्षा को लेकर भी विचार करें। खाड़ी देशों का मानना है कि जितनी तवज्जो उन्हें ट्रंप के समय मिलती है, उतनी बाइडन के दौर में नहीं मिल रही. उन्होंने भी विएना में हो रही चर्चा में शामिल होने की कोशिश की थी मगर विफल रहे थे। विएना में चल रहे विमर्श का नतीजा निकलने का इंतज़ार करने की बजाय, सऊदी अरब ने भी एक पहल की है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने दो सूत्रों के हवाले से लिखा है सऊदी अरब ने अप्रैल में ईरान की ओर से दोनों देशों के अधिकारियों के बीच वार्ता करने के प्रस्ताव को स्वीकार किया है। सागेर कहतेहैं, “यमन में उलझने से ईरान का कुछ नहीं बिगड़ रहा मगर ये सऊदी अरब के लिए महंगा सौदा है। इसी कारण ईरान मोलभाव करने की बेहतर स्थिति मे है। अमेरिका में संयुक्त अरब अमीरात के राजदूत यूसुफ़ अल ओताइबा ने अप्रैल में कहा था कि उन्हें परमाणु समझौते से खास उम्मीदें नहीं हैं. लेकिन उनका कहना था, “लेकिन हमें उनके साथ शांति के साथ रहना ही होगा. हम किसी तरह का दख़ल नहीं चाहते, न मिसाइलें चाहते हैं न छद्म युद्ध.”

इजरायल के सीरिया पर कई हवाई हमले,11 की मौत
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) इजरायल की ओर से किए गए हमलों में सीरिया के 11 सैनिक मारे गए हैं। इजरायल ने सेंट्रल और दक्षिणी सीरिया को निशाना बनाते हुए ये हमले किए थे। एक वॉर मॉनिटर ने बुधवार को यह जानकारी दी है। इजरायल के हमले का शिकार होने वालों में एक अधिकारी भी शामिल है। इजरायल ने सीरिया के होम्स प्रांत में स्थिति साइंटिफिक रिसर्च सेंटर और अन्य सैन्य ठिकानों को निशाना बनाते हुए ये हमले किए थे। इसके अलावा राजधानी दमिश्क के बाहरी इलाकों में भी हमले किए गए हैं। सीरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी ने इजरायल के हमलों में हुए नुकसान की विस्तार से जानकारी नहीं दी है।हालांकि सीरियाई एजेंसी ने बताया कि एयर डिफेंस की ओर से इजरायल हमलों का जवाब दिया गया है। यही नहीं सीरिया की सेना ने दावा किया है कि उसकी ओर से इजरायल की कई मिसाइलों को मार गिराया गया है। बता दें कि बीते कुछ वक्त में इजरायल की ओर से सीरिया पर कई बार हमले किए गए हैं। सीरियन ऑब्जरवेट्री फॉर ह्यूमन राइट्स के मुताबिक 7 सैनिक और 4 नेशनल डिफेंस फोर्सेज के लोगों की हमलों में मौत हुई है।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here