प्रभु श्रीराम के नाम पर इतना बड़ा भ्रष्टाचार दो करोड़ में बैनामा,दस मिनट में 18.5 करोड़ में हुआ एग्रीमेंट जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर गंभीर आरोप, प्रधानमंत्री से मामले की सीबीआई जांच की मांग 

 

जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ(संवाददाता) श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा दस मिनट पहले खरीदी गई दो करोड़ की जमीन का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट 18.5 करोड़ में करा लिया गया। एक ही दिन हुए बैनामा व एग्रीमेंट में ट्रस्टी डॉ अनिल मिश्रा व महापौर ऋषिकेश उपाध्याय गवाह रहे। यह आरोप रविवार को अलग अलग प्रेसवार्ता करके आम आदमी पार्टी (आप) से राज्यसभा सदस्य एवं पार्टी राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह और पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय और कांग्रेस और सपा के प्रवक्ताओ ने श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर लगते बीजेपी को घेरा पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय सिविल लाइन स्थित एक होटल में आयोजित प्रेसवार्ता में लगाते हुए प्रधानमंत्री से मामले की सीबीआई जांच कराने व दोषियों पर कार्रवाई की मांग कि है। इस बीच आम आदमी पार्टी (आप) से राज्यसभा सदस्य एवं पार्टी राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंह ने अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करा रहे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए उसकी जांच सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से कराने की मांग की है। उन्होंने रविवार को कॉन्फ्रेंस में सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा कि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने संस्था के सदस्य अनिल मिश्रा की मदद से दो करोड़ रुपए कीमत की जमीन 18 करोड़ रुपए में खरीदी। यह सीधे-सीधे धन शोधन का मामला है और सरकार इसकी सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय से जांच कराए।

पूर्व मंत्री तेजनारायण पांडेय द्वारा श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर जमीन खरीदने में खोटाले के आरोप पर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि हम पर आरोप लगते ही रहते हैं। 100 साल से आरोप देख रहे हैं। हम पर महात्मा गांधी की हत्या के आरोप लगे हैं।प्रेसवार्ता में पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडेय ने कहा कि अयोध्या के बाग बिजेस्वर में स्थित 12080 वर्ग मीटर एक भूमि का बैनामा बीते 18 मार्च शाम सात बजकर पांच मिनट पर बाबा हरिदास ने व्यापारी सुल्तान अंसारी व रवि मोहन तिवारी को दो करोड़ रुपए में किया था। इसमें गवाह के रूप में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ अनिल मिश्रा व महापौर ऋषिकेश उपाध्याय मौजूद रहे। कहा कि इसी दिन सात बजकर 15 मिनट के करीब इसी भूमि का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट सुल्तान अंसारी व रवि मोहन तिवारी से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 18.5 करोड़ रुपए में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट कराया लिया। कहा कि खास बात रही कि एग्रीमेंट में भी ट्रस्टी डॉ अनिल मिश्रा व महापौर ऋषिकेश उपाध्याय गवाह के रूप में मौजूद रहे। ट्रस्ट ने 17 करोड़ रुपए सुल्तान अंसारी व रवि मोहन तिवारी के खाते में आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर किया है।पूर्व मंत्री ने सवाल किया कि जब पहले से इस जमीन का रेट ट्रस्टी व महापौर को मालूम था तो ऐसी कौन सी परिस्थति आ गई, इस जमीन ने ऐसा कौन सा सोना उगल दिया कि दो करोड़ में बैनामा कराई गई जमीन को दस मिनट बाद ही 18.5 करोड़ में खरीदना पड़ा। कहा कि देशवासियों ने भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण के लिए अपने खून-पसीने की कमाई में से चंदा दिया, उसका ट्रस्ट द्वारा बंदरबांट किया गया और रामभक्तों को ठगने का काम किया जा रहा है। करोड़ों रामभक्तों के साथ छलावा किया गया है। कहा कि प्रभु श्रीराम के नाम पर इतना बड़ा भ्रष्टाचार हो रहा है। ट्रस्ट के भ्रष्टाचार का इससे बड़ा प्रमाण नहीं हो सकता है। कहा कि बैनामे व एग्रीमेंट में ट्रस्टी और महापौर ही गवाह हैं, इससे जाहिर है कि सारा खेल महापौर व ट्रस्टी की जानकारी में हुआ है। पूर्व मंत्री ने प्रधानमंत्री से मांग किया कि जमीन के नाम पर जो लूट की गई है, इसकी सीबीआई जांच करके दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किया जाना चाहिए। साथ ही ट्रांसफर किए गए करीब 17 करोड़ रुपए की भी जांच कराई जाय कि यह पैसा किन-किन लोगों के खातों में गया, उसका कहां उपयोग किया गया।

अयोध्या में मंदिर ट्रस्ट के नाम पर घोटाले के आरोप पर कांग्रेस प्रवक्ता सुरेन्द्र राजपूत का बयान

  आयोध्या राम मंदिर ट्रस्ट घोटाले को लेकर सपा रिएक्शन

यूपी विधानसभा चुनावों में नहीं चलेंगे लव जिहाद,गौ आतंक के मुद्दे:जयंत चौधरी

यूपी विधानसभा चुनावों में नहीं चलेंगे लव जिहाद, गौ आतंक के मुद्दे : जयंत चौधरीजायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के नवनियुक्त अध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा है कि प्रदर्शनकारी किसानों के प्रति भाजपा की कथित उदासीनता उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में उसे नुकसान पहुंचाएगी। उन्होंने कहा कि लव जिहाद और गौ आतंक जैसे बनावटी मुद्दे काम नहीं करेंगे क्योंकि चुनाव में विकास के मुद्दे ही जीतेंगे। इस साल पश्चिम बंगाल में हुए चुनावों के बाद ध्यान अब 2022 में उत्तर प्रदेश में चुनावी लड़ाई की तरफ आने के बीच जयंत चौधरी ने रविवार को कहा उनकी पार्टी विधानसभा चुनावों की दौड़ में हिंदी पट्टी के इस राज्य को सांप्रदायिक ध्रुवीकरण अभियान की भेंट नहीं चढ़ने देगी। पिछले महीने पिता चौधरी अजित सिंह के निधन के बाद रालोद प्रमुख का पद संभालने वाले जयंत चौधरी ने न्यूज एजेंसी भाषा के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि उनकी पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच अच्छे संबंध संबंध हैं। उन्होंने कहा कि चुनावों की खातिर औपचारिक गठबंधन के लिए विस्तार से काम करने की जरूरत है।यह पूछे जाने पर कि क्या उत्तर प्रदेश में भाजपा का सामना करने के लिए महागठबंधन की जरूरत है और क्या बसपा और कांग्रेस ऐसे किसी गठबंधन का हिस्सा होंगे, तो चौधरी ने कहा कि उनके लिए मुद्दे पहले आते हैं और गठबंधन के सभी सहयोगियों के बीच उन मुद्दों पर समझ बनाने की जरूरत होगी। पंचायत चुनावों में खराब प्रदर्शन के बावजूद विधानसभा चुनावों में कांग्रेस महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है, इस पर चौधरी ने कहा कि वह कांग्रेस की योजनाओं एवं संभावनाओं पर टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री के तौर पर राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलों और राज्य मंत्रिमंडल में फेरबदल की खबरों पर, चौधरी ने कहा कि भाजपा महज ध्यान भटकाने की और पार्टी में असंतुष्ट तत्वों को संभालने के लिए बातचीत का भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सामाजिक बदलाव शीर्ष के एक या दो नेताओं को बदल देने से नहीं आता। तथ्य यह कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार जाति आधारित गणित में उलझी रही और उसने लोगों को रोजगार, आर्थिक वृद्धि एवं प्रभावी शासन उपलब्ध नहीं कराया है।जयंत चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार का कोविड-19 प्रबंधन घटिया रहा और कोई भी गंगा में शव मिलने के दृश्यों को भूल नहीं सकता है। उन्होंने कहा कि अब, साढ़े चार साल बाद नेतृत्व में बदलाव की अफवाहें विफलताओं से ध्यान भटकाने की बेकार कोशिश है। नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनों और चुनाव में इसके मुख्य मुद्दा बन सकने की संभावनाओं पर उन्होंने कहा कि किसानों का मुद्दा हमारे देश में सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा होगा और होना चाहिए भी।

प्रदेश में लगातार कमजोर हो रहा वायरस,सिर्फ 468 नए संक्रमित मिले
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) यूपी में कोरोना वायरस लगातार कमजोर होता जा रहा है। हर रोज तीन लाख से भी ज्यादा टेस्ट करने के बाद संक्रमितों की संख्या में कमी आती जा रही है। बीते 24 घंटे में प्रदेश में कोरोना के 468 नए मामले सामने आए हैं जबकि 2,89,943 सैम्पल जांचे गए, जिसमें सवा लाख सैम्पल आरटीपीसीआर माध्यम से टेस्ट किये गए। इस दौरान 1,221 मरीज कोरोना संक्रमण से मुक्त हुए हैं। इससे पहले, 21 मार्च को एक दिन में 500 से कम केस आये थे। इस समय प्रदेश में कोरोना के 8986 सक्रिय मामले हैं। बीते 24 घंटों में कुल पॉजिटिविटी दर मात्र 0.2% है, जबकि रिकवरी दर 98.2% हो गई है। कोरोना महामारी के बीच अब तक 16 लाख 71 हजार 852 प्रदेशवासी कोविड संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं। रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम-9 से प्रदेश में कोरोना की स्थिति पर चर्चा की और निर्देश दिए। उन्होंने अफसरों को निर्देश दिया कि प्रदेश में कोविड टीकाकरण सुचारू रूप से चल रहा है। पिछले 12 दिनों में लगभग 46 लाख लोगों ने टीका-कवर प्राप्त किया है। बीते 24 घंटों में 18 से 44 आयु वर्ग के 2,35,683 लोगों सहित 04 लाख 58 हजार से अधिक लोगों ने वैक्सीन कवर लिया है। अब तक प्रदेश में 02 करोड़ 29 लाख 35 हजार 815 डोज लगाई जा चुकी है। हमें अगले माह से प्रतिदिन 10-12 लाख वैक्सीन डोज लगाने के लक्ष्य के सापेक्ष तैयारी करनी होगी। कोल्ड चेन को व्यवस्थित रखते हुए इस संबंध में सभी जरूरी तैयारी समय से पूरी कर ली जाएं।

राज्यपाल ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को दिलाई शपथ

इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को शपथ दिलातीं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल।
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ(संवाददाता) राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने रविवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मनोनीत मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय यादव को राजभवन के गांधी हाल में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक, मुख्य सचिव आर के तिवारी, राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता, मुख्य न्यायाधीश के परिवार के सदस्य तथा हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश, रजिस्ट्रार तथा वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे ।26 जून 1961 को जन्मे संजय यादव 25 अगस्त 1986 में अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत हुए। उसके बाद उन्होंने जबलपुर हाईकोर्ट में सिविल, रेवेन्यू और संवैधानिक मामलों में वकालत की। उन्होंने मार्च 1999 से अक्टूबर 2005 तक सरकारी अधिवक्ता के रूप में काम किया। संजय यादव मध्य प्रदेश के डिप्टी एडवोकेट जनरल भी रहे। दो मार्च 2007 को वह मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के अपर न्यायाधीश नियुक्त हुए और जनवरी 2010 में स्थायी जज बने। वह दो बार मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश भी रहे। आठ जनवरी 2021 को वह मध्य प्रदेश हाईकोर्ट से स्थानांतरित होकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश बने। यहां 14 अप्रैल से वह कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के पद पर थे।

 

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