पाकिस्तान की इमरान खान सरकार अल्पमत में,इमरान की सेना प्रमुख बाजवा से मुलाकात,नहीं देंगे इस्तीफा
जायज़ा डेली न्यूज़ दिल्ली (संवाददाता) पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने देश के नाम अपने संबोधन कार्यक्रम को फिलहाल टाल दिया है। सूत्रों का कहना है कि सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा से मुलाकात के बाद इमरान ने यह फैसला लिया। अब सूत्रों का कहना है कि इमरान खान बिना संबोधन के ही अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। इससे पहले दोपहर इमरान खान सरकार के साथ गठबंधन पार्टी MQM के दो नेताओं ने कैबिनेट से इस्तीफा देकर सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया। MQM पार्टी ने भी विपक्षी दलों के साथ इमरान की सरकार गिराने का मन बना लिया है। MQM के पार्टी बदलने के साथ ही इमरान सरकार संसद में अल्पमत में आ गई है। दूसरी तरफ इमरान खान के बारे में कहा जा रहा है कि इमरान खान किसी हाल में इस्तीफा नहीं देंगे। इमरान सरकार में मंत्री चौधरी फवाद खान ने इमरान खान के इस्तीफे के सवाल पर कहा कि हमारे बॉस खिलाड़ी हैं जो आखिरी गेंद तक लड़ने का जज्बा रखते हैं। फवाद खान ने कहा कि इस्तीफा नहीं खेल होगा. दोनों दोस्त और दुश्मन मिलकर इस मैच को देखेंगे।पाकिस्तान की इमरान खान सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान के खिलाफ विपक्ष एकजुट है और उन्हें सत्ता से बाहर करने के बेहद करीब है। अब सवाल उठता है कि अगर इमरान खान सरकार गिरी तो पाकिस्तान के अगले प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ होसकते हैं। गुरुवार को इमरान खान ने पाकिस्तान सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और आईएसआई डायरेक्टर जनरल ले. जनरल फैयाज हमीद से मुलाकात की। अगले कुछ दिनों में होने वाले विश्वास मत से पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, बिलावल भुट्टो ने मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) को धन्यवाद कहा। इमरान खान की पीटीआई की सहयोगी पार्टी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान ने उनका साथ छोड़कर विपक्ष के साथ हाथ मिला लिया है और इमरान खान के खिलाफ मतदान करने का फैसला लिया है। बिलावल ने कहा कि मतदान गुरुवार को होना चाहिए। बिलावल भुट्टो ने कहा, “इमरान खान अब अपना बहुमत खो चुके हैं। वह अब प्रधानमंत्री नहीं हैं। संसद का सत्र कल है। चलो कल मतदान करते हैं और इस मामले को सुलझाते हैं। हम तब ही पारदर्शी चुनाव और लोकतंत्र की बहाली की यात्रा और आर्थिक संकट को खत्म करने पर काम शुरू कर सकते हैं।” इससे पहले बुधवार को विपक्ष ने इमरान खान को सम्मानपूर्वक इस्तीफा देने को कहा था। पाकिस्तान के वित्त मंत्री अब्दुल हफीज शेख को महत्वपूर्ण सीनेट चुनावों में पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने पराजित कर दिया। इस नतीजे को प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से मंत्रिमंडल के अपने सहयोगी के लिए प्रयास किया था।सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) ने दावा किया था कि उसे 182 सदस्यों का समर्थन हासिल है जबकि सीनेटर को चुनने के लिए 172 वोटों की आवश्यकता थी। पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने घोषणा की कि, ”यूसुफ रजा गिलानी को 169 मत मिले जबकि शेख को 164 मत मिले। सात मत खारिज हुए। कुल 340 वोट डाले गए। प्रधानमंत्री खान ने शेख की जीत सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत रूप से प्रयास किया था। ग्यारह विपक्षी पार्टियों के एक गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) ने गिलानी का समर्थन किया था। इसमें पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी भी शामिल हैं। दिलचस्प बात यह है कि शेख 2008 से 2012 तक पूर्व प्रधानमंत्री गिलानी के कार्यकाल के दौरान उनके मंत्रिमंडल में मंत्री थे।जीत के बाद गिलानी के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए पीपीपी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने प्रधानमंत्री इमरान खान को पद छोड़ने के लिए कहा क्योंकि उनके उम्मीदवार की हार से पता चलता है कि वह नेशनल असेंबली में विश्वास खो चुके हैं। बिलावल ने कहा, ”इमरान खान को इस्तीफा दे देना चाहिए, यह केवल विपक्ष की मांग नहीं है बल्कि सरकार के अपने सदस्यों की भी है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की लोकतंत्रिक यात्रा में एक नया दौर शुरू हो रहा है।”उन्होंने पीडीएम नेतृत्व का शुक्रिया अदा किया और कहा कि गिलानी की जीत पाकिस्तान में सभी लोकतांत्रिक ताकतों की जीत है। उन्होंने कहा, ”यह कठपुतली सरकार अपनी संसद से हार गई और पाकिस्तान के लोग जीत गए। गिलानी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने उन्हें लंदन से फोन किया, जहां वह रहते हैं, और ”शानदार जीत पर उन्हें बधाई दी।

केजरीवाल के घर तोड़फोड़ करने वाला भाजयुमो प्रमुख तेजस्वी सूर्या हिरासत में

भाजपा नेता तेजस्वी सूर्या हिरासत में, केजरीवाल के घर के बाहर कर रहे थे प्रदर्शन
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) कश्मीर फाइल्स को लेकर भारतीय जनता पार्टी और केजरीवाल सरकार आमने-सामने हैं। बुधवार को भाजपा कार्यकर्ताओं ने सांसद तेजस्वी सूर्या की अगुवाई में सीएम केजरीवाल के आवास के बाहर प्रदर्शन किया और उनके घर के बाहर नारेबाजी की। इसके बाद से आम आदमी पार्टी भाजपा पर हमलावर हो गई है और उसने सीएम आवास पर तोड़फोड़ करने का आरोप भाजपा कार्यकर्ताओं पर लगाया है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को ट्वीट कर बड़ा आरोप लगाया है कि कुछ असामाजिक तत्वों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए और वहां लगा बूम बैरियर भी तोड़ दिया। उत्तरी जिला डीसीपी सागर सिंह कलसी ने बताया कि बुधवार को भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने कश्मीर फाइल्स को लेकर दिल्ली के सीएम के विधानसभा वाले बयान के खिलाफ धरना आयोजित किया था। उनका यह धरना सुबह 11.30 बजे शुरू हुआ जिसमें करीब 150-200 लोग सीएम आवास के बाहर पहुंचे थे।करीब 1.00 बजे कुछ प्रदर्शनकारियों ने सीएम आवास का सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए सीएम आवास के बाहर जा पहुंचे और नारे लगाए वह व्यवधान उत्पन्न किया। उनके पास पेंट का एक छोटा डिब्बा था जिसे उन्होंने सीएम आवास के दरवाजे पर फेंक दिया। इसके साथ ही बूम बैरियर और एक सीसीटीवी कैमरा भी टूटा पाया गया।पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए हमला करने वाले करीब 70 को हिरासत में ले लिया। इनमें भाजपा के युवा नेता तेजस्वी सूर्या का भी नाम बताया जा रहा है। इनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जा रही है। मनीष सिसोदिया के साथ ही कई आप नेताओं ने भी ट्वीट कर इस पूरी घटना के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है और दावा किया है कि ये सब पुलिस की मौजूदगी में हुआ। डिप्टी सीएम ने अपने पहले ट्वीट में लिखा, ‘दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पर असामाजिक तत्वों ने हमला कर सीसीटीवी कैमरे और सिक्योरिटी बैरियर तोड़ दिए हैं। गेट पर लगे बूम बैरियर भी तोड़ दिए हैं।

पेपर लीक होने के मामले में बलिया के DIOS को पुलिस ने हिरासत में
यूपी बोर्ड का रद्द हुआ अंग्रेजी का पेपर अब 13 अप्रैल को,

जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) उत्तर प्रदेश बोर्ड के इंटरमीडिएट का पेपर लीक होने के बाद 24 जिलों में परीक्षा रद्द कर दी गई है। पेपर लीक मामले की जांच एसटीएफ करेगी। दोषियों के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी। यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट की अंग्रेजी विषय का पेपर लीक होने के मामले में बलिया के डीआईओएस यानी जिला विद्यालय निरीक्षक बृजेश कुमार मिश्र को पुलिस ने हिरासत में लिया है। पुलिस उनको पूछताछ के लिए किसी अज्ञात स्थान पर ले गई है।माध्यमिक शिक्षा परिषद की इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा 2022 का अंग्रेजी विषय का प्रश्न पत्र बुधवार को लीक हो गया। 316 ई डी और 316 ई आई सीरीज का प्रश्न पत्र से बुधवार को 24 जिलों में द्वितीय पाली में होने वाली परीक्षा को रद्द कर दिया गया। मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने जांच शुरू कर दी है। प्रश्न पत्र लीक मामले में प्रथम दृष्टया दोषी बलिया के जिला विद्यालय निरीक्षक ब्रजेश कुमार मिश्र को निलंबित किया है। मामले में दोषी आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। बोर्ड परीक्षा में बुधवार को द्वितीय पाली में इंटरमीडिएट की अंग्रेजी विषय की परीक्षा प्रस्तावित थी। बलिया में 316 ई डी और 316 ई आई सीरीज का प्रश्न पत्र लीक होने और प्रश्न पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने से शिक्षा विभाग और शासन में हड़कंप मच गया। इन दो सीरीज के प्रश्न पत्र से 24 जिलो में परीक्षा होनी थी। माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी के निर्देश पर शासन ने 24 जिलों में द्वितीय पाली में होने वाली अंग्रेजी विषय की परीक्षा को निरस्त कर दिया। शासन ने 13 अप्रैल को पहली पाली में सुबह 8 से 11.15 बजे तक पुन: परीक्षा कराने का निर्णय किया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर एसटीएफ की टीम मामले की जांच के लिए वाराणसी से बलिया पहुंच गई। बलिया के जिला विद्यालय निरीक्षक ब्रजेश कुमार मिश्रा को प्रथम दृष्टया लापरवाही का दोषी मानते हुए निलंबित किया है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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