यूपी में कई जिलों के नाम बदलने की तैयारी में योगी सरकार
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक बार फिर सूबे के शहरों के नाम बदलने की तैयारी शुरू कर दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार यूपी के कम से कम 12 जिलों के नाम बदलने की तैयारी कर रही है, जिनमें से 6 के नाम जल्द ही बदले जा सकते हैं। जिन जिलों के नाम सरकार बदल सकती है उनमें अलीगढ़, फर्रूखाबाद, सुल्तानपुर, बदायूं, फिरोजाबाद और शाहजहांपुर शामिल हैं। बता दें कि योगी के पिछले कार्यकाल में मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम पं. दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन, इलाहाबाद का नाम प्रयागराज और फैजाबाद का नाम अयोध्या कर दिया गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इनमें से कई जिलों के नामों को बदलने पर काम आगे बढ़ चुका है और जल्द ही इनके नए नाम सामने आ सकते हैं। अलीगढ़ का नाम बदलने की मांग काफी पुरानी है। हिंदू संगठनों का कहना है कि अलीगढ़ का नाम हरिगढ़ कर देना चाहिए और बीजेपी के कई समर्थक संगठनों ने जिले को इस नाम से बुलाना भी शुरू कर दिया है। वहीं, कुछ संगठनों का कहना है कि अलीगढ़ का नाम बदलकर आर्यगढ़ भी किया जा सकता है।फर्रूखाबाद से बीजेपी सांसद मुकेश राजपूत का कहना है कि यह जिला द्रौपदी के पिता द्रुपद के पांचाल राज्य की राजधानी था, इसलिए इसका नाम पांचाल नगर किया जाना चाहिए। जबकि सुल्तानपुर जिले का नाम बदलकर ‘कुशभवनपुर’ करने का प्रस्ताव भी सरकार को भेजा जा चुका है। ऐसी मान्यता है कि सुल्तानपुर जिले को भगवान राम के पुत्र कुश ने बसाया था। इसी कड़ी में बदायूं का नाम वेद मऊ, फिरोजाबाद का नाम चंद्रनगर और शाहजहांपुर का नाम शाजीपुर करने का प्रस्ताव भी योगी सरकार के पास जा चुका है।उत्तर प्रदेश के उक्त जिलों के अलावा भी कई अन्य जिले और शहर हैं जिनके नाम बदलने की मांग उठती रही है। कई हिंदू संगठन आजमगढ़ का नाम आर्यमगढ़, मैनपुरी का नाम मयानपुरी, संभल का नाम कल्कि नगर या पृथ्वीराज नगर, देवबंद का नाम देववृंदपुर, गाजीपुर का नाम गढ़ीपुरी और आगरा का नाम अग्रवन करने की मांग कर रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक करीब 6 जिले ऐसे हैं, जिन पर अंदरखाने सहमति बन चुकी है और मुहर लग चुकी है। साथ ही, और ठोस ऐतिहासिक साक्ष्यों के साथ प्रपोजल आगामी विधानसभा सत्र में पेश करने की तैयारी है। अलीगढ़ प्रशासन के एक सूत्र ने बताया, ‘राजनीति और इतिहास विषय के प्रोफेसर के साथ कई बुद्धिजीवियों को जिले के इतिहास और राजनीति पर शोध कर नए नाम का सुझाव देने के लिए पिछले साल ही कहा गया था। छह महीने पहले तथ्यों के साथ नया नाम सरकार को प्रस्तावित भी कर दिया। उम्मीद है कि इस बार के विधानसभा सत्र में प्रस्ताव पर मुहर लग जाएगी।’अलीगढ़- योगी आदित्यनाथ की सरकार के निशाने पर तब से है जब वे सरकार में आए थे। 2015 में विश्व हिंदू परिषद ने इस मांग को उठाना शुरू किया था। यहां तक की बीजेपी और समर्थक संगठन अलीगढ़ को हरिगढ़ कहना भी शुरू कर चुके हैं।6 अगस्त, 2021 को अलीगढ़ की नई नवेली पंचायत कमेटी ने अपने नए अध्यक्ष विजय सिंह की अगुवाई में विकास भवन ऑडिटोरियम में न केवल नाम बदलने बल्कि नए नाम का प्रस्ताव भी पारित किया। इसका नाम हरिगढ़ या फिर आर्यगढ़ रखने की तैयारी है।सुल्तानपुर- यहां की लंभुआ सीट से बीजेपी के विधायक रहे देवमणि द्विवेदी भी जिले का नाम बदलकर ‘कुशभवनपुर’ करने का प्रस्ताव सरकार को भेज चुके हैं। वे कहते हैं, इतिहास के एक्सपर्ट और आम जनों की राय बिल्कुल मिलती जुलती है। सुल्तानपुर को किसी मुगल शासन के सुल्तान ने नहीं बल्कि श्रीराम के बेटे कुश ने बसाया था।बदायूं- इस जिले की तरफ से अभी कोई प्रस्ताव नहीं आया है। लेकिन, योगी की लिस्ट में इस जिले का नाम है। उन्होंने 9 नवंबर 2021 के दिन बदायूं के एक कार्यक्रम में इसका इशारा भी किया था। उन्होंने कहा था, बदायूं वेदों के अध्ययन का केंद्र था, इस वजह से प्राचीन समय में इसका नाम वेद मऊ था।फिरोजाबाद- यहां की जिला पंचायत ने भी 2 अगस्त 2021 में बैठक कर जिले का नया नाम चंद्र नगर रखने का प्रस्ताव पारित किया था। यहां प्रस्ताव भी सरकार के पास जा चुका है।शाहजहांपुर- यहां से विधायक रहे मानवेंद्र सिंह भी सरकार के पास प्रस्ताव भेज चुके हैं। उन्होंने शाहजहांपुर का नाम महाराणा प्रताप के करीबी भामाशाह और एक और नाम शाजी के नाम पर ‘शाजीपुर’ रखने का सुझाव दिया है। मैनपुरी- 16 अगस्त को ही मैनपुरी में जिला पंचायत स्तर की एक बैठक के बाद नया नाम मयान पुरी करने की मांग की गई।संभल- जिले का नाम कल्कि नगर या फिर पृथ्वीराज नगर करने की मांग उठ रही है।देवबंद- बीजेपी विधायक ब्रजेश सिंह रावत ने भी देवबंद का नाम देववृंदपुर करने की मांग की है।गाजीपुर- यहां से दिग्गज नेता कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय एक साल पहले ही गाजीपुर का नाम बदलकर गढ़ीपुरी करने की मांग कर रही हैं।कानपुर- कानपुर देहात के रसूलाबाद और सिकंदराबाद और अकबरपुर रनियां में नामों को लेकर प्रस्ताव बनाने को लेकर प्रशासन को निर्देश मिले हैं।आगरा- अंबेडकर यूनिवर्सिटी में आगरा की जगह अग्रवन जिले का नए नाम के पक्ष में साक्ष्य जुटाने का काम चल रहा है।
हिजाब,लाउडस्पीकर के बाद कर्नाटक में फलो पर सियासत
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता)हिजाब, हलाल और लाउडस्पीकर के बाद कर्नाटक में एक और विवाद ने जन्म ले लिया है। राज्य के कुछ हिंदुवादी संगठनों ने हिंदुओं से अपील की है कि वो फल बेचने के व्यापार में उतरें क्योंकि इस व्यापार पर मुसलमानों ने कब्जा जमा रखा है। हिंदु जनजागृति समिति ने मंगलवार को कहा कि फल बेचने वाले ज्यादातर मुसलमान हैं और उन्होंने पूरी मार्केट पर कब्जा जमाया हुआ है। ये लोग कई पीढ़ियों से फल बेच रहे हैं इसलिए नए फल व्यापारियों के लिए अपना व्यापार चलाने में दिक्कत हो रही है। समिति ने आगे कहा कि हम नहीं कह रहे कि आप किससे सामान खरीदें। आपका जिससे मन करता है उससे सामान खरीदें, हम बस ये चाहते हैं कि फल के व्यापार में हिंदु भी शामिल हों। समिति ने कहा कि हम सरकार से भी गुजारिश करते हैं कि वो इस काम में गरीब फल व्यापारियों की मदद करे।इससे पहले बीजेपी के महासचिव सीटी रवि ने हलाल मीट को लेकर दिए बयान से विवाद खड़ा कर दिया था। उन्होंने कहा था हलाल मीट एक तरह का आर्थिक जिहाद है। उन्होंने कहा था हलाल मीट बेचने का पूरा कॉन्सेप्ट ही यही है कि मुसलमान ही आपस में व्यापार कर सकें। हलाल मीट बेचने वाला भी मुसलमान और खाने वाला भी मुसलमान। राज्य के कुछ हिंदुवादी संगठनों ने मीट की दुकानों पर लगे हलाल मीट के सर्टिफिकेट को हटाना भी शुरू कर दिया है। हिंदु जागृति समिति, श्रीराम सेना और बजरंग दल जैसे संगठनों ने हिंदुओं से अपील की है कि वो सिर्फ और सिर्फ झटके का मीट खाएं जो हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार है। इसके अलावा कई संगठन मस्जिद की मीनार पर लगे लाउडस्पीकर हटाने की मांग कर रहे हैं। इस बारे में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसावराज बोमेई ने कहा कि अजान का मसला जबरदस्ती नहीं बल्कि सबसे बातचीत करके सुलझाया जाएगा।
मास्क पहनकर खुद मरीजों की लाइन में लगे डिप्टी सीएम,बृजेश पाठक

जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) उपमुख्यमंत्री व चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने मंगलवार को केजीएमयू लखनऊ का दौरा किया और मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं का निरीक्षण किया। स्टाफ को मरीजों के फोन न उठाने पर फटकार लगाई।उपमुख्यमंत्री व चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक मंगलवार को अचानक केजीएमयू पहुंच गए और सुविधाओं का निरीक्षण किया। वह मास्क लगाकर खुद लाइन में लग गए और पहले से मौजूद मरीजों से बातचीत कर वहां मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी ली। कुछ देर बाद कर्मचारी जब उन्हें पहचान गए तो वह आनन-फानन व्यवस्था दुरुस्त कराने में जुट गए।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने ओपीडी में बदइंतजामी पर नाराजगी जाहिर की। इसके साथ ही पंजीकरण के लिए केजीएमयू के नंबर पर फोन करने वाले मरीजों की कॉल रिसीव न होने पर जमकर फटकार लगाई।उन्होंने अगले 24 घंटे में व्यवस्था दुरुस्त करने की चेतावनी दी है। मंत्री ने निरीक्षण के दौरान कई बार पंजीकरण के लिए दिए गए नम्बर पर अपने फोन से कॉल की। हर बार नम्बर बिजी बताता रहा। इससे नाराज होकर वे प्रशासनिक अधिकारियों के साथ एक्सचेंज पहुंच गए। वहां सिर्फ दो लाइन पर बात हो रही थी। बाकी 10 लाइन खाली थीं। इस पर उनका गुस्सा फूट पड़ा।उन्होंने एजेंसी हटाने की भी चेतावनी दी साथ ही उन्होंने कहा कि अब एजेंसी को प्रति कॉल रिसीव करने के हिसाब से भुगतान किया जाए। इसके अलावा ओपीडी में कुर्सियों पर गंदगी और टूटी दिखाई देने पर नाराजगी जताई।मरीजों ने बताया कि वह सुबह से ही अपनी बारी का इंतजार कर रहे है पर नंबर नहीं आया। इसके अलावा कतार में लगाने की व्यवस्था तक देखने वाला कोई नहीं है। इस पर मंत्री का गुस्सा भड़क उठा। उन्होंने अधिकारियों पर नाराजगी जाहिर की और व्यवस्था सुधारने की चेतावनी दी।
रूस बोला- इमरान खान को मास्को दौरा करने की सजा दे रहा है अमेरिका

जायज़ा डेली न्यूज़ दिल्ली (संवाददाता) पाकिस्तान में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच रूस की भी एंट्री हो चुकी है। रूस ने इमरान खान के आरोपों का समर्थन करते हुए कहा है कि अमेरिका पाकिस्तान की राजनीति में हस्तक्षेप कर रहा है। रूस ने कहा है कि अमेरिका इमरान खान को मास्को दौरा करने की सजा दे रहा है।दरअसल इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को आरोप लगाया था कि वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक डोनाल्ड लू अविश्वास प्रस्ताव के जरिए उनकी सरकार को गिराने की ‘विदेशी साजिश’ में शामिल थे।
अब इसको लेकर रूस ने बयान दिया है। रूस ने कहा है कि पाकिस्तान के आंतरिक मामलों में अमेरिका ने “बेशर्मी से हस्तक्षेप करने का प्रयास” किया है। रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका ने “अवज्ञाकारी” इमरान खान को दंडित करने की मांग की है।एक बयान में, रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा कि रूस को पता चला है कि राष्ट्रपति डॉ आरिफ अल्वी ने प्रधानमंत्री की सलाह पर 3 अप्रैल को नेशनल असेंबली को भंग कर दिया। उन्होंने कहा, “इस साल 23-24 फरवरी को इमरान खान की मास्को की कामकाजी यात्रा की घोषणा के तुरंत बाद, अमेरिकियों और उनके पश्चिमी सहयोगियों ने प्रधानमंत्री पर कठोर दबाव डालना शुरू कर दिया था, यात्रा को रद्द करने के लिए एक अल्टीमेटम दिया भी दिया था।”रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा, “इन सबके बावजूद वे हमारे यहां आए, तब [लू] ने वाशिंगटन में पाकिस्तानी राजदूत को बुलाया और मांग की कि यात्रा तुरंत बाधित हो। उनकी (लू) मांग को भी खारिज कर दिया गया।जखारोवा ने कहा, “पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक इसी साल 7 मार्च को पाकिस्तानी राजदूत असद मजीद के साथ बातचीत में, एक उच्च पदस्थ अमेरिकी अधिकारी (संभवतः वही डोनाल्ड लू) ने यूक्रेन की घटनाओं पर पाकिस्तानी नेतृत्व की संतुलित प्रतिक्रिया की तीखी निंदा की और स्पष्ट किया कि अमेरिका के साथ साझेदारी तभी संभव है जब इमरान खान को सत्ता से हटा दिया जाए।” रूस ने कहा कि अब इसमें कोई संदेह नहीं है कि अमेरिकी इसीलिए इमरान को सजा दे रहा है।