जाएज़ डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) बिजली पर मचे हाहाकार मामले में UP पॉवर ऑफिसर्स एसोसिएशन भी कूदा और 4 बजे से कार्यबहिष्कार का ऐलान कर दिया है। जिससे जनता की मुसीबत बढ़ गई है। जहाँ एक तरफ यूपी में बिजली गुल होने के मामले को मुख्यमंत्री ने संज्ञान लेकर बैठक कर रहे तो वही बिजली कर्मचारी लागतार शक्ति भवन पर प्रदर्शन कर रहे, इनकी मांगे है पूर्वांचल बिजिली निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन कर रहै है, कर्मचारी नेताओ ने कहा है कि अगर किसी कर्मचारी पर कार्यवाही की गई तो सभी कर्मचारी जेल भरो आंदोलन शुरू करेंगे।
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लि. के निजीकरण के खिलाफ आंदोलनरत कार्मिकों के कार्य बहिष्कार को समाप्त कराने की कोशिशें देर रात विफल हो गईं। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा की उपस्थिति में जिन बातों पर सहमति बनी थी उनके जाने के बाद बात बिगड़ गई। अपर मुख्य सचिव व पावर कारपोरेशन के सीएमडी अरविंद कुमार ने समझौता पत्र पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने कार्य बहिष्कार जारी रखने का फैसला लिया है। अब अलग-अलग जिलों में लगभग 25 हजार कर्मचारी इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे।

सोमवार रात आठ बजे से ही शक्ति भवन में कार्य बहिष्कार समाप्त करने के लिए संघर्ष समिति के पदाधिकारियों तथा पावर कारपोरेशन के अधिकारियों की बैठक रात आठ बजे से चल रही थी। रात दस बजे सूचना आई कि समझौता हो गया और कार्य बहिष्कार समाप्त। इसके कुछ देर बाद ही यह सूचना आई कि सीएमडी ने हस्ताक्षर करने से मना किया, वार्ता विफल। वर्तमान व्यवस्था में ही सुधार करने की बातें थी समझौते में कई चक्र वार्ता के बाद यह तय हुआ था कि पूर्वांचल या किसी अन्य क्षेत्र के विघटन या निजीकरण का प्रस्ताव सरकार की तरफ से वापस लिया जाता है। वर्तमान व्यवस्था में ही विद्युत वितरण में सुधार की सार्थक कार्यवाही की जाएगी। कर्मचारियों व अभियंताओं को विश्वास में लिए बगैर कोई निजीकरण नहीं किया जाएगा। विद्युत वितरण में सुधार, राजस्व वसूली, बेहतर उपभोक्ता सेवा के लिए प्रयास किए जाएंगे।