आखिर बीजेपी को क्यों बनाना पड़ रही है हर विधानसभा से पांच हजार मुस्लिम वोट पाने की रणनीति
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) अब बीजेपी को बनाना पड़ रही है हर विधानसभा से पांच हजार मुस्लिम वोट पाने की रणनीति इस खबर से तो ये महसूस हो रहा है की बीजेपी को आगामी विधान सभा चुनाव मे वोट का संकट सत्ता रहा है। इस लिए अब भारतीय जनता पार्टी अब मुस्लिमों का ‘दिल जीतने की कोशिश’ करेगी। इसके लिए पार्टी का अल्पसंख्यक मोर्चा विशेष रणनीति बना रहा है। इसके तहत वह उत्तर प्रदेश सहित सभी चुनावी राज्यों में मुस्लिम समुदाय के लोगों के घर-घर तक पहुंचकर उन्हें केंद्र और यूपी सरकार की उन योजनाओं की जानकारी देगी। यह भी बताया जाएगा कि भाजपा को आज के शिखर तक पहुंचाने में उनके (मुस्लिम) समाज के नेताओं का कितना बड़ा योगदान रहा है। इसका उद्देश्य यह है कि अल्पसंख्यक समुदाय से भाजपा की वैचारिक दूरी को पाटा जा सके। लक्ष्य है कि उत्तर प्रदेश के हर विधानसभा सीट पर मुस्लिम समुदाय के कम से कम पांच हजार वोट हासिल किए जाएं, ताकि पार्टी की जीत सुनिश्चित हो। अल्पसंख्यक मोर्चा अब तक लगभग 20 राज्यों में टीम बना चुका है। भाजपा संगठन की दृष्टि से पूरे देश में 1200 से ज्यादा जिले हैं। इन सभी जिलों के अध्यक्ष बनाए जा रहे हैं। इनके नीचे तहसील स्तर पर पांच-पांच कार्यकर्ता बनाए जाएंगे। उत्तर प्रदेश जैसे चुनावी राज्यों में इन कार्यकर्ताओं के ऊपर 25-25 अल्पसंख्यक घरों तक पहुंचकर उन्हें अपने साथ जोड़ने का लक्ष्य रखा जाएगा। अनुमान है कि अगर एक परिवार में चार वोटर भी हैं तो एक तहसील से पांच सौ और एक विधानसभा क्षेत्र से पांच हजार अल्पसंख्यक वोटरों को जोड़ा जा सकेगा। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने प्रेस से बात करते हुए कहाकि पार्टी की स्थापना से लेकर आज तक पार्टी के हर बड़े फैसले में मुस्लिम नेताओं का प्रतिनिधित्व रहा है। सिकंदर बख्त से लेकर आज मुख्तार अब्बास नकवी-शाहनवाज हुसैन तक पार्टी के सभी महत्वपूर्ण निर्णयों के साक्षी रहे हैं। जमाल सिद्दीकी ने बताया कि अल्पसंख्यक समुदाय के बीच भाजपा की जो विशेष छवि बना दी गई है, उसे तोड़ना है। जनता को बताना है कि किस प्रकार नई सरकार ने उनके लिए काम किया है। हमें उम्मीद है अगर सही तरीके से चीजों को पेश किया जाएगा तो वैचारिक बदलाव आएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि को लेकर अल्पसंख्यक समुदाय में कुछ संदेह है। इसे कैसे दूर करेंगे? इस सवाल पर जमाल सिद्दीकी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार का एक भी काम किसी समुदाय के विरुद्ध नहीं रहा है। उन्होंने केवल गुंडे-बदमाशों पर कठोर कार्रवाई की है और ऐसा करते हुए उन्होंने समुदाय के नाम पर भेद नहीं किया है। बदमाश किसी भी समुदाय का रहा है, योगी आदित्यनाथ ने उन सबके साथ कठोरता बरती है। अगर उनके भगवा वस्त्र से किसी को परेशानी है तो मुस्लिमों को समझना चाहिए कि अजमेर शरीफ में इसी रंग की चादर सबसे ज्यादा चढ़ती है। ऐसे में उन्हें तो इसका शुक्रगुजार होना चाहिए कि सत्ता पर एक ऐसा व्यक्ति बैठा है जो हमेशा अपने साथ उसी रंग को रखता है जो ख्वाजा को सबसे ज्यादा पसंद रहा है। जमाल सिद्दीकी ने कहा कि हम बहुसंख्यक समुदाय के भीतर भी अल्पसंख्यक समुदाय को लेकर जो गलतफहमी है, उसे दूर करने की कोशिश करेंगे। जिससे समाज के दोनों बड़े धड़े मिलकर राष्ट्र निर्माण में सहायता दे सकें।

गाजीपुर बॉर्डर पर भाजपा समर्थकों से किसानों की भिड़ंत, तोड़फोड़, हंगामा, पथराव


जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) आज बीजेपी कार्यकर्ताओं ने किसानों पर पर हमला बोल दिया जिसके बाद गाजीपुर बार्डर पर किसानों और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच बुधवार को भिड़ंत हो गई।भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आरोप लगाया है कि बुधवार को ग़ाजीपुर बॉर्डर पर कुछ लोगों ने किसान आंदोलनकारियों पर हमला किया जिसमें कई किसान घायल हो गए। टिकैत के मुताबिक हमला करने वालों के हाथ में बीजेपी के झंडे थेटिकैत ने बताया कि इस मामले की पुलिस से शिकायत की गई है। बताया जा रहा है कि भाजपा कार्यकर्ता नवनियुक्त प्रदेश मंत्री अमित वाल्मीकि का स्‍वागत करने वहां पहुंचे थे लेकिन उसी दौरान बवाल शुरू हो गया। भाजपा कार्यकर्ताओं ने किसानों पर तोड़फोड़, हंगामे और पथराव का आरोप लगाया है। उधर किसान नेता राकेश टिकैत ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर किसानों के मंच पर कब्‍जा करने का आरोप लगाया और कहा कि पिछले तीन दिन से यहां पुलिस के संरक्षण में गड़बड़ी फैलाने की कोशिश की जा रही थी।

टिकैत ने यहां तक कहा कि कोई मंच पर कब्जा करने की कोशिश करेगा तो बक्कल उतार देंगे। उनको आना है तो बीजेपी छोड़ कर आ जायें। उन्‍होंने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ता पिछले तीन दिन से आ रहे हैं। पुलिस उन्हें संरक्षण दे रही है। पुलिस गुंडई छोड़ दे। बीजेपी की वर्कर न बने। आपको याद दिला दे की दिल्ली मे का और एनआरसी पर हो रहे प्रदर्शन मे कई बार भाजपा समर्थकों ने हमले किये थे। बताया जा रहा है कि किसानों और भाजपा समर्थकों के बीच बवाल के बाद हालात इतने खराब हो गए कि भाजपा नेता की गाड़ी को निकालने के लिए पुलिस को काफी मशक्‍कत करनी पड़ी।

किसान नेता राकेश टिकैत ने इस पूरी स्थिति के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस को जिम्‍मेदार ठहराते हुए कई गंभीर आरोप लगाए। उन्‍होंने कहा कि मंच सड़क पर है लेकिन इसका मतलब यह तो नहीं कि कोई भी मंच पर आ जाएगा। यदि मंच पर आना है तो भाजपा छोड़कर आएं। उन्‍होंने कहा कि यहां यह दिखाने की कोशिश की गई कि हमने गाजीपुर के मंच पर भाजपा का झंडा फहरा दिया। यह बिल्‍कुल गलत बात है। ऐसे लोगों के बक्‍कल उधेड़ देंगे। ये लोग फिर प्रदेश में कहीं नज़र नहीं आएंगे।इस बारे में भारतीय किसान यूनियन ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने आज सुनियोजित ढंग से गाजीपुर बार्डर पर फ्लाईवे के बीच मंच के पास भारी संख्‍या में जुटान की। उन्‍होंने अपने नेता के स्‍वागत के बहाने वहां ढोल बजाकर किसान आंदोलन के खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए। किसानों ने मना किया तो लाठी-डंडे से हमला बोल दिया। यूनियन ने भाजपा पर आंदोलन को तोड़ने की साजिश का आरोप लगाया। कहा हि आज गाजीपुर बार्डर पर की गई हिंसा इसका सबूत है। यूनियन ने किसानों से अपील की कि किसी के बहकावे में आए बगैर आंदोलन को बचाए रखें।

मुकुल गोयल यूपी के नए पुलिस महानिदेशक बने

मुकल गोयल।जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) 1987 बैच के आईपीएस मुकुल गोयल को यूपी का नया डीजीपी बनाया गया है। आईपीएस हितेश चंद्र अवस्थी गुरुवार को ही इस पद से रिटायर हुए हैं।मुकुल गोयल वर्तमान में भारत सरकार में एडीशनल डीजी ऑपरेशंस, बीएसएफ के पद पर तैनात हैं।बता दें आईपीएस हितेश चंद्र अवस्थी गुरुवार को ही डीजीपी के पद से रिटायर हुए हैं। इसके बाद डीजीपी का चार्ज एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार को दे दिया गया था।मंगलवार की शाम आईपीएस मुकुल गोयल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात भी की थी।प्रदेश के नए पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल यूपी के मुजफ्फरनगर के रहने वाले हैं। उन्होंने आईआईटी दिल्ली से बीटेक करने के बाद एमबीए भी किया। वह यूपी के आजमगढ़ जिले के पुलिस अधीक्षक और वाराणसी, गोरखपुर, सहारनपुर व मेरठ जिलों के एसएसपी रह चुके हैं। इसके अलावा वह कानपुर, आगरा, बरेली रेंज के डीआईजी और बरेली जोन के आईजी भी रह चुके हैं।मुकुल गोयल उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार में प्रदेश के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के पद पर भी तैनात रह चुके हैं। उन्हें मुजफ्फरनगर दंगों के दौरान अरुण कुमार को हटाकर एडीजी लॉ एंड ऑर्डर बनाया गया था। यूपी में 30 जून को डीजीपी समेत 21 पुलिस अफसर रिटायर हो गए। इनमें से 9 आईपीएस और 12 पीपीएस अफसर हैं। 21 पुलिस अफसरों में यूपी काडर और प्रांतीय पुलिस सेवा के अधिकारी शामिल थे रिटायर होने वाले आईपीएस अफसरों में 2 डीजी रैंक, 2 आईजी रैंक, 3 डीआईजी रैंक और 2 एसपी रैंक के अफसर हैं।

उत्तर प्रदेश में होगी लोकतांत्रिक क्रांति:अखिलेश यादव


जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दावा किया है कि उत्तर प्रदेश के अगले विधानसभा चुनाव में ‘लोकतांत्रिक क्रांति’ होगी। उन्होंने बुधवार को कहा कि ये क्रांति मौजूदा ‘विघटनकारी और नकारात्मक’ राजनीति के ख़िलाफ़ होगी। प्रदेश में विधानसभा चुनाव अगले साल यानी 2022 के शुरुआत में होने हैं। अखिलेश यादव ने प्रदेश की बीजेपी सरकार को हर मोर्चे पर नाकाम बताया है।अखिलेश यादव ने ट्विटर पर लिखा, “आज की विघटनकारी-रूढ़िवादी नकारात्मक राजनीति सत्ता के विरुद्ध एकजुट शोषित, उपेक्षित, उत्पीड़ित, अपमानित दलित, दमित, वंचित, ग़रीब, किसान, मज़दूर, महिला व युवाओं की ‘नयी राजनीति’ जन्म ले रही है. 2022 में उप्र में चुनाव नहीं लोकतांत्रिक क्रांति होगी।”अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी साल 2012 से 2017 तक प्रदेश की सत्ता पर काबिज थी लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने तीन सौ से ज़्यादा सीटें हासिल कर सरकार बनाई. समाजवादी पार्टी को सिर्फ़ 47 सीटें मिलीं. लेकिन इस बार वो साढे तीन सौ सीटें जीतने का दावा कर रहे हैं। अखिलेश ने कहा, “समाजवादी पार्टी 350 सीटें जीतेगी.” उत्तर प्रदेश विधानसभा में कुल 403 सीटें हैं। उन्होंने किसान आंदोलन को लेकर भी भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “ किसानों को बदनाम करके भाजपा के हाथ सालों तक कुछ नहीं आने वाला ।”अखिलेश यादव की पार्टी ने इस बार छोटे दलों से गठजोड़ करने का फ़ैसला किया है। अखिलेश यादव ने साल 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था। 2019 के लोकसभा चुनाव में वो मायावती की बहुजन समाज पार्टी के साथ चुनाव में उतरे थे लेकिन दोनों ही मौकों पर समाजवादी पार्टी को ज़्यादा फ़ायदा नहीं हुआ।

पहली बार UAE के दौरे पर पहुंचे इजरायल के मंत्री

israel foreign minister uae visitजायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता)इजरायल के किसी विदेश मंत्री के तौर पर यूएई का पहली बार दौरा करते हुए याइर लापिड ने कहा कि यह मध्य पूर्व के देशों के साथ संबंधों को सुधारने की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में अरब देशों के साथ संबंध सुधारने पर हमारा फोकस रहेगा। बीते साल संयुक्त अरब अमीरात और इजरायल के बीच शुरू हुए राजनयिक संबंध के बाद इजरायल के विदेश मंत्री का यह दौरा अहम है। यूएई के नेताओं से मीटिंग के दौरान इजरायल के विदेश मंत्री ने ईरान की न्यूक्लियर डील को लेकर भी बातचीत की। इजरायली विदेश मंत्री का यह यूएई दौरा ऐसे वक्त में हुआ है, जब अमेरिका ने ईरान और विश्व शक्तियों के बीच एक बार फिर से 2015 की न्यूक्लियर डील करने की बात कही है। इस बीच फलस्तीनी संगठन हमास ने इस दौरे की आलोचना करते हुए कहा कि इसके बाद इजरायल की ओर से गजा पट्टी पर हमले और तेज किए जा सकते हैं। इससे पहले 2018 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विएना में हुई डील से बाहर निकलने का फैसला लिया था। अमेरिका के इस फैसले का सऊदी अरब समेत कई अन्य देशों ने स्वागत किया था। लापिड ने यूएई दौरे को लेकर कहा, ‘यह ट्रिप शांति के मार्ग का अंत नहीं बल्कि शुरुआत है। मुझे उम्मीद है कि यह विजिट ऐतिहासिक होगी और आने वाले समय में कई और दोस्त आगे आएंगे और इस क्षेत्र में एक इतिहास बनेगा।’ बता दें कि यूएई और बहरीन ने बीते साल अब्राहम अकॉर्ड पर हस्ताक्षर करते हुए इजरायल के साथ संबंधों को सामान्य करने की शुरुआत की थी। इसके बाद मोरक्को और सूडान ने भी इस पैक्ट को चुना था। हालांकि इजरायल के विदेश मंत्री ने ईरान के खिलाफ अरब देशों को साथ लाने की कोशिश पर जवाब देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं ऐसी कोई बात नहीं करना चाहता, जिससे हमारे मेजबान को किसी तरह की परेशानी का सामना करना पड़े। बता दें कि यूएई के अपने दौरे में इजरायल के विदेश मंत्री ने अबू धाबी में अस्थायी दूतावास और दुबई में कौन्सुलेट का उद्घाटन किया है। इजरायल और यूएई ने इस मुलाकात को लेकर कहा कि उनके बीच फ्री ट्रेड अग्रीमेंट को लेकर बात हुई है। इससे पहले दोनों के बीच टूरिज्म, इनवेस्टमेंट और एनर्जी एवं टेक्नोलॉजी पर सहयोग को लेकर बात हुई है।

कनाडा में 50 डिग्री पहुँचा पारा,गर्मी से दम तोड़ रहे लोग
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता)कनाडा में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी की वजह से कई लोगों की मौत हो गई है।वैंकूवर में पुलिस के मुताबिक उन्हें शुक्रवार से 130 से ज़्यादा लोगों की अचानक मौत होने की ख़बर मिली है।इनमें से ज़्यादातर लोग बुजुर्ग या किसी बीमारी से जूझ रहे थे. इन दिक्कतों के साथ गर्मी को मौत की अतिरिक्त वजह माना जा रहा है। कनाडा में ब्रिटिश कोलंबिया के लिटन में मंगलवार को तापमान 49.6 डिग्री सेंटिग्रेट दर्ज किया गया। ये लगातार तीसरा दिन था जब सबसे ज़्यादा तापमान का नया रिकॉर्ड बना।अमेरिका के उत्तर पश्चिम इलाक़े में भी रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ रही है।वहां भी कई मौतें होने की ख़बर मिली है।विशेषज्ञों की राय है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से ‘हीटवेव’ जैसी मौसम की प्रतिकूल स्थितियों का लगातार सामना करना पड़ सकता है. हालांकि किसी एक घटना को ग्लोबल वॉर्मिंग से जोड़ना थोड़ा जटिल बात होगी।कनाडा और अमेरिका के पश्चिमी हिस्से में गर्मी की वजह कैलिफोर्निया और आर्कटिक क्षेत्र से आने वाली गर्म हवा की वजह से बना दबाव है. तटीय इलाकों में तापमान थोड़ा कम हुआ है लेकिन जो इलाक़े समुद्र से दूर हैं, वहां तुरंत राहत मिलने के आसार नहीं हैं।

 

 

 

 

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