जायज़ा डेली न्यूज़ दिल्ली इसराइल और यूएई के समझौते को लेकर तुर्की ने अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की है। तुर्की ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात को इतिहास कभी माफ़ नहीं करेगा।तुर्की ने कहा कि यह यूएई का पाखंडपूर्ण व्यवहार है। तुर्की के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इतिहास और क्षेत्र के लोगों की अंतरात्मा इसराइल के साथ समझौते पर संयुक्त अरब अमीरात के ‘ढोंगी व्यवहार’ को कभी नहीं भूल पाएगी क्योंकि अपने हितों के लिए उसने यह निर्णय लिया है। एक लिखित बयान में कहा गया है कि ‘फ़लस्तीनी लोग और प्रशासन इस समझौते के ख़िलाफ़ एक सख़्त प्रतिक्रिया देने को लेकर सही थे।”ये बेहद चिंताजनक है, यूएई को अरब लीग द्वारा विकसित ‘अरब शांति योजना’ के साथ चलना चाहिए था. यह ज़रा भी विश्वसनीय नहीं है कि इस तीन-तरफ़ा घोषणा को फ़लस्तीनी लोगों के फ़ायदे का बताया जा रहा है.”। तुर्की के इसराइल के साथ राजनयिक और व्यापारिक संबंध हैं, लेकिन वर्षों से ये संबंध तनावपूर्ण हैं। 2010 में इसराइल के सैनिकों ने ग़ज़ा पट्टी पर एक नाकाबंदी को तोड़ने की कोशिश कर रहे 10 तुर्क कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी थी जो फ़लस्तीनी इस्लामवादी आंदोलन- हमास द्वारा शासित है।