तालिबान का अफ़ग़ानिस्तान पर क़ब्ज़ा,देश छोड़कर ताजिकिस्तान पहुंचे राष्ट्रपति अशरफ गनीऔर उपराष्ट्रपति अमीरुल्लाह सालेह,अमेरिका ने अपना दूतावास काबुल एयरपोर्ट पर शिफ़्ट कर दिया

तालिबान का खौफ! काबुल छोड़ भाग रहे लोग, अफरा-तफरी का मंजर
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान पर क़ब्ज़ा कर लिया है राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी और उपराष्ट्रपति अमीरुल्लाह सालेह ने देश छोड़ दिया है।अफगानिस्तान पर 20 साल के बाद एक बार फिर तालिबान का कब्जा हो गया है। उसने देश के राष्ट्रपति भवन पर भी कब्जा जमा लिया है। टोलो न्यूज के मुताबिक, यहां सत्ता हस्तांतरण की प्रकिया भी पूरी हो गई है। राष्ट्रपति अशरफ गनी ने तालिबान को सत्ता सौंप दी है।

सूत्रों के मुताबिक, नई अंतरिम सरकार के अंतरिम प्रमुख के रूप में अली अहमद जलाली का नाम सबसे आगे चल रहा है। खबर यह भी आ रही है कि राष्ट्रपति गनी ने देश छोड़ दिया है। माना जा रहा है कि गनी ताजिकिस्तान जा रहे हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि अमेरिका ने अफ़गानिस्तान स्थित अपना दूतावास काबुल एयरपोर्ट पर शिफ़्ट कर दिया है।उन्होंने अफग़ानिस्तान के मौजूदा हालात की वियतनाम युद्ध से तुलना किए जाने पर भी आपत्ति जताई है।इस बीच ताज़ा मिली जानकारी के मुताबिक़ अफ़गानिस्तान में अमेरिका के वरिष्ठ राजनायिक रॉस विल्सन ने दूतावास छोड़ दिया है। एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि विल्सन को काबुल एयरपोर्ट पहुँचाया गया। दूतावास की इमारत पर लगा झंडा भी उतारकर एयरपोर्ट ले जाया गया है और बाद में इसे भी अफ़गानिस्तान से हटा लिया जाएगा। वहीं, कुछ तालिबानी सूत्रों के मुताबिक, काबुल की पुलिस आत्मसमर्पण करने लगी है। वह अपने हथियार तालिबान को सौंप रही है। इससे पहले आंतरिक और विदेश मामलों के कार्यवाहक मंत्रियों अब्दुल सत्तार मिर्जाकवाल ने अलग-अलग वीडियो क्लिप में आश्वासन दिया कि काबुल के लोगों को सुरक्षित किया जाएगा, क्योंकि वे अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ शहर की रक्षा कर रहे हैं। 


इस बीच तालिबान के लड़ाके काबुल शहर के भीतर दाख़िल हो रहे हैं।तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने से कहा अफ़गानिस्तान में तालिबान किसी से बदला नहीं लेगा। शाहीन ने कहा कि वो अफ़ग़ानिस्तान के लोगों के सेवक हैं। तालिबान ने अपने लड़ाकों को हिंसा से बचने का हुक्म दिया और कहा कि जो लोग जाना चाहते हैं उन्हें सुरक्षित तरीक़े से जाने दें। स्थानीय पत्रकार बिलाल सरवरी ने उन दो अफ़ग़ान लोगों से बात की है जो तालिबान से सीधी बातचीत में शामिल थे। उनका कहना था कि समझौते के तहत राष्ट्रपति भवन में सत्ता हस्तांतरण का समारोह होना था जिसमें ग़नी मौजूद रहते लेकिन वो और उनके सहयोगी इसकी जगह देश छोड़कर चले गए।सहयोगियों का कहना है,“राष्ट्रपति भवन के कर्मचारियों को कथित तौर पर भवन छोड़ने के लिए कहा गया था और वो ख़ाली हो चुका था।”तालिबान ने बाद में समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा कि तालिबान ने अफ़गानिस्तान पर क़ब्ज़ा कर लिया है।इसी बीच तालिबान ने एक बयान जारी कर कहा है कि उसके लड़ाके अधिकारिक तौर पर काबुल के इलाक़ों में दाख़िल हो रहे हैं और दफ्तरों के कब्ज़े ले रहे हैं।राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा था कि वो काबुल की सुरक्षा के लिए सैन्यबलों को संगठित कर रहे हैं और जो प्रगति बीते बीस साल में की गई है उसे गंवाएंगे नहीं।मगर इसके बाद बीती रात तालिबान ने बेहद तेज़ी से आगे बढ़ते हुए पहले तो उत्तर के गढ़ मज़ार-ए-शरीफ़ पर कब्ज़ा किया और फिर बिना किसी ख़ास प्रतिरोध के जलालाबाद और दूसरे शहरों को पर भी कब्ज़ा कर लिया।तालिबान ने अपनी ताक़त को इतना बढ़ा लिया कि राष्ट्रपति गनी के पास कोई विकल्प ही नहीं रहा।अमेरिका भी उनसे पद छोड़ने और अंतरिम प्रशासन नियुक्त करने के लिए कहा रहा था।अधिकारिक तौर पर शहर में दाख़िल हो रहा तालिबान ने एक बयान जारी करके कहा है कि वह काबुल की शांति व्यवस्था बनए रखने के लिए अधिकारिक तौर पर काबुल में दाख़िल हो रहे हैं।काबुल के कई इलाक़ों में चोरी और लूटपाट की खबरों के बाद तालिबान ने कहा है कि उसके लड़ाके अराजक तत्वों को रोकने के लिए शहर में दाख़िल हो रहे हैं।तालिबान ने अपने लड़ाकों को निर्देश दिया है कि आम लोगों को परेशान न किया जाए और किसी के घर में दाख़िल न हुआ जाए।इससे पहले तालिबान ने कहा था कि वो काबुल के सभी लोगों के जान और माल की सुरक्षा की गारंटी लेते हैं।तालिबान ने ये भी कहा है कि जो लोग शहर छोड़कर जाना चाहते हैं, उन्हें जाने दिया जाए।

 

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