जायजा डेली न्यूज़ लखनऊ  (संवाददाता) जम्मू और कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की रिहाई का फैसला किया गया है!जम्मू और कश्मीर प्रशासन के प्रवक्ता रोहित कंसल ने कहा कि पीडीपी अध्यक्ष को हिरासत से रिहा किया जा रहा है!महबूबा की बेटी इल्तिजा ने ट्वीट कर लिखा, “अब मिस मुफ्ती की गैरक़ानूनी हिरासत आखिरकार ख़त्म हुई. इस मुश्किल घड़ी में जिन लोगों ने मेरा साथ दिया, उनका शुक्रिया! मैं कई लोगों की कर्ज़दार हूं!”मुफ़्ती को पिछले साल (2019) पाँच अगस्त को हिरासत में लिया गया था जब भारत की केंद्र सरकार ने भारतीय संविधान की धारा 370 के तहत जम्मू-कश्मीर राज्य को मिलने वाले विशेष दर्जे को समाप्त करने का फ़ैसला किया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख़ में बांट दिया था।महबूबा की बेटी इल्तिजा मुफ़्ती ने अपनी मां को बंदी बनाए जाने के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से पूछा था कि महबूबा को कब तक हिरासत में रखा जा सकता है।पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह और उनके पिता फ़ारूक़ अब्दुल्लाह भी पिछले साल अगस्त में नज़रबंद किए गए थे, वो पहले ही रिहा हो चुके हैं।

मेरे हिंदुत्व को आपके सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है उद्धव ठाकरे का महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी  को जवाब

जायजा डेली न्यूज़  लखनऊ (संवाददाता) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को एक पत्र के जवाब में लिखा है, “मेरे हिंदुत्व को आपके सर्टिफिकेट की ज़रूरत नहीं है.”ठाकरे ने ऐसा राज्यपाल के उस पत्र के जवाब में लिखा जिसमें उन्होंने पूछा था कि राज्य में मंदिर क्यों नहीं खोले जा रहे.मंदिरों को खोलेने को लेकर प्रतिबंध बढ़ाएं जाने पर राज्यपाल ने पत्र लिखकर पूछा था, “क्या आपने हिंदुत्व छोड़ दिया है और धर्मनिरपेक्ष हो गए हैं?”ठाकरे ने लिखा कि उनके हिंदुत्व को राज्यपाल के प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं है.राज्य में मंदिरों को खोलने को लेकर राजनीति तेज़ हो गई है. बीजेपी समेत कुछ और पार्टियां मंदिरों को खोलने की मांग कर रही हैंहालांकि राज्य सरकार ने कोरोना को देखते हुए अभी इसपर कोई फ़ैसला नहीं लिया है.अब इसे लेकर राज्यपाल औऱ मुख्यमंत्री के बीच तनाव बढ़ता दिख रहा है.12 अक्तूबर को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मंदिर खोलने पर लगे बैन को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक चिट्ठी लिखी.चिट्ठी में उन्होंने सावधानी बरतते हुए राज्य के सभी धार्मिक स्थलों को खोलने का आग्रह किया”आप हमेशा ही हिंदुत्व की आवाज़ रहे हैं. आपने मुख्यमंत्री बनने के बाद अयोध्या में राम मंदिर जाकर अपनी श्रद्धा का परिचय दिया था. मैं सोच रहा हूं कि क्या आपको दिव्य ज्ञान मिला है जिस कारण से आप धार्मिक स्थलों को खोलने की सीमा बढ़ाते जा रहे हैं, और क्या आप अचानक से खुद भी ‘सेक्युलर’ हो गए है, वो एक शब्द जिससे आप नफ़रत करते थे.पत्र का जवाब देते हुए उद्धव ने लिखा, “मेरे हिंदुत्व को आपके प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं है… क्या आप अचानक से खुद भी ‘सेक्युलर’ हो गए हैं, आपको ऐसा सवाल क्यों पूछना है? क्या यह आपको स्वीकार्य नहीं है?”””यही नहीं, मुझे इस संकट से लड़ते समय कुछ दिव्य ज्ञान ज़रूर मिला है…देश की परिस्थिति को देखते हुए, मैं महाराष्ट्र में हर संभव कोशिश कर रहा हू.”

 

 

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