लखनऊ को सौगातों वाली होर्डिंग्स और पोस्टरों से अटल जी की तस्वीर गायब, राजनाथ सिंह ने मंच से जताई नाराजगी
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) राजधानी लखनऊ को मंगलवार को हजारों करोड़ की सौगात मिली। रक्षामंत्री और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में 1710 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इस दौरान सभी होर्डिंग्स और पोस्टरों से पूर्व प्रधानमंत्री और लखनऊ के सांसद रहे भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीरें नदारत रहना राजनाथ सिंह को नागवार गुजरा। उन्होंने मंच से ही अपनी नाराजगी का इजहार भी कर दिया। राजनाथ सिंह ने यहां तक कह दिया कि भविष्य में होर्डिंग में मेरी फोटो भले मत लगाइये लेकिन अटल जी की होनी चाहिए।चौक के ज्योतिबा फुले पार्क में आयोजित समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज लखनऊ में भाषण देने नहीं आया हूं, लेकिन नये लखनऊ को देखने जरूर आया हूं। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी की फोटो गायब होने पर कहा कि यह तो ठीक नहीं है। ऐसा नहीं होना चाहिए था। उन्होंने कहा कि इतने बड़े आयोजन के बाद भी आज मुझे एक कमी जरूर खली। मैं एयरपोर्ट से चला तो मैने बहुत सी होर्डिंग्स देखी, लेकिन लखनऊ में पोस्टर से अटल जी का चित्र गायब मिला। इतना ही नहीं यहां मंच पर भी लगे होर्डिंग में अटल जी का चित्र नहीं है। उनका चित्र जरूर लगा होना चाहिए। बिना अटल जी के हम तो लखनऊ की कल्पना भी नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि दुनिया के दूसरें देशों में आज भी अटल जी का आदर किया जाता है। अटल जी तो लखनऊवासियों के दिल में बसते हैं। मेरी फोटो भले न लगाइये लेकिन भविष्य में होर्डिंग व बैनर में अटल जी की फोटो अवश्य होनी चाहिए। आयोजन के सभी होर्डिंग्स व पोस्टर्स में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व डॉ. दिनेश शर्मा के ही फोटो लगे थे। लखनऊ में 1710 करोड़ की 180 योजनाओं के लोकार्पण व शिलान्यास कार्यक्रम में राजनाथ सिंह ने 396 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास और 1314 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण किया। राजनाथ सिंह ने कहा कि यहां पर मैं बस लखनऊ पर बात करना चाहता हूं। देश का नंबर वन कैसे बने लखनऊ बस यही बात करना चाहता हूं।राजनाथ सिंह ने होर्डिंग्स और पोस्टरों से अलट जी की तस्वीर गायब होने का मामला उठाया तो एक और गलती नजर आ गई। समारोह में कई जगह पर उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा की फोटो के नीचे लखनऊ की महापौर संयुक्ता भाटिया का नाम लिखा था। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रात्रिकालीन कर्फ्यू को प्रभावी बनाने के निर्देश दिए हैं।
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ (संवाददाता) मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद रात 10 बजे तक बाजार बंद कराए जा रहे हैं। सड़कों पर अनावश्यक घूमते लोगों के साथ सख्ती भी की जा सकती है। रात नौ बजे से ही पुलिस टीम हूटर बजाकर अथवा लाउडस्पीकर के माध्यम से लोगों को 10 बजे तक घर जाने की अपील करेगी। इसके साथ ही अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में इलाज व्यवस्था को बेहतर करने का काम भी तेजी से जारी है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अमेठी, बागपत, बांदा, बस्ती, बिजनौर, चित्रकूट, देवरिया, एटा, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, गोण्डा, हमीरपुर, हरदोई, जौनपुर, कानपुर देहात, महोबा, मऊ, मुजफ्फनगर, पीलीभीत, रामपुर, संतकबीरनगर, सीतापुर और उन्नाव में अब कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है। ये जिले कोविड संक्रमण से मुक्त हैं। पिछले 24 घंटे में 1.87 लाख कोविड सैम्पल की जांच की गई और 21 नए मरीज मिले। हालांकि 62 जिलों में संक्रमण का एक भी नया केस नहीं पाया गया। मात्र 13 जिलों में इकाई अंक में मरीज पाए गए। इसी अवधि में 17 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। वर्तमान में प्रदेश में एक्टिव कोविड केस की संख्या 300 से भी कम रह गई है। आज प्रदेश में कोरोना के कुल 269 मरीज हैं। प्रदेश में अब तक 7.21 करोड़ कोविड सैम्पल की जांच की जा चुकी है और 16.86 लाख प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं। इसके विपरीत केरल में बीते 24 घंटे में 29836 तो महाराष्ट्र में 4666 नए मरीज पाए गए। उत्तर प्रदेश में कोरोना की रिकवरी दर 98.6 प्रतिशत है।

नोएडा में ध्वस्त होंगी दो 40 मंजिला इमारतें:सुप्रीम कोर्ट का आदेश


जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को रियल एस्टेट कंपनी सुपरटेक को एक बड़ा झटका देते हुए कंपनी द्वारा नोएडा में अपने एक हाउसिंग प्रोजेक्ट में बनाए गए दो 40-मंजिल टावरों को ध्वस्त करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अपने फैसले में कहा कि इन टावरों का निर्माण नोएडा प्राधिकरण और सुपरटेक के अधिकारियों के बीच मिलीभगत का परिणाम था।जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि नोएडा सेक्टर-93 में सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट में लगभग 1,000 फ्लैटों वाले ट्विन टावरों का निर्माण नियमों का उल्लंघन करके किया गया था और सुपरटेक द्वारा इन्हें अपनी लागत पर तीन महीने की अवधि के भीतर तोड़ा जाना चाहिए। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक को इन ट्विन टावरों के सभी फ्लैट मालिकों को 12% ब्याज के साथ रकम वापस करने का भी आदेश दिया है।बेंच ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2014 के फैसले को बरकरार रखा और सुपरटेक को एक एक्सपर्ट बॉडी की देखरेख में इन टावरों को गिराने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कंपनी को दो महीने के भीतर सभी फ्लैट खरीददारों को रक वापस करने के लिए कहा है, इसके अलावा रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन को 2 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा है, जिसने अवैध निर्माण के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व किया।हाईकोर्ट के 2014 के फैसले के पक्ष और विपक्ष में घर खरीददारों की ओर से दायर कई याचिकाओं पर आज यह फैसला आया है। 11 अप्रैल 2014 को, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चार महीने के भीतर दोनों इमारतों को ध्वस्त करने और फ्लैट खरीददारों को पैसे वापस लौटाने का आदेश दिया था। रियल स्टेट फर्म के अपील में जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले पर रोक लगा दी थी।सुप्रीम कोर्ट ने 4 अगस्त को एक हरित क्षेत्र में रियल एस्टेट डेवलपर सुपरटेक के दो आवासीय टावरों को मंजूरी देने और फिर सूचना के अधिकार को अवरुद्ध करने में “शक्ति के चौंकाने वाले इस्तेमाल” के लिए नोएडा प्राधिकरण को फटकार लगाते हुए भवन योजना के बारे में फ्लैट खरीददारों के अनुरोध वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण को भी नगर निगम और अग्नि सुरक्षा मानदंडों के उल्लंघन में 40-मंजिला टावरों के अवैध निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए बिल्डर के साथ मिलीभगत करने के लिए कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि नोएडा प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित 2009 की मंजूरी योजना अवैध थी क्योंकि इसने न्यूनतम दूरी मानदंड का उल्लंघन किया था और यह कि योजना को फ्लैट खरीददारों की सहमति के बिना भी मंजूरी नहीं दी जा सकती थी।नोएडा प्राधिकरण ने बहुत देर से शिकायत करने के लिए घर खरीददारों को दोषी ठहराया था, इस पर सुप्रीम कोर्ट ने प्राधिकरण से कहा था, “जिस तरह से आप बहस कर रहे हैं, ऐसा लगता है कि आप प्रमोटर हैं। आप घर खरीदने वालों के खिलाफ नहीं लड़ सकते। एक सार्वजनिक प्राधिकरण के रूप में, आपको तटस्थ रुख अपनाना होगा। आपका आचरण आंख, कान और नाक से टपकते भ्रष्टाचार को दर्शाता है और आप घर खरीदने वालों में दोष खोजने की कोशिश कर रहे हैं।

करणी सेना चीफ और महंत नरसिंहानंद पर कसेगा शिकंजा? अदालत ने FIR दर्ज करने को लेकर दिल्ली पुलिस से मांगी एक्शन टेकन रिपोर्ट

करणी सेना चीफ और महंत नरसिंहानंद पर कसेगा शिकंजा? अदालत ने FIR दर्ज करने को लेकर दिल्ली पुलिस से मांगी एक्शन टेकन रिपोर्ट
जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता) दिल्ली की एक अदालत ने करणी सेना प्रमुख सूरज पाल अम्मू और डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ मुस्लिम समुदाय के ‍‍विरुद्ध कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के लिए एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली पुलिस से एक्शन टेकन रिपोर्ट (एटीआर) मांगी है।मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट रजत गोयल ने पुलिस को यह जवाब देने का निर्देश दिया कि क्या शिकायतकर्ता फैजल अहमद खान ने दोनों के खिलाफ कोई शिकायत की है और पूछा कि इस पर क्या कार्रवाई की गई। साथ ही जांच की स्थिति और एफआईआर दर्ज किए जाने के बारे में भी जानकारी मांगी गई है। पेशे से कानून के शिक्षक शिकायतकर्ता ने अदालत से जामिया नगर पुलिस स्टेशन के एसएचओ को अम्मू और नरसिंहानंद के खिलाफ दंगा भड़काने के प्रयास में विघटनकारी टिप्पणी करने के लिए एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है।एसएचओ ने इस बात से इनकार कर दिया था कि उन्हें अम्मू और यति नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की शिकायत मिली है, जिसके बाद खान ने अदालत में याचिका दायर की।वकील सरीम नावेद, कामरान जावेद और अंशु डावर के माध्यम से दायर एक आपराधिक शिकायत में फैजल अहमद खान ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा में इस साल की शुरुआत में दोनों के द्वारा कथित रूप से सांप्रदायिक टिप्पणियां किए जाने की बात कही है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि अम्मू ने 30 मई को हरियाणा के इंद्री शहर में एक महापंचायत में भीड़ से मुस्लिम समुदाय के लोगों को अपना दुश्मन मानने का आग्रह किया और उन्हें उनके खिलाफ हिंसक कार्रवाई करने के लिए उकसाया। इसके अलावा, शिकायतकर्ता ने डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद के खिलाफ उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में कथित तौर पर यह कहने के लिए एफआईआर दर्ज करने की मांग की कि कुछ शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ने वाले लोग “भारत के संविधान के प्रति सच्ची आस्था और निष्ठा नहीं रख सकते हैं या भारत की संप्रभुता और अखंडता को बनाए नहीं रख सकते हैं।खान ने आगे आरोप लगाया कि आरोपी ने जानबूझकर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया इस्लामिया जैसे प्रमुख केंद्रीय विश्वविद्यालयों का अपमान किया, स्पष्ट रूप से मुस्लिम समुदाय को लक्षित करने का लक्ष्य रखा क्योंकि ये संस्थान मुस्लिम समुदाय से लोकप्रिय रूप से जुड़े हुए हैं।

अफगानिस्तान मे खत्म हुआ निकासी अभियान:पाकिस्तान ने कहा जल्दी बनेगी तालिबान की सरकार


जायज़ा डेली न्यूज़ नई दिल्ली (संवाददाता)अफगानिस्तान से अमेरिका के निकासी अभियान की समयसीमा से एक दिन पहले रवाना होने के बाद तालिबान के शीर्ष कमांडरों ने जश्न मनाया। यूएस सेंट्रल कमान के प्रमुख मेजर जनरल फ्रैंक मैकनीज ने आखिरी विमान के उड़ान भरने के बाद इसकी घोषणा की। 30 अगस्त को तीन बजे आखिरी अमेरिकी विमान सी-17 ग्लोब मास्टर ने काबुल एयरपोर्ट से उड़ान भरी। दूसरी तरफ धुआंधार गोलीबारी, आतिशबाजी करके तालिबान समर्थकों ने खुशी जाहिर की। तालिबानी लड़ाकों ने एयरपोर्ट पर कब्जा करके वहां तालिबान का झंडा फहराया और इसके साथ ही तमाम सवाल अनुत्तरित रह गए। अब जिन देशों को अपने नागरिक निकालने हैं,उन्हें तालिबान से ही संपर्क,संबंध रखना होगा। इधर,अब तालिबान सरकार को लेकर बनी अनिश्चितता के बीच मंगलवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान में कुछ दिनों के भीतर सरकार बन जाएगी।शाह महमूद कुरैशी ने इस्लामाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले दिनों में अफगानिस्तान में आम सहमति की सरकार बनेगी।” विदेश मामलों के जानकार वरिष्ठ पत्रकार रंजीत कुमार कहते हैं कि फिलहाल अफगानिस्तान से इस तरह से अमेरिका के जाने के बाद वहां सत्ता की सजी हुई थाली तालिबान के हाथ में हैं। इसे तालिबान के शासन का विरोध करने वाले गुटों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। एसके शर्मा कहते हैं कि तालिबान के पास पाकिस्तान, रूस, चीन, तुर्की, सऊदी अरब, ईरान और कतर का समर्थन है। मुझे लग रहा है कि अब आने वाले समय में कुछ और देश भी तालिबान की सरकार बनने के बाद कामकाजी रिश्ते बनाने के लिए मजबूर होंगे।इसका सबसे बड़ा कारण अफगानिस्तान में तालिबान के शासन को लेकर अमेरिका का रवैया होगा। अमेरिका वहां किसी टकराव, तनाव मोल लेने के मूड में नहीं दिखाई दे रहा है। विदेश मंत्रालय से कुछ समय पहले अवकाश प्राप्त वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि व्यापार, कारोबार के रूट पर तालिबान अपनी पकड़ा रहा है। काबुल उसके कब्जे में आ चुका है। कुंदुज, जलालाबाद, हेरात, मजारे शरीफ, कंधार समेत अन्य हिस्सों के बारे में जो खबरें आ रही हैं उससे यही लग रहा है कि तालिबानी कमांडर सत्ता में साझेदारी के साथ वहां जल्द ही सरकार स्थायी बनाने का निर्णय लेंगे। जब एक बार सरकार बन जाती है, तो बिना किसी बड़े घटनाक्रम के लंबे समय तक चलती है। प्रो. एसडी मुनि का भी कहना है कि यदि अमेरिका के ट्विन टावर पर आतंकी हमला न हुआ होता और उसने अफगानिस्तान पर हमला न किया होता तो तालिबान की पिछली सरकार भी चलती रहती।अमेरिका ने तालिबान से आखिरी उड़ान भरने के बाद सफाई दी है कि यदि उनके सैनिक 10 दिन और तालिबान में रहते तब भी जिन नागरिकों को बाहर निकालना था, उन्हें नहीं निकाल पाते। लोग फिर भी निराश होते और यह एक कठिन स्थिति होती। अमेरिका के इस बयान में उसकी मजबूरी, हताशा, हार तीनों साफ दिखाई दे रही है। भारत जैसे उन देशों के लिए बड़ा झटका है जो दुनिया की महाशक्ति के विश्वास पर अफगानिस्तान के निर्माण में अपना योगदान दे रहे थे।अफगानिस्तान में तालिबान के लड़ाकों के पास अमेरिका के छोड़े अत्याधुनिक हथियार, साजो सामान हैं। अमेरिकी सैनिकों द्वारा छोड़े गए बख्तरबंद वाहन, चिनूक हेलीकाप्टर, गुणवत्ता की राइफलें समेत सब कुछ। प्रो. एसडी मुनि कहते हैं कि उनके पास हथियार हैं। उनका अभी तक का इतिहास सभी को पता है। वह अपने देश में इस्लामिक कानून लागू करने की घोषणा पहले ही कर चुके हैं। हां, पिछली बार सरकार चलाने के तरीके से वह सबक लेकर कुछ बदलाव के साथ अफगानिस्तान में भविष्य के शासन की रूपरेखा बना सकते हैं। यह देखने वाली बात होगी। फिलहाल अभी स्थिति बहुत साफ नहीं है। एनबी सिंह का कहना है कि अमेरिका के जाने के बाद अगले एक सप्ताह में वहां कुछ बड़े बदलाव होने की उम्मीद है। इसी पता चल सकेगा कि आगे की स्थितियां कौन सा आकार लेंगी।

 

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