बाबरी मस्जिद थी और रहेगी:ओवैसी
लोकसभा सांसद और ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लीमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि बाबरी मस्जिद थी और रहेगी।वहीं एक दिन पहले ही ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने प्रेस रिलीज़ जारी कर कहा कि बाबरी मस्जिद हमेशा एक मस्जिद रहेगी। इस बयान को ट्वीट करते हुए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने लिखा है। हागिया सोफ़िया हमारे लिए बड़ा उदाहरण है। दिल तोड़ने की ज़रूरत नहीं, स्थितियाँ हमेशा के लिए एक जैसी नहीं रहती हैं।

राहुल गांधी ने भी जारी किया संदेश
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम सर्वोत्तम मानवीय गुणों का स्वरूप हैं। वे हमारे मन की गहराइयों में बसी मानवता की मूल भावना हैं। राम प्रेम हैं ,वे कभी घृणा में प्रकट नहीं हो सकते,राम करुणा हैं,वे कभी क्रूरता में प्रकट नहीं हो सकते,राम न्याय हैं,वे कभी अन्याय मे प्रकट नहीं हो सकते।

 

भूमि पूजन से पहले अखिलेश यादव का ट्वीट
भूमि पूजन से पहले अखिलेश यादव का ट्वीट किया ट्विटर पर जय सिया राम के साथ ये लिखा
‘जय महादेव जय सिया-राम जय राधे-कृष्ण जय हनुमान,भगवान शिव के कल्याण, श्रीराम के अभयत्व व श्रीकृष्ण के उन्मुक्त भाव से सब परिपूर्ण रहें!आशा है वर्तमान व भविष्य की पीढ़ियां भी मर्यादा पुरूषोत्तम के दिखाए मार्ग के अनुरूप सच्चे मन से सबकी भलाई व शांति के लिए मर्यादा का पालन करेंगी।

 

जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ /अयोध्या (संवाददाता) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहाकि ये दिन करोड़ों रामभक्तों के संकल्प की सत्यता का प्रमाण है। वह आज यहाँ राम मन्दिर भूमि पूजन के अवसर पर सम्बोधित कर रहे थी ।उन्होने कहा आज का ये दिन सत्य, अहिंसा, आस्था और बलिदान को न्यायप्रिय भारत की एक अनुपम भेंट है। इसी मर्यादा का अनुभव हमने तब भी किया था जब माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। हमने तब भी देखा था कि कैसे सभी देशवासियों ने शांति के साथ, सभी की भावनाओं का ध्यान रखते हुए व्यवहार किया था । आज भी हम हर तरफ वही मर्यादा देख रहे हैं ।कोरोना से बनी स्थितियों के कारण भूमिपूजन का ये कार्यक्रम अनेक मर्यादाओं के बीच हो रहा है,श्रीराम के काम में मर्यादा का जैसा उदाहरण प्रस्तुत किया जाना चाहिए, देश ने वैसा ही उदाहरण प्रस्तुत किया है। जैसे पत्थरों पर श्रीराम लिखकर रामसेतु बनाया गया, वैसे ही घर-घर से,गांव-गांव से श्रद्धापूर्वक पूजी शिलाएं, यहां ऊर्जा का स्रोत बन गई हैं। देश भर के धामों और मंदिरों से लाई गई मिट्टी और नदियों का जल, वहां के लोगों,वहां की संस्कृति और वहां की भावनाएं,आज यहां की शक्ति बन गई हैं। जिस तरह दलितों-पिछ़ड़ों-आदिवासियों, समाज के हर वर्ग ने आजादी की लड़ाई में गांधी जी को सहयोग दिया। उसी तरह आज देशभर के लोगों के सहयोग से राम मंदिर निर्माण का ये पुण्य-कार्य प्रारंभ हुआ है, इस मंदिर के साथ सिर्फ नया इतिहास ही नहीं रचा जा रहा, बल्कि इतिहास खुद को दोहरा भी रहा है।खास बात ये है कि उन्होंने श्रीराम ने सामाजिक समरसता को अपने शासन की आधारशिला बनाया था जिससे प्रजा का विश्वास प्राप्त किया। यहां तक कि एक गिलहरी की महत्ता को भी उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया। राम प्रजा से एक समान प्रेम करते हैं लेकिन गरीबों और दीन-दुखियों पर उनकी विशेष कृपा रहती है। भारत की आस्था में राम हैं, भारत के आदर्शों में राम हैं,भारत की दिव्यता में राम हैं, भारत के दर्शन में राम है।

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