जायज़ा डेली न्यूज़ दिल्ली (संवाददाता )केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए कहा है कि अब स्कूल अभिभावकों की मर्ज़ी से ही खोले जा सकेगे ।कोरोना संकट के बीच स्कूलों को खोलने का फैसला अब अभिभावकों की राय से ही होगा।मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने फिलहाल यह फैसला अभिभावकों पर ही छोड़ने का निर्णय लिया है। इसके तहत अभिभावकों को बताना होगा कि वह स्कूल कब खुलवाना चाहते हैं- अगस्त, सितंबर या फिर अक्टूबर में। साथ ही स्कूलों के खुलने के बाद उनकी स्कूलों से क्या अपेक्षाएं होंगी।मंत्रालय की इस कवायद को एक अगस्त से अनलॉक- 3 की गाइडलाइन से भी जोड़कर देखा जा रहा है। वैसे भी अनलॉक-2 के तहत जारी गाइडलाइन की समयसीमा 31 जुलाई तक ही है जिसमें स्कूलों को बंद रखने के निर्देश थे। ऐसे में मंत्रालय की इस कवायद को काफी अहम माना जा रहा है। माना जा रहा है कि इसके आधार पर ही अनलॉक-3 में स्कूलों के खोलने को लेकर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी ।बताते चले की स्कूल फीस के चक्कर मे स्कूल जल्दी खोलना चाहते हैं ।क्योकि अभी ऑन लाइन पढाई हो रही है स्कूल कम फीस लेने पर मजबूर हैं ।उसमे भी जो अभिभावक फीस नहीं देपा रहे हैं ,स्कूल उनपर दबाव नहीं बनापारहे हैं ।जब स्कूल खुले होते हैं तो फीस के लिए बच्चो का मानसिक उत्पीड़न किया जाता है, ताकि बच्चो के ज़रिए अभिभावकों पर दबाव बनाया जासके ।

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