कोविड ब्रेकिंग तमिलनाडु के कन्याकुमारी से कांग्रेस सांसद एच वसंत कुमार की कोविड—19 संक्रमण से मौत।कांग्रेस ने ट्विटर पर दी जानकारी । कुमार 70 वर्ष के थे और उन्हें दस अगस्त को अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था ।
जायज़ा डेली न्यूज़ लखनऊ संवाददाता दिल्ली हाई कोर्ट ने सुदर्शन टीवी के UPSC जिहाद पर रोक लगाई। चैनल को कोर्ट ने नोटिस दिया है।सुदर्शन टी वी के नफरत फैलाने वाले प्रोग्राम पर सिविल सेवाओं में मुसलमानों के चयन पर सवाल उठाने वाले एक कार्यक्रम के टीज़र पर आपत्ति करते हुए कई नौकरशाहों और उनके संगठनों ने इसके ख़िलाफ़ कार्रवाई की माँग की है।सोशल मीडिया पर इसे लेकर आलोचना शुरू हुई और जिसके बाद गुरूवार को भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों के संगठन ने इसकी निंदा करते हुए इसे ‘ग़ैर-ज़िम्मेदाराना पत्रकारिता’ क़रार दिया है।सुदर्शन न्यूज़ के संपादक सुरेश चव्हानके ने आईपीएस एसोसिएशन की प्रतिक्रिया पर अफ़सोस जताते हुए कहा है कि ‘उन्होंने बिना मुद्दे को समझे इसे कुछ और रूप दे दिया है। उन्होंने संगठन को इस कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण दिया है।पुलिस सुधार को लेकर काम करने वाले एक स्वतंत्र थिंक टैंक इंडियन पुलिस फ़ाउंडेशन ने भी इसे ‘अल्पसंख्यक उम्मीदवारों के आईएएस और आईपीएस बनने के बारे में एक हेट स्टोरी’ क़रार देते हुए उम्मीद जताई है कि ब्रॉडस्काटिंग स्टैंडर्ड ऑथोरिटी, यूपी पुलिस और संबंद्ध सरकारी संस्थाएँ इसके विरूद्ध सख़्त कार्रवाई करेंगे। राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला ने इस कार्यक्रम के बारे में दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। पूनावाला ने साथ ही इस बारे में न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग एसोसिएशन (एनबीए) के अध्यक्ष रजत शर्मा को एक पत्र लिख उनसे इस कार्यक्रम का प्रसारण रूकवाने और सुदर्शन न्यूज़ तथा इसके संपादक के विरूद्ध क़ानूनी कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।
जेईई-नीट की परीक्षाएं छह राज्यों की सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका
जेईई-नीट की परीक्षाएं तय समय पर करवाने के फ़ैसले के ख़िलाफ़ छह राज्यों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की है। इन दिनों आईआईटी और नीट की परीक्षा कराए जाने की ख़ूब चर्चा है. क्या राजनेता, क्या शिक्षाविद, क्या बुद्धिजीवी और क्या सामाजिक कार्यकर्ता, सब अपनी-अपनी राय दे रहे हैं और पक्ष-विपक्ष में उनके अपने-अपने तर्क हैं।17 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) और जॉइंट एंट्रेंस एग्ज़ामिनेशन (JEE) सितंबर में करवाने की इजाज़त दी थी।सुप्रीम कोर्ट ने अपने फ़ैसले में कहा था कि ‘छात्रों का एक अहम साल बर्बाद नहीं किया जा सकता’ और ‘ज़िंदगी चलती रहनी चाहिए.’इस बीच नेशनल टेस्टिंग एजेंसी JEE की परीक्षाएं 1 सितंबर से 6 सितंबर के बीच और NEET की परीक्षा 13 सितंबर को करवाने के दिशानिर्देश जारी कर चुकी हैं। कई छात्र अपनी मांग पर क़ायम हैं और सरकार भी अपनी ज़िद पर अड़ी है. जेईई की परीक्षा शुरू होने में बस चार दिन बाक़ी हैं। छात्र परीक्षा देने से इनकार तो नहीं कर रहे, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से सितंबर में परीक्षा नहीं चाहते. कोरोना की वजह से कई राज्यों में छात्रों के पास परीक्षा केंद्र तक जाने के लिए यातायात के साधन भी उपलब्ध नहीं है। कई इलाक़ों में बाढ़ की समस्या है, ऐसे में कई छात्र और उनके परिवार को लगता है कि ये सही वक़्त नहीं है कि परीक्षा अभी कराई जाए. परीक्षा की तारीख़ पहले भी दो बार टाली जा चुकी है। अब आईआईटी की परीक्षा 1 से 6 सितंबर के बीच प्रस्तावित है. नीट की परीक्षा की तारीख़ 13 सितंबर है. देशभर में तकरीबन 23 लाख छात्रों ने इन परीक्षाओं के लिए आवेदन भरा है। इस तारीख़ को टालने के लिए छात्र एक बार सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटा चुके हैं, जिसमें सरकार ने अपनी राय नहीं बदली और कोर्ट ने अपना फ़ैसला सरकार के पक्ष में सुनाया।बुधवार को 7 राज्यों की सरकारों ने साथ में फिर से सुप्रीम कोर्ट जा कर रिव्यू पीटिशन डालने का मन बनाया है. बहुत मुमकिन है कि मामला दोबारा कोर्ट पहुँच भी जाए। इसके अलावा भी कुछ दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार से इन परीक्षाओं को कोरोना और बाढ़ की स्थिति सुधरने के बाद कराने का सुझाव दिया है, जिसमें दिल्ली और ओडीशा जैसे राज्य शामिल हैं। दूसरी तरफ़ शिक्षा जगत से जुड़े देश के अलग-अलग हिस्सों से 100 शिक्षाविदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ख़त लिख कर जेईई-नीट की परीक्षा सितंबर में कराने की माँग की है।