जायज़ा डेली न्यूज़  ( एजाज़ रिज़वी ) उत्तर प्रदेश के डीजीपी के तरफ से बक़रीद पर जारी गाइड लाइन के बाद आज लखनऊ के संयुक्त पुलिस कमिश्नर नवीन अरोरा ऐडीसीपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ईदगाह पहुँचे और मौलाना खालिद रशीद से मुलाक़ात कर बक़रीद पर गुफ्तुगू की उनके अलावा इलाक़े के एसीपी और दीगर अफ़सरान मौजूद थे ।संयुक्त पुलिस कमिश्नर ने पत्रकारों को बताया की ईद-उल-अज़हा(बकरीद)का त्यौहार, शांतिपूर्ण व सकुशल संपन्न कराने के दृष्टिगत’इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया’ में धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली, अन्य विभागीय व पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की. कोविड गाइडलाइंस व SOP के अनुपालन का अनुरोध किया गया है । इसके बाद इस्लामिक सेंटर के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने लोगों से अपील की, सरकार की गाइड लाइन पर पूरी तरह से अमल करते हुए अपने घरों में ही कुर्बानी करें। कहा कि, जैसे शब-ए-बरात, रमाजन के आखरी जुमे और इद-उल -फित्र पर रवैया अंजाम दिया, उसी तरह बकरीद में भी जिम्मेदार शहरी होने का उदाहरण बने। ईद उल अज़हा में हर साहिब-ए-हैसियत मुसलमान पर कुर्बानी करना वाजिब( अनिवार्य) है। ईद उल अज़हा के 3 दिनों (10, 11, 12 जिलहिज्ज) 1, 2 और 3 अगस्त में कुर्बानी करना कोई रस्म नहीं, बल्कि खुदा पाक की पसन्दीदा इबादत है। यह हजरत इब्राहीम (अलै.) और हजरत इस्माईल (अलै.) की सुन्नत है। इसका बदल कोई दूसरा नेक अमल नही हो सकता। इसलिए कानूनी दायरे में रहते हुए कुर्बानी को जरूरी अंजाम दें।मौलना खालिद रशीद ने कहा की नफिल कुर्बानी ना करके गरीबों को पैसा सद्का करें। बकरीद के सिलसिले में इस्लामिक सेन्टर ऑफ इंडिया फरंगी महल ने एडवाइजरी जारी की है । जिन इलाकों में ईद-उल -अज़हा (बकरीद)के तीन दिन रेड जोन रहेंगे, ऐसे लोग दूसरी जगहों पर अपनी कुर्बानी की रकम भेज कर कुर्बानी कराए। कुर्बानी के समय एक स्थान पर पांच से अधिक लोग जमा ना हों। बकरीद के सिलसिले में ऐसे ही 18 बिंदुओं की गाइड लाइन इस्लामिक सेन्टर ऑफ इंडिया फरंगी महल ने गुरुवार को जारी की। हालांकि, ईद-उल- अज़हा की नमाज के सिलसिले में दूसरी एडवाइजरी जल्द जारी की जायेगी।-जिन इलाकों में कानूनी बन्दिशें हैं या कोशिशों के बावुजूद भी जानवर नही हासिल हो पा रहे, तो वह लोग भी अपनी रकम दूसरी जगह भेज कर कुर्बानी करा लें। किसी वजह से दूसरी जगह कुर्बानी नही हो सकी तो, एैसी सूरत में कुर्बानी के दिनों के बाद कुर्बानी की कीमत के बराबर रकम सद्का यानी गरीबों को देना वाजिब(अनिवार्य) है। कुर्बानी करने वाला आदमी, नया मास्क, नए ग्लवज़ पहनकर अपने आलात को पूरी तरह सैनेटाइज करके कुर्बानी करे।सड़क किनारे, गली और पब्लिक स्थानों पर कुर्बानी न की जाए। कुर्बानी करते समय फोटो या वीडियो न बनाएं, न सोशल मीडिया पर अपलोड करें। कुर्बानी के जानवरों का खून नालियों में न बहायें।

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